12 तस्वीरों में देखें… कल्याण की राजनीतिक यात्रा: जिस अतरौली विधानसभा से कल्याण सिंह लगातार 8 बार जीते थे, वहीं से उनकी बहू चुनाव हारीं और जमानत भी जब्त हो गई

लखनऊ15 मिनट पहले

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कल्याण सिंह अलीगढ़ की अतरौली विधानसभा से लगातार 8 बार विधायक रहे थे। इस दौरान वह जनसंघ, जनता पार्टी और भाजपा से विधायक रहे। लेकिन एक ऐसा दौर भी आया, जब वह अपने ही गढ़ में कमजोर हो गए। 2012 में जब उनकी बहू प्रेमलता उनकी जनक्रांति पार्टी से अतरौली से चुनाव लड़ीं, तो उनकी जमानत भी जब्त हो गई। हालांकि, भाजपा में वापसी के बाद उसी अतरौली विधानसभा से जब उनके पोते संदीप सिंह ने चुनाव लड़ा तो वह सबसे कम उम्र के विधायक भी बने।

12 तस्वीरों के जरिए देखिए कल्याण सिंह की राजनीतिक यात्रा-

1967 से 1980 के बीच अतरौली विधानसभा कल्याण सिंह की कर्मभूमि रही है। यह तस्वीर भी उनके चुनावी सभा के दौरान की ही है। अतरौली से कल्याण लगातार 8 बार विधायक रहे। यहीं से निकल कर वे दो बार यूपी के सीएम भी बने।

1967 से 1980 के बीच अतरौली विधानसभा कल्याण सिंह की कर्मभूमि रही है। यह तस्वीर भी उनके चुनावी सभा के दौरान की ही है। अतरौली से कल्याण लगातार 8 बार विधायक रहे। यहीं से निकल कर वे दो बार यूपी के सीएम भी बने।

यूपी में जो भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठता है, वह अपने कार्यकाल में एक बार मलीहाबाद आम की दावत करने जरूर जाता है। यह फोटो भी मलीहाबाद का है। साल 1991 में कल्याण सिंह यूपी सीएम थे। तब वह अपने मंत्रियों के साथ पद्मश्री कलीमुल्लाह खान के बाग पहुंचे थे। जहां सिर्फ तरह-तरह के आम की दावत हुई थी। इस दौरान राजनाथ सिंह और ओम प्रकाश सिंह भी मौजूद थे।

यूपी में जो भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठता है, वह अपने कार्यकाल में एक बार मलीहाबाद आम की दावत करने जरूर जाता है। यह फोटो भी मलीहाबाद का है। साल 1991 में कल्याण सिंह यूपी सीएम थे। तब वह अपने मंत्रियों के साथ पद्मश्री कलीमुल्लाह खान के बाग पहुंचे थे। जहां सिर्फ तरह-तरह के आम की दावत हुई थी। इस दौरान राजनाथ सिंह और ओम प्रकाश सिंह भी मौजूद थे।

1986 से शुरू हुए राम मंदिर आंदोलन में कल्याण सिंह नायक बनकर उभरे थे। बाबरी विध्वंस मामले में CBI ने कोर्ट में पत्रकार शीतला सिंह को बतौर गवाह पेश किया था। शीतला सिंह ने बताया कि उन्हें पता चला था कि जिस दिन मस्जिद गिराई गयी, उस दिन लालकृष्ण आडवाणी और कल्याण सिंह फोन पर लंबी बात कर रहे थे। कल्याण सिंह इस्तीफा देना चाहते थे, लेकिन आडवाणी ने कहा, पूरी मस्जिद गिर जाने दो फिर इस्तीफा देना।

1986 से शुरू हुए राम मंदिर आंदोलन में कल्याण सिंह नायक बनकर उभरे थे। बाबरी विध्वंस मामले में CBI ने कोर्ट में पत्रकार शीतला सिंह को बतौर गवाह पेश किया था। शीतला सिंह ने बताया कि उन्हें पता चला था कि जिस दिन मस्जिद गिराई गयी, उस दिन लालकृष्ण आडवाणी और कल्याण सिंह फोन पर लंबी बात कर रहे थे। कल्याण सिंह इस्तीफा देना चाहते थे, लेकिन आडवाणी ने कहा, पूरी मस्जिद गिर जाने दो फिर इस्तीफा देना।

तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के प्रमुख सचिव रहे योगेंद्र नारायण के अनुसार 6 दिसंबर 1992 को जब अयोध्या में मस्जिद गिर रही थी, तब तत्कालीन डीजीपी एस एम त्रिपाठी उनके पास पहुंचे और कारसेवकों पर गोली चलाने की अनुमति मांगी। हालांकि, कल्याण सिंह ने इसकी अनुमति नही दी। इसके बाद कल्याण ने अपना इस्तीफा लिखा और राज्यपाल के यहां पहुंच गए।

तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के प्रमुख सचिव रहे योगेंद्र नारायण के अनुसार 6 दिसंबर 1992 को जब अयोध्या में मस्जिद गिर रही थी, तब तत्कालीन डीजीपी एस एम त्रिपाठी उनके पास पहुंचे और कारसेवकों पर गोली चलाने की अनुमति मांगी। हालांकि, कल्याण सिंह ने इसकी अनुमति नही दी। इसके बाद कल्याण ने अपना इस्तीफा लिखा और राज्यपाल के यहां पहुंच गए।

मायावती पहली बार जून 1995 में सपा के साथ गठबंधन तोड़कर BJP और अन्य दलों के समर्थन से CM बनीं थीं। पहली बार किसी राज्य में 6-6 महीने मुख्यमंत्री बनने का फार्मूला सामने आया था।

मायावती पहली बार जून 1995 में सपा के साथ गठबंधन तोड़कर BJP और अन्य दलों के समर्थन से CM बनीं थीं। पहली बार किसी राज्य में 6-6 महीने मुख्यमंत्री बनने का फार्मूला सामने आया था।

यूपी में जगदंबिका पाल सिर्फ 24 घंटे ही मुख्यमंत्री रह सके थे। उत्तर प्रदेश में 1998 में राज्यपाल रोमेश भंडारी ने कल्याण सिंह को सीएम पद से बर्खास्त कर जगदंबिका पाल को सीएम पद की शपथ दिला दी थी। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नेतृत्व में सदन में विधायकों ने प्रदर्शन किया था।

यूपी में जगदंबिका पाल सिर्फ 24 घंटे ही मुख्यमंत्री रह सके थे। उत्तर प्रदेश में 1998 में राज्यपाल रोमेश भंडारी ने कल्याण सिंह को सीएम पद से बर्खास्त कर जगदंबिका पाल को सीएम पद की शपथ दिला दी थी। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नेतृत्व में सदन में विधायकों ने प्रदर्शन किया था।

2009 लोकसभा चुनाव से पहले कल्याण सिंह ने भाजपा छोड़ सपा का दामन थाम लिया। जिसके बाद उन्होंने मुलायम के साथ खूब प्रचार भी किया। हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद तल्खी के साथ दोनों की दोस्ती टूट गई थी।

2009 लोकसभा चुनाव से पहले कल्याण सिंह ने भाजपा छोड़ सपा का दामन थाम लिया। जिसके बाद उन्होंने मुलायम के साथ खूब प्रचार भी किया। हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद तल्खी के साथ दोनों की दोस्ती टूट गई थी।

कल्याण सिंह दो बार सांसद रहे। 2004 में वह बुलंदशहर से सांसद रहे और दूसरी बार 2009 में एटा से सांसद बने। दिलचस्प बात यह है कि एटा में कल्याण सिंह एटा में अपनी चुनावी रैली के लिए मुलायम सिंह यादव को अपना प्रचार करने ले गए थे। राजनीतिक इतिहास की यह सबसे बड़ी घटना थी जब कल्याण और मुलायम एक साथ मंच पर हाथ पकड़े खड़े थे।

कल्याण सिंह दो बार सांसद रहे। 2004 में वह बुलंदशहर से सांसद रहे और दूसरी बार 2009 में एटा से सांसद बने। दिलचस्प बात यह है कि एटा में कल्याण सिंह एटा में अपनी चुनावी रैली के लिए मुलायम सिंह यादव को अपना प्रचार करने ले गए थे। राजनीतिक इतिहास की यह सबसे बड़ी घटना थी जब कल्याण और मुलायम एक साथ मंच पर हाथ पकड़े खड़े थे।

यह फोटो साल 2011 की हैं। वह अक्सर लखनऊ में अलग-अलग जगह में दिख जाते थे। यह फोटो लखनऊ के सदर बाजार की हैं। यह वह क्षेत्र हैं जहां पर सबसे ज्यादा भीड़ रहती हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रहते हुए वह खरीददारी कर रहे हैं।

यह फोटो साल 2011 की हैं। वह अक्सर लखनऊ में अलग-अलग जगह में दिख जाते थे। यह फोटो लखनऊ के सदर बाजार की हैं। यह वह क्षेत्र हैं जहां पर सबसे ज्यादा भीड़ रहती हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रहते हुए वह खरीददारी कर रहे हैं।

2014 आम चुनाव जीतने के बाद पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के दौरान कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी भी मौजूद थे। इस दौरान पीएम मोदी ने दोनों का अभिनंदन भी किया था। उसी दौरान तीनों हलके-फुल्के अंदाज में नजर आए थे।

2014 आम चुनाव जीतने के बाद पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के दौरान कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी भी मौजूद थे। इस दौरान पीएम मोदी ने दोनों का अभिनंदन भी किया था। उसी दौरान तीनों हलके-फुल्के अंदाज में नजर आए थे।

अमित शाह एक बार कल्याण सिंह से मिलने पहुंचे थे। जहां उनको सामने देख वह तुरंत नतमस्तक हो गए थे। यह तस्वीर इंटरनेट पर काफी वायरल हुई थी और दोनों को हिंदुत्व का झंडा ऊंचा रखने वाला बताया गया था।

अमित शाह एक बार कल्याण सिंह से मिलने पहुंचे थे। जहां उनको सामने देख वह तुरंत नतमस्तक हो गए थे। यह तस्वीर इंटरनेट पर काफी वायरल हुई थी और दोनों को हिंदुत्व का झंडा ऊंचा रखने वाला बताया गया था।

पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद हिन्दू हृदय सम्राट कल्याण सिंह जोकि राजनीति में गुम हो चुके थे, उन्हें याद किया गया था। 26 अगस्त 2014 को उन्हें राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया। तत्कालीन राजस्थान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा राजभवन में उनका अभिनंदन किया गया।

पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद हिन्दू हृदय सम्राट कल्याण सिंह जोकि राजनीति में गुम हो चुके थे, उन्हें याद किया गया था। 26 अगस्त 2014 को उन्हें राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया। तत्कालीन राजस्थान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा राजभवन में उनका अभिनंदन किया गया।

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