सेना ने चरवाहा मॉड्यूल के 9 लोगों को पकड़ा: आतंकियों को घाटी में मिट्‌टी के घर में रुकने-खाने और जंगलों में छिपने की ट्रेनिंग देते थे

जम्मू8 मिनट पहलेलेखक: एम. रियाज हाशमी

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मॉड्यूल में शामिल लोग ऊंचे पर्वतीय इलाकों में ढोंक (मिट्‌टी के झोपड़े) बनाकर रहते थे। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले जम्मू में एक और आतंकी मुठभेड़ हुई। बुधवार को तलाशी अभियान के दौरान जंगल में छिपे 4 आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी। इसमें 48 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन दीपक सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

जवाबी कार्रवाई में चारों आतंकी जख्मी होकर गोला-बारूद छोड़कर भाग गए। बाद में एक आतंकी का शव बरामद हुआ। तीन की तलाश जारी है। जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आनंद जैन ने बताया कि हमें खून से लथपथ चार बैकपैक और अमेरिका में बनी एम-4 कार्बाइन भी मिली हैं। इन आतंकियों ने मंगलवार शाम उधमपुर के पटनीटॉप से डोडा में एंट्री की थी।

इस इलाके में आतंकियों की मदद करने वाले ‘चरवाहा मॉड्यूल’ का खुलासा हुआ है। 12 अगस्त को सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक मॉड्यूल पकड़ा था, जिसमें 9 सदस्य थे। ये लोग ऊंचे पर्वतीय इलाकों में ढोंक (मिट्‌टी के झोपड़े) बनाकर रहते थे।

ये लोग सांबा व कठुआ बॉर्डर से घुसपैठ करने वाले आतंकियों को ढोंक में रुकने-खाने और पहाड़ों व जंगलों में छिपने की ट्रेनिंग देते थे। इन्हीं के बताए रास्तों पर चलकर आतंकी डोडा, किश्तवाड़, रियासी और उधमपुर तक पहुंचे।

डोडा में आतंकी हमले की लोकेशन…

पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में रहते थे मददगार, एक आतंकी से 50 हजार रुपए लेते थे
जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इन 9 मददगारों में एक शख्स है हाजी मोहम्मद लतीफ। 60 साल का लतीफ कठुआ के अंबेनाल में आतंक का नेटवर्क चला रहा था। 11-12 जून को हीरानगर के सैडा सोहल में मुठभेड़ के बाद लतीफ का नाम सामने आया था। मॉड्यूल में उसका बेटा लियाकत और भाई नूरानी भी है।

लतीफ ने ही इन आतंकियों को सांबा से कठुआ में एंट्री कराने और कैलाश कुंड के पास सुरक्षित पहुंचाया। वह पाकिस्तान में बैठे हैंडलरों से सीधे जुड़ा था। इसके बदले एक आतंकी से 50 हजार रु. लेता था। 20 आतंकियों की घुसपैठ कराकर 15 लाख रु. कमा चुका है। इसी पैसे से उसने आतंक का ओवरग्राउंड नेटवर्क तैयार किया।

केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट पर सेना ने पुलिस को चरवाहों की जानकारी दी, क्योंकि आतंकी चरवाहों के रूट का ही घुसपैठ में उपयोग कर रहे थे। पुलिस ने ढोंक में रह रहे 50 चरवाहों को हिरासत में लिया। इन्होंने सख्ती के बाद मुंह खोल दिया।

घाटी के 169 ‘आतंकी’ जम्मू शिफ्ट
सेना को पता चला है कि कश्मीर में एक्टिव रहे 169 आतंकी बीते महीनों में जम्मू शिफ्ट हुए हैं। ये मूलत: किश्तवाड़, रामबन, डोडा, उधमपुर, राजोरी, पुंछ के हैं। जम्मू में इनका हिस्ट्री रिकॉर्ड पुलिस के पास नहीं है, इसलिए ये खुले घूम रहे थे। इन्हीं में से एक शख्स की बीते दिनों गिरफ्तारी हुई। तब बाकी का पता चला।

कश्मीर में एक्टिव रहे 169 आतंकी बीते महीनों में जम्मू शिफ्ट हुए हैं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

कश्मीर में एक्टिव रहे 169 आतंकी बीते महीनों में जम्मू शिफ्ट हुए हैं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

देहरादून के शहीद कैप्टन हॉकी के भी अच्छे खिलाड़ी थे
डोडा मुठभेड़ में शहीद हुए कैप्टन दीपक 25 साल के थे। उनका परिवार उत्तराखंड के देहरादून में रहता है। दीपक 13 जून 2020 को 48 राष्ट्रीय राइफल्स में सिग्नल अधिकारी के पद पर कमीशन हुए थे। उन्हें हॉकी खेलने का शौक था।

सैन्य सूत्रों के मुताबिक डोडा के अस्सर में दीपक ही जवानों को लीड कर रहे थे। शहीद होने के पहले उन्होंने एक आतंकी को ढेर कर दिया था। उनका पार्थिव शरीर 15 अगस्त को देहरादून पहुंचने की संभावना है।

एनकाउंटर की दो तस्वीरें…

डोडा में मारा गया एक आतंकी। यहां 4 आतंकियों के मारे जाने की खबर है।

डोडा में मारा गया एक आतंकी। यहां 4 आतंकियों के मारे जाने की खबर है।

आतंकियों से एके-47, अमेरिकी एम-4 राइफल और तीन बैग विस्फोटक बरामद हुए हैं।

आतंकियों से एके-47, अमेरिकी एम-4 राइफल और तीन बैग विस्फोटक बरामद हुए हैं।

30 दिन में यह डोडा में दूसरा हमला
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में यह 30 दिन में दूसरा हमला है। इससे पहले 15 जुलाई की रात 9 बजे डेसा फॉरेस्ट एरिया में आतंकियों के साथ आर्मी की मुठभेड़ हुई थी। इस एनकाउंटर में सेना के कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हो गए थे। एक पुलिसकर्मी की भी मौत हुई है। इस एनकाउंटर की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश ने ली थी। पूरी खबर पढ़ें…

भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने डोडा के असार क्षेत्र के पास जंगल में तलाशी अभियान शुरू किया।

भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने डोडा के असार क्षेत्र के पास जंगल में तलाशी अभियान शुरू किया।

स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर
स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। जम्मू में 3000 से अधिक सेना के जवान और BSF के 2000 जवान तैनात किए गए हैं। वहीं आतंकवाद से निपटने के लिए असम राइफल्स के करीब 1500-2000 जवान भी तैनात किए जा रहे हैं।

पुंछ में नियंत्रण रेखा पर माइन विस्फोट में सैनिक और 2 पोर्टर घायल
पुंछ जिले के मंडी इलाके में बुधवार को नियंत्रण रेखा (LOC) पर माइन विस्फोट में एक सैनिक और दो पोर्टर (कुली) घायल हो गए। टेकरी पोस्ट के पास दोपहर करीब 2:30 बजे यह विस्फोट हुआ।घायलों में हवलदार इंद्रजीत सिंह, बी शकील हुसैन और नीरज चौधरी को इलाज के लिए सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। FIR दर्ज कर ली गई है।