रेलवे दो साल में 10,000 जनरल, स्लीपर डिब्बों का करेगा निर्माण

New Delhi.  रेल यात्रियों के सफर को सुविधाजनक बनाने के मकसद से भारतीय रेलवे अगले दो वित्त वर्षों में 10,000 गैर-वातानुकूलित डिब्बों का निर्माण करने जा रहा है. उत्तर रेलवे ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि इस पहल का मकसद आम रेल यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाना है. अगले दो वर्षों में 10,000 गैर-वातानुकूलित डिब्बे बनाए जाने के बाद कुल यात्री डिब्बों में इनका हिस्सा 22 प्रतिशत बढ़ जाएगा.

वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान रेलवे सामान्य (जनरल) श्रेणी के 2,605 डिब्बे, शयनयान (स्लीपर) श्रेणी के 1,470 डिब्बे और एसएलआर (गार्ड एवं दिव्यांगों के लिए निर्धारित) श्रेणी के 323 डिब्बों के साथ 32 पार्सल वैन और 55 पैंट्री कार का निर्माण भी करेगा.

बयान के मुताबिक, यात्रियों की सुविधा को बेहतर बनाने के लिए तैयार इस निर्माण कार्यक्रम में अमृत भारत ट्रेनों के लिए भी सामान्य, शयनयान और एसएलआर कोच शामिल हैं. इसी तरह वित्त वर्ष 2025-26 में भी सामान्य श्रेणी के 2,710 डिब्बे, शयनयान श्रेणी के 1,910 डिब्बे, 514 एसएलआर डिब्बे, 200 पार्सल वैन और 110 पैंट्री कार का निर्माण किया जाएगा.

बयान के मुताबिक, रेलवे का ध्यान गैर-वातानुकूलित डिब्बों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए पर्याप्त और बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के साथ यात्रियों की बदलती जरूरतों एवं मौसमी उतार-चढ़ाव के अनुरूप आराम और उपलब्धता को बढ़ाने पर है.
नए रेल डिब्बों के निर्माण से रेलवे अधिक संख्या में यात्रियों को पक्का (कन्फर्म) टिकट मुहैया कराने की स्थिति में होगा। इससे यात्रियों को लंबी प्रतीक्षा सूची की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा.

खासतौर पर त्योहारों एवं छुट्टियों के समय कन्फर्म टिकट मिलना बेहद मुश्किल हो जाता है. ट्रेन में जनरल और स्लीपर श्रेणी के डिब्बों की संख्या कम होने से भी समस्या बढ़ जाती है.
रेलवे ने इसी समस्या को दूर करने और सुविधाजनक सफर मुहैया कराने के इरादे से गैर-वातानुकूलित श्रेणी के डिब्बों का निर्माण करने का फैसला किया है.