चमोली38 मिनट पहले
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कपाट बंद होने से पहले केदारनाथ मंदिर को 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया।
उत्तराखंड में स्थित चारों धामों के कपाट बंद होने का सिलसिला शनिवार से शुरू हो गया है। चारों धामों में अब तक 44 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं।
उत्तरकाशी में स्थित गंगोत्री धाम के कपाट कल 2 नवंबर को दोपहर 12:14 बजे बंद हुए। आज सुबह 8:30 बजे केदारनाथ के कपाट बंद हुए। वहीं, यमुनोत्री धाम के गेट भी आज दोपहर 12:04 बजे बंद कर दिए जाएंगे। बद्रीनाथ में 17 नवंबर तक दर्शन किए जा सकेंगे।
केदारनाथ के कपाट 10 मई को खोले गए थे। 1 नवंबर तक यहां 16 लाख 15 हजार 642 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वहीं बद्रीनाथ धाम में अब तक 13 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे। यमुनोत्री में 7.10 लाख और गंगोत्री में 8.11 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। चारों धाम में अब तक 44 लाख दर्शन कर चुके हैं।
केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने से पहले की 3 तस्वीरें
कपाट बंद होने की पूर्वसंध्या पर शनिवार को दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे।
कपाट बंद होने से पहले पहुंचे तीर्थ पुरोहित और मंदिर समिति के पदाधिकारी।
बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति 1 नवंबर को ही मंदिर परिसर पहुंची।
कपाट बंद होने से पहले केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति की मंदिर परिक्रमा हुई
शनिवार को बाबा केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति को भंडार से बाहर लाया गया। पंचमुखी उत्सव मूर्ति को पुजारी शिवशंकर ने स्नान कराया गया, जिसके बाद धर्माधिकारी औंकार शुक्ला वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल ने पूजा-अर्चना की।
इसके बाद श्रद्धालुओं ने पंचमुखी उत्सव मूर्ति के दर्शन किए गए। मंदिर की परिक्रमा के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति डोली को मंदिर परिसर में विराजमान कर दिया गया।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति विभिन्न पड़ावों में प्रवास के बाद शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। कपाट बंदी के लिए केदारनाथ मंदिर को दस क्विंटल फूलों से सजाया गया है।
पहली बार श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रहीं, केदारनाथ में रोज 15 हजार ही दर्शन कर पाए
- चारों धाम में पिछले साल रिकॉर्ड 55 लाख लोग पहुंचे थे, जिससे व्यवस्थाएं बिगड़ गई थीं। उत्तराखंड पुलिस और पर्यटन विभाग ने इस बार चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की प्रतिदिन की संख्या सीमित रखी।
- पिछले साल चारों धामों में रोजाना 60 हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंचे रहे थे। पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे के मुताबिक इस बार केदारनाथ में एक दिन में 15 हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने की लिमिट रखी गई है।
- 16 हजार लोग बद्रीनाथ धाम, 9 हजार श्रद्धालु यमुनोत्री वहीं, 11 हजार लोग गंगोत्री में प्रतिदिन दर्शन कर सकेंगे। यानी चारों धाम में रोजाना 51 हजार लोग दर्शन करेंगे।
- पहली बार चार धाम यात्रा मार्ग पर 400 से ज्यादा डॉक्टरों की तैनाती की गई है। इनमें 256 इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर और विशेषज्ञ डॉक्टर हैं।
गंगोत्री धाम के कपाट कल बंद हुए, मां गंगा की डोली यात्रा रवाना
मां गंगा की उत्सव डोली के दौरान मौजूद श्रद्धालु
उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री धाम के कपाट 2 नवंबर को दोपहर 12:14 बजे बंद हुए। इस मौके पर गंगोत्री धाम हर-हर गंगे, जय मां गंगा के जयकारे लगे।
सेना के बैंड और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन के साथ मां गंगा की डोली यात्रा के साथ अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा (मुखीमठ) के लिए रवाना हुईं। अब 6 महीने के लिए मां गंगा के दर्शन शीतकालीन प्रवास मुखवा में होंगे।
गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि मां गंगा की उत्सव डोली रात्री विश्राम के लिए मार्कंडेयपुरी देवी मंदिर में रुकी। भजन कीर्तन किए गए।
बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद होंगे
बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद होंगे।
चारों धाम में ब्रदीनाथ धाम ही जो इस बार सबसे लेट बंद होंगे। इस धाम के गेट 17 नवंबर को बंद किए जाएंगे। यहां अब तक 13 लाख लोग पहुंच चुके हैं। कल यानी 4 नवंबर को तृतीय केदार, तुंगनाथ के कपाट भी बंद होंगे। जबकि द्वितीय केदार, मद्महेश्वर के कपाट 20 नवंबर को बंद होंगे।
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