कालिंदी एक्सप्रेस पलटाने की साजिश में 6 हिरासत में, एनआईए की नजर जमातियों पर

  • लोन वुल्फ अटैक मॉड्यूल में स्थानीय लोगों के इस्तेमाल किये जाने की भी जांच कर रही एजेंसियां 
  • तीन दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही एनआईए समेत जांच एजेंसियां

KANPUR. कानपुर फर्रुखाबाद रेलवे ट्रैक पर शिवराजपुर स्टेशन के नजदीक एलपीजी गैस सिलेंडर और पेट्रोलियम बम आदि ज्वलनशील पदार्थ रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल (Kalindi Express Derail) करने की साजिश की जांच कर रही एटीएस व पुलिस ने छह संदिग्धों को हिरासत में लिया है. वहीं अब तक 25 से अधिक से पूछताछ की जा चुकी है. रेलवे ट्रैक पर ज्वलनशील पदार्थ रखे जाने के तरीके को लेकर पुलिस इसे आतंकी घटना मानकर जांच का आगे बढ़ा रही है. वहीं अब मामले की जांच में एनआईए की टीम भी सक्रिय हो गयी है. घटना स्थल के समीप ही बिल्‍हौर के मकनपुर में हजरत बदीउद्दीन जिंदा शाह की मजार में आने वाले जमातियों पर पुलिस की नजर है. इसके साथ ही घटनास्थल के आसपास रहने वालों समेत आसपास सक्रिय मोबाइल नंबरों को ट्रैस किया जा रहा है. मकनपुर में पूरे देश से जमाती आते रहते हैं.

कानपुर में शिवराजपुर रेलवे स्टेशन के पास रविवार रात कालिन्दी एक्सप्रेस ट्रेन को पलटाने की साजिश रची गयी थी. एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) के आईजी नीलाब्जा चौधरी ने कमिश्नरेट पुलिस के साथ फॉरेंसिक व डॉग स्क्वॉयड की मदद से साक्ष्य जमा किया है. वहीं एनआईए (राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी) की पांच सदस्यीय टीम भी कानपुर आ रही है.

राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) की नजर इस घटना के पीछे आतंकी साजिश पर है. बताया जाता है कि आईएस (ISIS) से तार घटना के जुड़े होने के कई प्रमाण मिले हैं. रेलवे पर लोन वुल्फ अटैक की साजिश की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा रहा है. रेलवे देश में परिवहन का प्रमुख माध्यम है और इसे निशाना बनाकर बड़ा धमाका करने की कोशिश की जा सकती है. इसमें पैसा देकर स्थानीय लोगों के इस्तेमाल की भी जांच सुरक्षा एजेंसियां कर रही है. ऐसे पहले भी किया जा चुका है. 2017 में भोपाल रेलवे स्टेशन पर पैंसेजर ट्रेन में टाइम बम रखकर ब्लास्ट किया गया था, इसमें कई यात्री घायल हो गए थे.

कानपुर के डीसीपी वेस्‍ट राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जमातियों की गतिविधियों की जांच की जा रही है. वहीं यूपी एटीएस को भी शक है कि इसकी पीछे जमातियों का हाथ हो सकता है. इस मामले में राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी सक्रिय हो गया है. एनआईए के अफसरों ने यूपी एटीएस से बातचीत कर पूरी जानकारी ली है. जल्‍द एनआईए की एक टीम कानपुर आकर मामले की जांच शुरू करेगी. एटीएस के आईजी कानपुर पुलिस के अफसरों के साथ मीटिंग ले रहे हैं. पुलिस ने कुछ संदिग्‍ध लोगों को पूछताछ के लिए थाने बुलाया है. डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि कई सुरक्षा एजेंसी अपने-अपने स्तर पर जांच कर रही हैं और कमिश्नरेट पुलिस उनका सहयोग कर रही है.