अमेरिका में प्रोजेक्ट कल्पना चावला: भारतीय महिला वैज्ञानिकों को चांद पर ले जाने का मिशन, पहल से एस्ट्रोनॉट सिरिशा बांदला भी जुड़ीं

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6 घंटे पहलेलेखक: न्यूयॉर्क से भास्कर के लिए मोहम्मद अली

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इंटरनेशनल स्पेस यूनिवर्सिटी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट, 2021 के लिए पांच नाम तय।

‘किसी भारतीय महिला का चांद पर कदम रखना लगभग तय हो गया है। पूरी संभावना है कि वह इंटरनेशनल स्पेस यूनिवर्सिटी की ट्रेनिंग से गुजरेगी।’ यह कहना है डॉ. माइकल पॉटर का। दरअसल भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट डॉ. कल्पना चावला के दोस्तों ने उनकी स्मृति में फैलोशिप शुरू की थी, जिसके तहत साइंस फील्ड में प्रतिभाशाली भारत व भारतीय मूल की महिलाओं को चांद पर ले जाने की तैयारी है। प्रोजेक्ट के बोर्ड में पॉटर एडवाइजर हैं। 2021 के लिए 5 नाम हाल में तय किए गए हैं, जानिए पहल के बारे में…

कल्पना के सम्मान में पहल: फोकस भारतीय महिलाओं में नेतृत्व कौशल विकसित करना

कल्पना कहती थीं- ‘अगर आपके पास सपना है तो उसे साकार करने की कोशिश करो। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप औरत हो या भारत से हो या फिर कहीं और से…’ उनकी इसी सोच को हमने कल्पना चावला प्रोजेक्ट फॉर इनोवेशन, एंटरप्रेन्योरिज्म एंड स्पेस स्टडीज में मूर्त रूप दिया, ताकि साइंस के क्षेत्र में भारत की चुनिंदा और प्रतिभाशाली महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मौका मिल सके।

बकौल डॉक्टर पॉटर, ‘कल्पना जहां भी होंगी, देखकर खुश होंगी कि हमने भारतीय महिला वैज्ञानिकों को स्पेस के क्षेत्र में उत्कृष्टता पाने में मदद की है।’ सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में विश्लेषक रहे डॉ. पॉटर ने कहा कि भास्कर के माध्यम से मैं भारतीय महिलाओं को कहना चाहता हूं कि चांद पर उतरने वाली पहली भारतीय महिला का लक्ष्य हासिल करने के लिए वे इस फेलोशिप से जरूर जुड़ें।

इसका उद्देश्य उन भारतीय महिलाओं को मौके उपलब्ध करवाना है, जो साइंस, मेडिसिन, मटेरियल्स, सैटेलाइट टेक्नोलॉजी और स्पेस से जुड़े विषयों में पीजी कर चुकी हैं। जिनकी सोच कल्पना सी निस्वार्थ हो, और वो उन्हीं की तरह शिक्षा व कौशल को लेकर जुनूनी हों। प्रोजेक्ट का फोकस भारतीय महिलाओं में लीडरशिप और टेक कौशल विकसित करना भी है।

हाल ही में अंतरिक्ष यात्रा से लौटीं वर्जिन गैलेक्टिक की भारतीय अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सिरिशा बांदला भी इससे जुड़ गई हैं। उन्होंने कहा,‘डॉ. चावला मुझ जैसी लाखों युवा महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं। संयोग से इस साल वर्ल्ड स्पेस वीक भी महिलाओं के महत्व को समर्पित रहा।’ पहली बैच में ये पांच भारतीय: इस साल प्रोजेक्ट के लिए रिचल अभंग, सुचेशना पाटिल, डॉ. सरस्वती दास, मोनिका एकल और डॉ. गरिमा पटेल का चयन हुआ है।

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