गणेश चतुर्थी 2021: अपनी मनोकामना अनुसार जप करें इन मंत्रों को साकार करने के लिए

Ganesh Chaturthi 2021 Puja Mantra: हिंदी पंचांग के अनुसार आज भादो मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है. आज पूरे देश में गणेशोत्सव का पर्व मनाया जा रहा है. भगवान गणेश का जन्म 10 दिनों तक मनाया जाता है।

आज गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना और पूजा सभी रीति-रिवाजों के साथ की जाती है।

भगवान गणेश भक्तों को सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं और उनके जीवन से सभी बाधाओं को दूर करते हैं, सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। गणेशोत्सव पर भक्तों को अपनी इच्छानुसार मंत्रों का जाप करना चाहिए। यहां इच्छा अनुसार मंत्र दिए गए हैं:

मंत्र यह मंत्र के लिये लंबा जिंदगी:

प्रणम्य शीर्ष देवं गौरीपुत्र विनायकम, भक्तवसम स्मृतितिं आयु: कामार्थ सिद्धये।

मंत्रके लिये संपदा तथा समृद्धि:

Om Namo Ganpatye Kuber Yekdriko Fat swaha

मंत्र के लिये ख़ुशी, शांति तथा गरमाहट में परिवार तथा मकान:

Om Gann Gann Ganpatye Namah

मंत्र प्रति हटाना सब NS बाधाएं तथा समस्या:

Ganapatirvighnarajo Lambtundo Gajanan,

द्वेमातुर्ष हरम्ब एकदंतो गणधिपा,

Vinayakascharukarna Pashupalo Bhavatmaj

द्वादसैतनी नमनी प्रत्यूथय या पाथेत,

विश्वं तस्य भावेवश्यं न चा विघ्नम भावेत कचितो

मंत्र के लिये पूरा विशेष इच्छा:

ओम उदास गौरी पुत्र, वक्रतुंडा, गणपति गुरु गणेश, ग्लौम गणपति, रिद्धि पति, मेरे दूर करो कलेश।

मंत्र के लिये इच्छा का शिक्षा तथा जन्म का बच्चा

विद्यार्थी लाभे विद्यां, धनार्थी लाभे धनं, पुत्रार्थी लाभे पुत्रं – मोक्षार्थी लाभे गतिं।

में समस्या समाधान का मंत्र परिवार

  • Om ekdantaya vidmahe vakratundaya dhimhi tanno buddhi prachodayat.
  • Gan shi pra prasadnaay namah :

के लिये बच्चा: जो लोग शक्ति और विवेक के साथ संतान की कामना करते हैं उन्हें नियमित रूप से इस स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

ओम नमोस्तु गन्नाथय, सिद्धिबुद्धि युतया चा,

Sarv praday dehay putra vriddhi praday cha,

गुरुदराय गरबे गोपुत्रे गुहासिटे ते,

Gopyaya Gopita Shesh, Bhuvanaya Chidatmane,

विश्व मुलाय भव्याय, विश्व सृष्टि कराये ते,

नमो नमस्ते सत्यया, सत्यपूर्णाय शुंडिने,

एकदंते शुद्धाय सुमुखाय नमो नमः :,

प्रपन्न जन पाले, प्राणान्तर्ति विनाशिन,

शरणंभाव देवेश शांति सुमंत कुरु,

भविष्यंति चा ये पुत्र मटकुले गणनायक :,

Te sarve tav pujartham nirta: syurvaromat:,

putra pradam idanstotra sarvasiddhipradayakam.

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