पंजाब के कैबिनेट मंत्री कोटली विवादों में: राष्ट्रीय महिला आयोग ने चन्नी सरकार को नोटिस भेज 15 दिन में जवाब मांगा; फ्रांसिसी महिला को अगवा कर छेड़छाड़ का 27 साल पुराना है केस

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जालंधर5 मिनट पहले

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मंत्री गुरकीरत कोटली।

पंजाब की नई बनी चन्नी सरकार के कैबिनेट मंत्री गुरकीरत कोटली की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने CM चरणजीत चन्नी की सरकार को नोटिस जारी किया है। उनसे मंत्री के खिलाफ लगे अगवा और छेड़छाड़ के आरोपों पर 15 दिन में जवाब मांगा गया है। यह मामला 27 साल पुराना यानी 1994 का है लेकिन कोटली के मंत्री बनते ही फिर चर्चा में आ गया। जिसके बाद आयोग ने पंजाब के चीफ सेक्रेटरी से इस बारे में रिपोर्ट तलब की है। हालांकि इस मामले में मंत्री गुरकीरत कोटली से बात नहीं हो सकी।

जिस वक्त यह घटना हुई थी, गुरकीरत कोटली के दादा बेअंत सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री थे। फ्रांस की महिला ने आरोप लगाया था कि वह भारत में टूरिस्ट के तौर पर आई थी। 31 अगस्त 1994 को उसे किडनैप कर छेड़छाड़ की गई। उसने मौजूदा मंत्री कोटली को भी मुख्य आरोपी बनाया था। जिंदगी को खतरा बता महिला भारत से वापस अपने देश लौट गई।इसके बाद वह इस मामले की पैरवी के लिए भारत नहीं लौटीं। मामला कोर्ट में गया लेकिन कोटली और उनके 4 दोस्तों को 1998 में कोर्ट ने बरी कर दिया। इनमें पंजाब पुलिस के भी दो कर्मचारी शामिल थे।

2017 में अकाली दल ने की थी शिकायत

यह मामला तब चर्चा में आया जब 2017 में अकाली दल ने राष्ट्रीय महिला आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने मामले की दोबारा जांच करने और री-ट्रायल की मांग की। उसके बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने पंजाब सरकार को नोटिस भेजा। उस वक्त कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री थे। इस बारे में 15 सितंबर 2017 को नोटिस जारी होने के बाद सरकार ने आयोग को कोई जवाब नहीं मिला। आयोग ने पूछा था कि पंजाब सरकार ने लोअर कोर्ट के फैसले को उच्च अदालत में चुनौती क्यों नहीं दी।

कैप्टन सरकार ने जवाब नहीं भेजा, अब चन्नी गवर्नमेंट से मांगा

राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने नोटिस में लिखा कि कमीशन को 2017 में भजनपुरा दिल्ली की गुरप्रीत कौर बाठ ने पिटीशन दी थी। जिसमें बताया गया कि कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। इसके बाद 15 सितंबर को राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया था। तत्कालीन एडिशनल चीफ सेक्रेटरी निर्मलजीत कलसी से पूछा गया था कि लोअर कोर्ट के फैसले के खिलाफ उन्होंने अपील क्यों नहीं की। इसके बावजूद उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। अब उन्हें पता चला है कि उक्त आरोपी को मंत्री बना दिया गया है। उन्होंने चीफ सेक्रेटरी को व्यक्तिगत तौर पर मामले को देखते हुए रिपोर्ट मांगी है।

CM चन्नी के खिलाफ भी की थी मांग

राष्ट्रीय महिला आयोग ने इससे पहले चरणजीत चन्नी के मुख्यमंत्री बनने पर भी सवाल उठाए थे। आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने तो CM चन्नी को महिलाओं की सुरक्षा के लिए खतरा बता दिया। उन्होंने कहा कि उन पर MeToo जैसे आरोप हैं। ऐसे में कांग्रेस को उनसे इस्तीफा लेना चाहिए।

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