अकाली दल का नए CM पंजाब को घेरने का प्रयास: चन्नी को मुख्यमंत्री बनने की बधाई देते हुए सुखबीर ने उठाया बेअदबी का मुद्दा; पूछा-तख्त केसगढ़ साहिब में 5 दिन पहले हुई बेअदबी को लेकर कार्रवाई क्यों नहीं

लुधियानाएक घंटा पहलेलेखक: दिलबाग दानिश

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सुखबीर सिंह बादल और चरणजीत सिंह चन्नी बेअदबी मुद्दे पर आमने-सामने।

पंजाब का नया मुख्यमंत्री बनते ही अकाली दल ने चरणजीत सिंह चन्नी को बेअदबी के मुद्दे पर घेरने का प्रयास किया है। विधानसभा में विपक्ष में रहते हुए चन्नी ने अकाली दल को उनके समय में हुई बेअदबी की घटनाओं पर घेरा था। अब वह मुख्यमंत्री बने हैं तो अकाली दल ने भी इसी मुद्दे पर उनको घेरने का प्रयास किया है। सुखबीर सिंह बादल ने श्री आनंदपुर साहिब में 5 दिन पहले हुई बेअदबी की घटना पर सवाल खड़ा किया है।

सुखबीर बादल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बधाई संदेश देने से पहले एक पोस्ट डाली। जिसमें लिखा गया कि कांग्रेस तख्त श्री केसगढ़ साहिब श्री आनंदपुर साहिब में हुई श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के साजिशकर्ताओं का पर्दाफाश क्यों नहीं कर रही है। यह बेहद दुर्भागयपूर्ण है कि 5 दिन बीत जाने के बाद भी इसकी जांच शुरू नहीं हुई है।

इससे पहले भी गुरुद्वारा साहिब और मंदिरों में हुई बेअदबी की घटनाओं के कारण चोट लगी है। इस बार भी इन योजनाबद्ध घटनाओं को रोकने में कांग्रेस सरकार पूरी तरह से नाकाम रही है, जो प्रदेश को फिर से काले दौर में धकेल रही है। शिरोमणि अकाली दल बादल के सोशल मीडिया अकाउंट पर यह पोस्ट तब डाली गई, जब कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मुहर लगा दी थी। वह राज्यपाल से मिलने जा रहे थे।

बेअदबी के मुद्दे पर कार्रवाई नहीं होने संबंधी डाली गई पोस्ट

बेअदबी के मुद्दे पर कार्रवाई नहीं होने संबंधी डाली गई पोस्ट

अकाली दल की सरकार के समय चन्नी ने उठाया था बेअदबी का मुद्दा
शिरोमणि अकाली दल की सरकार के समय साल 2015 में कोटकपूरा और आसपास के गांवों में बेअदबी की घटनाएं हुई थीं। उस समय चरणजीत सिंह चन्नी विधानसभा में विरोधी पक्ष के नेता थे और उनकी ओर से इस मुद्दे को बेहद जोर-शोर से उठाया गया था। इस दौरान उनकी कई बार पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल से जुबानी जंग भी हुई थी। अब जब कांग्रेस की सरकार है और चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री बन रहे हैं तो अकाली दल ने भी सबसे पहला कार्ड यही खेला है। अकाली दल ने पहला ही वार धार्मिक मुद्दे पर किया है, जबकि सबकी नजरें इस पर ही टिकी हुई हैं कि बेअदबी की घटनाओं की जांच पूरी नहीं हो पाने के कारण जब कैप्टन अमरिंदर सिंह को विरोध का सामना करना पड़ा और कुर्सी गंवानी पड़ी तो चन्नी कैसे इस मुद्दे को हैंडल करते हैं।

2015 में हुई बेअदबी की घटनाओं के आरोपियों को पकड़ना बड़ी चुनौती
अगस्त 2015 कोटकपूरा के गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की चोरी होना, इनकी बेअदबी के पर्चे लगाना और फिर इनका निरादर करने जैसी घटनाओं के बाद प्रदर्शन कर रहे सिखों पर फायरिंग करने की बड़ी घटनाएं अकाली दल की सरकार के दौरान हुईं। इसी को मुद्दा बनाकर कांग्रेस सत्ता में आई थी, मगर 5 साल बीत जाने के बाद भी आरोपियों को नहीं पकड़ा जा सका है। देखने वाली बात यह है कि क्या कांग्रेसी नेता अब कुंवर विजय प्रताप की SIT की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में बहाल करवा पाते हैं, जिसे हाईकोर्ट रद्द कर चुकी है, जबकि उनके पास बेहद कम समय चुनाव में बचा है।

श्री आनंदपुर साहिब का आरोपी पहले ही गिरफ्तार
घटना 13 सितंबर की है। सुबह करीब साढ़े 4 बजे एक शख्स दरबार साहिब में आया और बीड़ी पीने लगा। धुआं होने पर उसने बीड़ी उस जगह पर फेंक दी, जहां ग्रंथी सिंह बैठते हैं। सेवादारों ने जब उसे टोकने का प्रयास किया तो उसने उनके मुंह पर भी धुंआ छोड़ा। इसके बाद उसे नीचे ले जाया गया। पिटाई के बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने सेवादार स्वर्ण सिंह की शिकायत पर आरोपी को गिरफ्तार करके आईपीसी की धारा 295ए के तहत केस दर्ज किया। अदालत ने उसे 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है।

चरणजीत सिंह चन्नी को बधाई देने के लिए डाली गई पोस्ट

चरणजीत सिंह चन्नी को बधाई देने के लिए डाली गई पोस्ट

चन्नी को मुख्यमंत्री बनने पर बधाई भी दी
सुखबीर सिंह बादल की ओर से चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनने पर बधाई भी दी है। उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस विधायक दल का नेता चुने जाने और मुख्यमंत्री पद के लिए नामजद होने पर मेरी तरफ से चरणजीत सिंह चन्नी को बधाई, अमीर जमहूरी कदरों वाली पार्टी शिरोमणि अकाली दल बादल प्रधान होने के नाते मैं उन्हें अच्छी भूमिका निभाने का आश्वासन दिलाता हूं और उमीद करता हूं कि वह कांग्रेस पार्टी की तरफ से साढ़े 4 साल पहले किए गए वादों को पूरा करेंगे।

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