हिमाचल में डैम के पानी से तबाही: सरकार ने सभी कंपनियों को दिए नोटिस; नुकसान की भरपाई कराने की तैयारी, मनमानी पर लगेगी लगाम

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देवेंद्र हेटा,शिमला9 मिनट पहले

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हिमाचल सरकार उन बिजली निर्माता कंपनियों से नुकसान की भरपाई पर विचार कर रही है, जिनकी लापरवाही से बीते दिनों डैम से पानी छोड़ने की वजह से डाउन स्ट्रीम में भारी नुकसान हुआ है। जिन बांध प्रबंधन ने बिना पूर्व सूचना के नदियों में पानी छोड़ा है, ऐसी सभी निजी व सरकारी कंपनियों को सरकार ने नोटिस जारी कर दिए है। इनके जवाब मिलने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।

राज्य सरकार ने नदियों पर बांध बनाकर बिजली उत्पादन कर रही कंपनियों से अर्ली वॉर्निंग सिस्टम नहीं लगाने को लेकर भी जवाब तलब किया है। इसलिए डैम सेफ्टी एक्ट की धारा 44 के तहत भी लीगल नोटिस दिए गए है। यह नोटिस राज्य सरकार चार बिजली प्रोजेक्ट को भी दिया गया है।

23 में से दो प्रोजेक्ट में ही अर्ली वॉर्निंग सिस्टम

सूत्रों की मानें तो हिमाचल में 23 डैम में से दो प्रोजेक्ट में ही अर्ली वॉर्निंग सिस्टम लगा है, जबकि आठ जून 2014 में लारजी डैम से बिना सूचना के पानी छोड़े जाने के बाद हैदारबाद के एक इंजीनियरिंग कालेज के 24 छात्रों की मौत हो गई थी। इसके बाद सभी जल विद्युत कंपनियों को अर्ली वॉर्निंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए गए थे। मगर, 21 कंपनियों ने आज तक इन्हें नहीं लगाया।

यही वजह है कि खासकर मनसून के दौरान जब भारी बारिश के बाद डैम का वाटर लेवल बढ़ जाता है तो डैम से बिना सूचना के थोक में पानी छोड़ दिया जाता है। इससे डाउन स्ट्रीम में लोगों के घर, उपजाऊ जमीन जलमग्न हो जाते है। इस बार भी ऐसा ही देखने को मिला है।

डैम ओवर फ्लो होने पर पानी छोड़ने से होता है नुकसान

चिंता इस बात को लेकर है कि प्रोजेक्ट प्रबंधन अधिक बिजली बनाकर अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में रूटीन में पानी छोड़ने के बजाय जब डैम पूरी तरह भर जाता है, तब जाकर पानी छोड़ते है जो तबाही का कारण बनते है।

सेंट्रल वाटर कमीशन की गाइडलाइन के अनुसार, हिमाचल में स्थापित 23 बांधों में से सिर्फ दो में अर्ली वॉर्निंग सिस्टम लगे हैं। NTPC के कोलडैम और SJVNL के नाथपा झाकड़ी प्रोजेक्ट में अर्ली वॉर्निंग सिस्टम लगा है।

इन प्रोजेक्ट में अधूरा अर्ली वॉर्निंग सिस्टम

भाखड़ा, पौंग, लारजी, सावड़ा, कड़छम, बासपा, एलायन दुहांगन, मलाणा-1, चमेरा-2, चांजू-1 और बुद्धिल में अर्ली वॉर्निंग सिस्टम अधूरा है। बाकी प्रोजेक्टों में इसे स्थापित ही नहीं किया। स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट सेल (SDMA) के अनुसार, हिमाचल में 23 में से 10 डैम ऐसे है, जो बार-बार बाढ़ का कारण बन रहे है।

इन प्रोजेक्ट के कारण हुई तबाही

BBMB के पंडोह और पौंग डैम के कारण इस मानसून में भी काफी तबाही हुई है। बिजली बोर्ड के लारजी और गिरि नदी पर स्थित जेटों डैम भी बाढ़ का कारण बना है। भाखड़ा, चमेरा, नाथपा, कोल डैम, पार्वती और बजोली डैम भी बांध के नीचे नुकसान कर चुके हैं। वहीं मलाणा-2 के डैम के गेट अभी भी बंद पड़े है। BBMB के गैर जिम्मेदाराना रवैये को लेकर मुख्यमंत्री सुक्खू भी चिंता जाहिर कर चुके है।​​​​​​​