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- एनएससीए ने डीजीपी व हाईकोर्ट के मुख्य सचिव से की बात, राष्ट्रीय एससी आयोग की निगरानी में होगी पूरी कानूनी प्रक्रिया
लुधियाना3 घंटे पहले
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सिंघु बार्डर पर तरनतारन के लखबीर सिंह की हत्या का राष्ट्रीय अनुसूचित जाति (एससी) आयोग ने संज्ञान लिया है। एससी आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाजपा नेता विजय सांपला ने इस मुद्दे पर हरियाणा के DGP पीके अग्रवाल और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सचिव से बात की है। इस मामले से जुड़ी कानूनी प्रक्रिया एससी आयोग की निगरानी में होगी।
दलित समुदाय के लखबीर सिंह की बर्बर हत्या के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति गठबंधन के अध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ ने शनिवार को एससी आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला से मिलकर ज्ञापन सौंपा। कैंथ का कहना था कि हरियाणा के बॉर्डर पर लखबीर सिंह की अमानवीय हत्या हुई। पंजाब में तरनतारन जिले के चीमा गांव के लखबीर सिंह का हाथ और पैर काट दिया गया। इसके बाद उसे 100 मीटर घसीटकर किसान आंदोलन के मंच के पास बैरिकेड से लटका दिया गया। मृतक लखबीर की 3 बेटियां हैं।
कैंथ ने कहा कि उनके संगठन ने इस मामले में संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत गठित संवैधानिक निकाय, एससी आयोग को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने लखबीर सिंह के परिवार को कानूनी, आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने की मांग की। ज्ञापन मिलने के बाद एससी आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए तुरंत हरियाणा के अधिकारियों से बात की।
विजय सांपला को ज्ञापन सौंपते हुए परमजीत सिंह कैंथ।
सिंघु बार्डर की घटना की शैली तालिबानियों जैसी
कैंथ ने पूरे घटनाक्रम को ‘तालिबान’ शैली की लिंचिंग करार दिया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद भी अनुसूचित जाति के लोगों को भेदभाव और असमानताओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पूरा देश इस बात से हैरान है कि लोगों में आज भी इस तरह के जघन्य अपराध की कल्पना करने का दुस्साहस है, जैसा पूरी दुनिया ने सिंघु बॉर्डर पर देखा।
अपराध को धार्मिक बेअदबी से जोड़ने की कोशिश
परमजीत कैंथ ने कहा कि इस अपराध को “धार्मिक बेअदबी’ से जोड़ने की कोशिश कर विवादास्पद बनाया जा रहा है। अपराधियों ने बिना किसी डर के एक व्यक्ति की बेरहमी से हत्या कर दी। भले ही कारण कुछ भी बताया गया हो, लेकिन देश में किसी को भी ऐसे अमानवीय अन्याय को अंजाम देने की इजाजत नहीं है। लखबीर की हत्या एक मायने में सांविधानिक मूल्यों की हत्या हुई है, जो अनुसूचित जाति समुदाय के अधिकारों और स्वतंत्रता के साथ-साथ अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के मूल अधिकार की रक्षा करता है जो सभी की रक्षा करता है।
विजय संपला की तरफ से किया गया ट्वीट
सांपला ने खुद भी ट्वीट कर उठाया मामला
राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने खुद भी ट्वीट कर यह मामला उठाया था। उन्होंने ट्वीट किया था कि अनुसूचित जाति के व्यक्ति की यह निर्मम हत्या बर्दाशत योग्य नहीं है। उन्होंने इस पर संयुक्त किसान मोर्चा को भी स्थिति सपष्ट करने को कहा था। अब वह खुद इस पूरे मामले की कानूनी प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं। साथ ही हरियाणा के DGP और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सचिव के संपर्क में हैं।
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