29 महीने बाद देश में बेरोजगारी 10% बढ़ी: कोरोना महामारी के बाद यह दर सबसे ज्यादा, मई 2021 में यह 11.84% थी

नई दिल्ली21 मिनट पहले

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ग्रामीण इलाकों में मनरेगा के तहत दिया जाने वाला रोजगार एक महीने में रोजगार 28.16% घटा है। योजना के तहत सितंबर में 19.53 करोड़ लोगों को रोजगार मिला था। अक्टूबर में संख्या घटकर 14.03 करोड़ रह गई।

देश में 29 महीने बाद 15 साल से अधिक उम्र के लोगों के बीच बेरोजगारी दर 10% से ज्यादा हो गई है। कोविड-19 के बाद यह दर सबसे ज्यादा है। इससे पहले मई 2021 में यह दर 11.84% दर्ज की गई थी।

ग्रामीण इलाकों में मनरेगा रोजगार 28.16% घटा
ताजा दर में अप्रत्याशित बढ़ोतरी गांवों में बेरोजगारों की संख्या बढ़ने से हुई है। दरअसल, ग्रामीण इलाकों में मनरेगा के तहत दिया जाने वाला रोजगार एक महीने में रोजगार 28.16% घटा है। योजना के तहत सितंबर में 19.53 करोड़ लोगों को रोजगार मिला था। अक्टूबर में संख्या घटकर 14.03 करोड़ रह गई। वहीं, अगर शहरों में बेरोजगारी की बात करें तो यहां सितंबर में बेरोजगारी दर 8.9% थी, जो अक्टूबर में घटकर 8.4% रह गई।

देश में 97 लाख नए लोग काम ढूंढ रहे
सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर में देश में 97 लाख नए लोग काम तलाश रहे थे। इनमें 81 लाख नए बेरोजगार ग्रामीण क्षेत्रों से थे। ग्रामीण श्रमशक्ति की बात करें तो अक्टूबर में नए और पुराने 1.52 करोड़ मजदूर जुड़े। इससे कुल बेरोजगार ग्रामीण मजदूरों की संख्या एक महीने में 1.93 करोड़ से बढ़कर 3.45 करोड़ हो गई।

बेरोजगारी की यह स्थिति इसलिए चौंकाने वाली है क्योंकि पिछले पांच सालों में सितंबर से अक्टूबर के बीच औसतन बेरोजगार 50 लाख ही बढ़े थे। ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों को छोटे व्यापारियों के यहां दिहाड़ी और वेतनभोगी के रूप में रोजगार मिलता है। अक्टूबर के आंकड़े बताते हैं कि छोटी दुकानों में दिहाड़ी मजदूरों की संख्या में 1.03 करोड़ की कमी आई। वेतनभागी मजदूरों की संख्या भी 46 लाख घटी। खेतिहर मजदूरों की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई।

2017-18 में बेरोजगारी दर 45 साल के सबसे ऊपरी लेवल पहुंची थी

बेरोजगारी को सरकार की नजर से देखें तो उसके पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) डेटा के मुताबिक, 2017-18 में बेरोजगारी दर 45 साल के सबसे ऊपरी लेवल 6.1% तक पहुंच गई थी। यानी, उस साल हर 10,000 वर्कर में 610 बेरोजगार थे, लेकिन अगले साल यानी 2018-19 में उनका आंकड़ा घटकर 5.8% (580 प्रति 10,000) पर आ गया।

2020-21 में बेरोजगारी दर में खासा उछाल आने के आसार

अगले साल यानी 2020-21 में कोविड के चलते स्थिति बिगड़ने और बेरोजगारी दर में खासा उछाल आने के आसार हैं। देश में रोजगार और बेरोजगारी दर के अहम संकेतकों के बारे में अनुमान लगाने के लिए नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) अप्रैल 2017 से PLFS कर रहा है।

2013 से 2019 के बीच बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट का रुझान

ILO के डेटाबेस के मुताबिक, 2008 में हर 10,000 वर्कर में 536 बेरोजगार थे, जिनकी संख्या 2010 में 565 पर पहुंच गई। लेकिन, 2013 से 2019 के बीच इसमें लगातार गिरावट का रुझान बना रहा। 2013 में बेरोजगारी 567 वर्कर प्रति 10,000 से 2019 में 527 पर आ गई लेकिन 2020 में बेरोजगारों की संख्या तेज उछाल के साथ 711 पर पहुंच गई।

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