दुखद: ब्रेन मलेरिया से झारखंड जगुआर के एक जवान की मौत, कई दिनों से अस्पताल में चल रहा था इलाज

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची

द्वारा प्रकाशित: प्रशांत कुमार झा
अपडेट किया गया शुक्र, 17 सितंबर 2021 3:59 अपराह्न IST

सार

जगुआर के जवानों के पास बुनियादी सुविधा भी नहीं है। ना तो इन जवानों को साफ पानी पीने को मिलता और नहीं रहने के लिए मकान। टेंट में रहकर ये जवान जंगलों में नक्सलियों का सामना करते हैं। पिछले 13 सालों में जंगलो में उग्रवादियों के खिलाफ अभियान में झारखंड जगुआर के 83 जवान शहीद हो चुके हैं।

झारखंड जगुआर जवान की मौत
– फोटो : सोशल मीडिया

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झारखंड जगुआर (जेजे या एसटीएफ) के जवानों पर ब्रेन मलेरिया कहर बनकर टूट रहा है। ब्रेन मलेरिया ने एक और जवान की जान ले ली। अस्पताल में इलाज के दौरान जवान उपेंद्र कुमार मौत हो गई।  जवान को पहले नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। तबीयत में सुधार नहीं होने पर उसे मेडिका अस्पताल रेफर किया गया, जहां कई दिनों से उसका इलाज चल रहा था, लेकिन गुरुवार को इलाज के दौरान उपेंद्र ने दम तोड़ दिया। मिली जानकारी के मुताबिक, ब्रेन मलेरिया से अबतक झारखंड जगुआर के 83 जवान शहीद हो चुके हैं।  जवान उपेंद्र कुमार मूलत पलामू के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र में स्थित ओरिया के रहने वाले थे।  उपेंद्र ने छह जून 2017 को झारखंड जगुआर में सिपाही के पद पर नौकरी शुरू की थी।

अबतक 83 जवानों की हो चुकी मौत
पिछले 13 सालों में जंगलो में उग्रवादियों के खिलाफ अभियान में झारखंड जगुआर के 83 जवान अभी तक शहीद हो चुके हैं।   जगुआर जवान बहुत सारी समस्याओं से जुझ रहे हैं। 2008 में सरकार द्वारा दी गई टूटी-फूटी गाड़ियों से इन जवानों को गश्त करनी पड़ती है। अभियान से लौटने के बाद पक्के मकान नहीं बल्कि टेंट में रहना पड़ता है।  जगुआर परिसर में आज भी जवानों को साफ पानी पीने को नसीब नहीं हो रहा। कई इलाकों में तो जवान पानी के बीच ही रहते हैं और मच्छरों के शिकार होते हैं।

विस्तार

झारखंड जगुआर (जेजे या एसटीएफ) के जवानों पर ब्रेन मलेरिया कहर बनकर टूट रहा है। ब्रेन मलेरिया ने एक और जवान की जान ले ली। अस्पताल में इलाज के दौरान जवान उपेंद्र कुमार मौत हो गई।  जवान को पहले नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। तबीयत में सुधार नहीं होने पर उसे मेडिका अस्पताल रेफर किया गया, जहां कई दिनों से उसका इलाज चल रहा था, लेकिन गुरुवार को इलाज के दौरान उपेंद्र ने दम तोड़ दिया। मिली जानकारी के मुताबिक, ब्रेन मलेरिया से अबतक झारखंड जगुआर के 83 जवान शहीद हो चुके हैं।  जवान उपेंद्र कुमार मूलत पलामू के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र में स्थित ओरिया के रहने वाले थे।  उपेंद्र ने छह जून 2017 को झारखंड जगुआर में सिपाही के पद पर नौकरी शुरू की थी।

अबतक 83 जवानों की हो चुकी मौत

पिछले 13 सालों में जंगलो में उग्रवादियों के खिलाफ अभियान में झारखंड जगुआर के 83 जवान अभी तक शहीद हो चुके हैं।   जगुआर जवान बहुत सारी समस्याओं से जुझ रहे हैं। 2008 में सरकार द्वारा दी गई टूटी-फूटी गाड़ियों से इन जवानों को गश्त करनी पड़ती है। अभियान से लौटने के बाद पक्के मकान नहीं बल्कि टेंट में रहना पड़ता है।  जगुआर परिसर में आज भी जवानों को साफ पानी पीने को नसीब नहीं हो रहा। कई इलाकों में तो जवान पानी के बीच ही रहते हैं और मच्छरों के शिकार होते हैं।

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