2 नेवी कमाडंर्स समेत 6 पर FIR: सबमरीन प्रोग्राम की सूचनाएं लीक करने का आरोप, 2 महीने की जांच के बाद CBI की कार्रवाई

नई दिल्ली2 मिनट पहले

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मामले की गंभीरता को देखते हुए नौसेना मुख्यालय ने भी आंतरिक जांच शुरू कर दी है।

CBI ने नौसेना के पनडुब्बी बेड़े की खरीदारी और रखरखाव प्रक्रिया की कॉमर्शियल सूचनाएं लीक करने के मामले में चार्जशीट दायर की है। इसमें नौसेना के दो सेवारत कमांडर्स और दो रिटायर्ड अधिकारियों समेत 6 लोगों के नाम शामिल हैं। इन सभी पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून और IPC के तहत मामला दर्ज हुआ है। जांच एजेंसी ने चार्जशीट भी दाखिल की है।

CBI ने बताया कि आरोपी भारत की किलो क्लास पनडुब्बियों के मीडियम रिफिट लाइफ सर्टिफिकेशन या MRLC प्रोग्राम की गोपनीय कॉमर्शियल सूचनाएं लीक कर रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों सेवारत कमांडर विदेशी कंपनियों के लिए काम कर रहे रिटायर्ड नौसेना अधिकारियों को गोपनीय सूचनाएं पहुंचाते थे।

दिल्ली, मुंबई समेत 19 ठिकानों पर छापेमारी हुई
कमांडर एसजे सिंह इसी साल रिटायर्ड हुए और फिर एक कोरियाई कंपनी के लिए काम करने लगे। यह कंपनी की भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट्स में इंट्रेस्ट रखती है। इस मामले में एक रियर एडमिरल समेत कम से कम 12 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। CBI अब तक इस मामले में दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद में 19 स्थानों पर छापे मार चुकी है।

नौसेना अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद मामला सामने आया
CBI की ओर से 3 सितंबर को सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारियों रणदीप सिंह और एसजे सिंह को गिरफ्तार करने के बाद यह मामला सामने आया था। गिरफ्तारी के कुछ समय बाद कमोडोर रणदीप सिंह (रिटायर्ड) की संपत्ति की तलाशी के दौरान करीब 2 करोड़ रुपए नकद बरामद हुए।

जांच के आधार पर CBI ने पश्चिमी नौसेना कमान मुख्यालय में तैनात कमांडर अजीत कुमार पांडे को गिरफ्तार किया। इसके बाद कमांडर पांडे के अंडर में काम कर रहे एक दूसरे कमांडर की गिरफ्तारी हुई, जो उसी मुख्यालय में तैनात था।

राष्ट्रीय सुरक्षा के चलते सार्वजनिक नहीं की FIR
यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। ऐसे में CBI ने 2 सितंबर को दर्ज की गई FIR को सार्वजनिक नहीं की है। CBI में उच्च स्तर पर इसकी जांच चल रही है। सूत्रों ने कहा कि अभी तक की जांच से यह साफ हो चुका है कि जो सूचनाएं साझा की गईं उनका नौसेना के आगामी पनडुब्बी कार्यक्रम प्रोजेक्ट-75 से सरोकार नहीं है।

फूंक-फूंक कर कदम रख रही नौसेना
नौसेना इस बारे में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है, क्योंकि दो दशक पहले वॉररूम लीक कांड सामने आने से पूरा स्कॉर्पियन पनडुब्बी कार्यक्रम पटरी से उतर गया था। इससे नौसेना की तैयारियां ठहर गई थीं। सूत्रों ने बताया कि नौसेना CBI का पूरा सहयोग कर रही है। गिरफ्तार अफसर के संपर्क में आए कुछ और कर्मियों से भी पूछताछ होनी है।

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