नई दिल्ली2 घंटे पहले
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यह तस्वीर महिला कॉन्स्टेबल मोना की है, जिसकी दो साल पहले हत्या कर दी गई थी।
दिल्ली पुलिस ने रविवार को दो साल पुराने महिला कॉन्स्टेबल मर्डर केस की गुत्थी सुलझा ली। पुलिस ने इस केस में दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल सुरेंद्र राणा और उसके दो साथियों को अरेस्ट किया है।
आरोपी ने बताया कि वह मोना नाम की महिला से प्यार करता था। जब उसने शादी से मना किया तो उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव को एक नाले में छुपा दिया। उस पर पत्थर रख दिए।
इस दौरान वह मोना के ID कार्ड और सिम कार्ड का इस्तेमाल करता रहा, ताकि किसी को मोना की मौत का शक न हो।
उसके पास मोना के रिकॉर्ड किए गए ऑडियो थे, जिन्हें वह एडिट करके उसके परिवार को भेजता था, ताकि उन्हें लगता रहे कि वह जिंदा है।
दो साल मोना के घरवालों और पुलिस को चकमा देने के बाद जब ये केस क्राइम ब्रांच के पास आया, तो धीरे-धीरे इन्वेस्टिगेशन में सारी कहानी सामने आई।
पुलिस ने कंकाल बन चुके दो साल पुराने शव को बुराड़ी के पुश्ता इलाके से बरामद कर लिया। कंकाल के अवशेषों को DNA प्रोफाइलिंग के लिए भेजा गया, ताकि यह पता लगाया जा सके ये मोना का ही शव है।
यह तस्वीर मुख्य आरोपी सुरेंद्र सिंह की है।
मामला 2021 का है, 2014 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुई थी मोना
मामला 2021 का है। दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह राणा (42) साल 2012 में दिल्ली पुलिस में बतौर PCR वैन चालक के रूप में शामिल हुआ। इसके दो साल बाद 2014 में मोना दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल की पोस्ट पर भर्ती हुई। दोनों को 2021 में कंट्रोल रूम में एक साथ तैनात किया गया। इसके बाद दोनों की दोस्ती हुई।
महिला ने दिल्ली पुलिस की नौकरी छोड़ी, पीछे पड़ा रहा आरोपी
इस बीच मोना को UP पुलिस में सब-इंस्पेक्टर की नौकरी मिल गई, जिसके बाद उसने दिल्ली पुलिस की नौकरी छोड़ दी। वह दिल्ली से सिविल सेवा यानी UPSC की तैयारी भी कर रही थी। पुलिस के मुताबिक मोना के नौकरी छोड़ने के बाद भी सुरेंद्र उस पर नजर रखता था। जब मोना को पता चला तो उसने विरोध किया। सुरेंद्र शादीशुदा होने के बावजूद मोना पर शादी का दबाव बना रहा था। जब उसने मना कर दिया तो उसकी हत्या का प्लान बनाया।
सुनसान रास्ते पर गला घोंटकर हत्या, नाले में छिपाया शव
पुलिस ने बताया, 8 सितंबर, 2021 को दोनों के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद सुरेंद्र महिला को बुराड़ी पुश्ता ले गया, जहां उसने पहले उसका गला घोंटा और फिर उसे पुश्ता के पास एक नाले में डुबो दिया। शव को छिपाने के लिए उस पर पत्थर डाल दिए।
महिला की हत्या करने के बाद सुरेंद्र ने मोना के परिवार को फोन करके बताया कि वह किसी अरविंद के साथ गायब हो गई है। जिसके बाद उसने परिवार के साथ मोना को ढूंढने का नाटक किया। इसी सिलसिले में वह कई बार थाने भी गया।
सुरेंद्र महिला को बुराड़ी पुश्ता ले गया, जहां उसने पहले उसका गला घोंटा और फिर उसे पुश्ता के पास एक नाले में डुबो दिया।
महिला के बैंक एकाउंट से पैसा निकालता रहा, परिवार को लगे जिंदा है
सुरेंद्र एक लड़की को मोना बनाकर कोरोना वायरस का टीका लगवाने ले गया, ताकि मोना के परिवार को लगे कि वह जिंदा है। सुरेंद्र, मोना के बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन भी करता था और उसके सिम कार्ड का इस्तेमाल भी लगातार कर रहा था। कभी-कभी, वह परिवार को बताता था कि उसे जानकारी है कि मोना कहां है और वह मोना की झूठी तलाश करने के लिए परिवार के साथ पांच राज्यों के कई शहरों में गया।
साले रॉबिन ने सुरेंद्र का साथ दिया, महिला का पति बनकर धोखा दिया
सुरेंद्र ने बाद में इस प्लान में अपने साले राबिन को भी शामिल किया। उसने अरविंद बनकर मोना के परिवार वालों से बात की। एक कॉल के दौरान, अरविंद बनकर रॉबिन ने मोना के परिवार को बताया कि दोनों गुड़गांव में हैं और उन्होंने शादी कर ली है।
राबिन ने फोन पर मोना के परिवार को बताया कि मेरा परिवार हमारी जान के पीछे है। हम पंजाब जा रहे हैं और रोहतक पहुंच गए हैं। हम 10-15 दिनों में आपके घर आएंगे। जब मोना के परिवार ने मोना से बात करने को कहा तो उसने कहा कि वह डरी हुई है और उनसे बात करने के मूड में नहीं है।
कॉलगर्ल के बहाने होटल में छोड़ आता था ID
दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी रवींद्र यादव ने बताया, पुलिस और पीड़ित के परिवार को धोखा देने के लिए राबिन कॉलगर्ल के साथ हरियाणा, देहरादून, ऋषिकेश और मसूरी के होटलों में जाता था। वहां वह मोना की ID यूज करता और कुछ कागज छोड़ आता। बाद में होटल वालों को फोन करता।
जब पुलिस कॉल ट्रेस करके होटलों में पहुंचती थी, तो वहां के कर्मचारी बताते थे कि मोना की ID से एक लड़की यहां आती थी। इससे पुलिस को लगता था कि पीड़िता जिंदा है। वह जानबूझकर अपने मां-बाप के पास नहीं जा रही।
दिल्ली पुलिस ने तीनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है।
क्राइम ब्रांच ने ऐसे खोला राज
20 अक्टूबर, 2021 को मुखर्जी नगर पुलिस स्टेशन में महिला की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। उसके परिवार ने आरोप लगाया कि वह 8 सितंबर, 2021 से लापता थी। जब दो साल तक महिला का सुराग नहीं मिला तो मामला दो महीने पहले क्राइम ब्रांच के पास आया। अधिकारियों ने उस नंबर का पता लगाना शुरू किया, जिसका इस्तेमाल राबिन अरविंद बनकर मोना के परिवार से बात करता था।
पुलिस के मुताबिक, जांच में पता चला कि वह नंबर राजपाल नाम के एक व्यक्ति का था। पुलिस ने राजपाल को गिरफ्तार किया और उसने पूरी घटना से पर्दा उठाया। राजपाल के बाद रॉबिन को पकड़ा गया। आखिर में पुलिस ने मुख्य आरोपी सुरेंद्र को अरेस्ट किया।
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