चित्रगुप्त पूजा 2021: जानिए इस पर्व की तिथि, शुभ समय और महत्व

चित्रगुप्त पूजा 2021: हिन्दू पंचांग के अनुसार 6 नवंबर 2021 (शनिवार) शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है, जो कार्तिक मास में आती है। इस दिन भगवान चित्रगुप्त का स्मरण किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। उनकी याद में इस शुभ दिन पर किताबें, कलम और स्याही की पूजा की जाती है। भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भी मनाया जाता है।

चित्रगुप्त पूजा का महत्व:
भगवान चित्रगुप्त को ‘स्वर्ग में धर्म का रक्षक’ भी कहा गया है। वह लेखन और साक्षरता के कार्य से भी जुड़े रहे हैं और यही कारण है कि इस दिन कलम और स्याही की पूजा की जाती है। भगवान चित्रगुप्त का उल्लेख कई प्राचीन हिंदू ग्रंथों में मिलता है, जिनमें पद्य पुराण, स्कंद पुराण, ब्रह्म पुराण, यमसंहिता और याज्ञवल्क्य स्मृति शामिल हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान चित्रगुप्त ने ब्रह्मांड के निर्माता भगवान ब्रह्मा के शरीर से अवतार लिया था। एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के समय उनका अवतार हुआ था। ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन से 14 रत्न प्राप्त हुए थे, उसी घटना के बारे में कहा जाता है कि उनकी उत्पत्ति देवी लक्ष्मी से हुई थी। कहा जाता है कि भगवान चित्रगुप्त की देवी ज्वालामुखी, देवी चंडी और महिषासुर मर्दिनी के साथ पूजा की जाती है।

चित्रगुप्त पूजा शुभ तिथि:
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भगवान चित्रगुप्त की पूजा शनिवार, 6 नवंबर, 2021 को की जाएगी।

शुभ मुहूर्त: भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने का शुभ समय शनिवार, 6 नवंबर, 2021 को दोपहर 1.15 से 3.25 बजे के बीच है।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, Dwitiya Tithi उनकी पूजा करने के लिए शुक्रवार, 5 नवंबर, 2021 को रात 11.15 और शनिवार, 6 नवंबर, 2021 को शाम 7.44 बजे के बीच है। उस दिन ‘राहु काल’ खिड़की सुबह 9.26 से 10.47 बजे के बीच होगी।

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