हादसों से सबक : ट्रेन गुजरने से पहले होगी ट्रैक की जांच, ‘सुपर चेक्स’ नाम से बनी स्पेशल टीम

  • रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के अलावा रेलवे की टीमें ट्रेन गुजरने से पहले ट्रैक की करेंगी जांच 
  • DRM पेट्रोलिंग टीमों की खुद मॉनिटरिंग करेंगे,  GRP का भी लिया जायेगा सहयोग 

KANPUR.   18 जुलाई की दोपहर गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस और फिर 17 अगस्त तड़के कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस की दुर्घटना के बाद रेलवे के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के लिए भी तब चिंताजनक स्थिति उत्पन्न हो गयी जब दोनों दुर्घटनाओं में साजिश की बू आने लगी. उत्तर प्रदेश में एक ही माह में दो बड़े हादसे. पहली बार 21 बोगियां पटरी हुई तो दूसरी बार साबरमती एक्सप्रेस (19168) की 22 बोगियां. रेलवे के साथ ही अब सरकार ने भी  हादसा या साजिश की आशंका को लेकर जांच बैठा दी है. घटनाओं में यह बात सामने आयी कि ट्रैक पर कहीं बड़ा पत्थर तो कहीं गार्डर या फिर कंक्रीट के टुकड़े रखे गये.

लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बाद उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल में रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए स्पेशल टीमें बनाई गई हैं. इसका नाम सुपर चेक्स रखा गया है. इसमें रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के अलावा रेलवे के लोग शामिल रहेंगे जो ट्रेन गुजरने से पहले ट्रैक की जांच करायेंगे. ये टीमें यह सुनिश्चित करेंगी कि ट्रेन आने के पहले ट्रैक पर कोई संदिग्ध वस्तु, पत्थर, लोहा, राड, कंक्रीट, ढक्कन, विस्फोटक तो नहीं है. यह टीम यह भी देखेगी कि पटरियों के आसपास काम तो नहीं चल रहा. पटरी धंसी-टूटी तो नहीं, या क्लिप खुली तो नहीं.

प्रयागराज डीआरएम हिमांशु बडोनी ने रेलवे ट्रैकों की सुरक्षा को देखते दो दिनों में कई कई निर्देश दिए. इसमें ट्रेनों की रनिंग टाइम के समय ट्रैक को चेक करना शामिल है. DRM पेट्रोलिंग टीमों की खुद मॉनिटरिंग करेंगे. इसमें RPF के साथ GRP का भी सहयोग लिया जायेगा. रेलवे अधिकारियों को आशंका है कि रेलवे ट्रैक पर कबाड़ आदि पड़े होने की वजह से भी हादसे हुए हैं.

अब गठित की गयी टीमें यह निगरानी करेंगी कि रेलवे ट्रैक के आसपास चल रहे काम की वीडियोग्राफी हो. काम खत्म होने के बाद औजार और कबाड़ वहां पड़ा न रहे. इसके लिए रेलवे अफसरों की जिम्मेदारी तय की गयी है. सुपरवाइजर काम खत्म होने पर ट्रैक सुरक्षित होने की रिपोर्ट देंगे. यह माना जा रहा है कि रेलवे स्टेशनों पर निर्माण के दौरान प्लेटफार्म से लेकर दूसरी पटरियों तक सामान बिखरा होता है. सामान लाने-ले जाने में लापरवाही से कोई सामान छूट जाता है. ऐसे में लापरवाही तय कर कार्रवाई की जायेगी.