हिंदी में जवाब से नाराज तमिलनाडु सांसद: भाषा को लेकर कोर्ट पहुंचे; मद्रास हाईकोर्ट का केंद्र को आदेश- अंग्रेजी में ही जवाब दिया करें

चेन्नई5 घंटे पहले

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मद्रास हाईकोर्ट ने कहा- केंद्र सरकार को ऑफिशियल लैंग्वेजेस एक्ट, 1963 के नियमों का पालन करना चाहिए। (फाइल फोटो)

गृह मंत्रालय की ओर से अंग्रेजी की बजाय हिंदी में जवाब दिए जाने से तमिलनाडु की मदुरै सीट से सांसद एस वेंकटेशन नाराज हो गए। इस मामले में वे मद्रास हाईकोर्ट पहुंच गए। केस की सुनवाई कर रहे जस्टिस एन किरुबाकरन और एम दुरईस्वामी ने कहा- ‘यदि केंद्र सरकार को कोई पत्र अंग्रेजी में मिलता है तो फिर उसका जवाब भी अंग्रेजी में ही दिया जाना चाहिए।’

कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार को ऑफिशियल लैंग्वेजेस एक्ट, 1963 के नियमों का पालन करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सांसद को अंग्रेजी में ही जवाब दिया जाए। देश का शायद यह पहला ऐसा मामला है, जब पत्र में भाषा को लेकर मामला कोर्ट तक पहुंचा हो।

यह मामला तब उठा, जब वेंकटेशन ने मंत्रालय को पत्र लिखा था कि सीआरपीएफ के परीक्षा केंद्र तमिलनाडु व पुड्‌डुचेरी में बनाए जाने चाहिए। मंत्रालय की ओर से हिंदी में जवाब मिलने पर विरोध दर्ज कराते हुए वेंकटेशन ने एक और पत्र लिखा। कहा- वह हिंदी भाषी राज्य के नहीं हैं। उन्हें हिंदी पढ़नी नहीं आती। इसके बाद उन्होंने कोर्ट में अर्जी डालकर मांग की कि जिन अधिकारियों ने उन्हें हिंदी में जवाब दिया है, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

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