स्वामी गोविंदानंद बोले- अविमुक्तेश्वरानंद फर्जी बाबा हैं: प्रियंका गांधी ने उन्हें शंकराचार्य कैसे कहा, माफी मांगे वर्ना सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

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नई दिल्ली29 मिनट पहले

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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कुछ दिन पहले कहा था कि उद्धव ठाकरे के साथ धोखा हुआ है। उन्होंने केदारनाथ से 228 किलो सोना चोरी होने का भी आरोप लगाया था। इन्हीं बातों को लेकर स्वामी गोविंदानंद सरस्वती ने अविमुक्तेश्वरानंद को लेकर कटाक्ष किया है।

स्वामी गोविंदानंद सरस्वती ने रविवार को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को फर्जी बाबा बताया है। गोविंदानंद सरस्वती ने कहा कि इन दिनों मुक्तेश्वरानंद नाम का एक फर्जी बाबा काफी लोकप्रिय हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके पैर छुए हैं और अंबानी जैसे बड़े कारोबारी ने उनका अपने घर में स्वागत किया है।

उन्होंने आगे कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने अविमुक्तेश्वरानंद को ‘शंकराचार्य’ का टैग दिया है। मैं देश के सभी नागरिकों को यह संदेश देना चाहता हूं कि मुक्तेश्वरानंद अपने नाम के साथ साधु, संत या संन्यासी जोड़ने के भी लायक नहीं है, इसलिए शंकराचार्य को भूल जाइए।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद हाल ही में कुछ बयानों के चलते चर्चा में रहे थे। कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि उद्धव ठाकरे के साथ धोखा हुआ है। वहीं उन्होंने केदारनाथ से 228 किलो सोना चोरी होने का भी आरोप लगाया था।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने 15 जुलाई को मुंबई में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने 15 जुलाई को मुंबई में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी।

गोविंदानंद बोले- अविमुक्तेश्वरानंद को वाराणसी कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था
गोविंदानंद ने वाराणसी कोर्ट का आदेश दिखाकर कहा कि अविमुक्तेश्वरानंद के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था, उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया था। हम यह सब सुप्रीम कोर्ट को बताना चाहते हैं लेकिन वे अगली तारीखें देते रहते हैं और हमें न्याय चाहिए। वह देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

गोविंदानंद ने पूछा कि हम देश की खातिर ये सारे दस्तावेज सामने रख रहे हैं। अविमुक्तेश्वरानंद लोगों की हत्या और अपहरण कर रहे हैं, भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठा रहे हैं, वे संन्यासी बनकर शादियों में शामिल हो रहे हैं। वे कह रहे हैं कि केदारनाथ में 228 किलो सोना गायब है, क्या उन्हें सोने और पीतल में फर्क भी पता है?

सुप्रीम कोर्ट ने अविमुक्तेश्वरानंद की ताजपोशी पर रोक लगाई थी
अक्टूबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में ज्योतिष पीठ के नए शंकराचार्य के रूप में अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ताजपोशी पर रोक लगा दी थी। यह आदेश तब पारित किया गया जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि पुरी में गोवर्धन मठ के शंकराचार्य ने हलफनामा दायर कर कहा था कि ज्योतिष पीठ के नए शंकराचार्य के रूप में अविमुक्तेश्वरानंद की नियुक्ति का समर्थन नहीं किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने झूठा दावा किया है कि दिवंगत शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने उन्हें ज्योतिष पीठ का उत्तराधिकारी शंकराचार्य नियुक्त किया है।

गोविंदानंद बोले- कांग्रेस अविमुक्तेश्वरानंद को समर्थन दे रही
गोविंदानंद सरस्वती ने आगे दावा किया कि कांग्रेस अविमुक्तेश्वरानंद को समर्थन दे रही है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने 13 सितंबर 2022 को अविमुक्तेश्वरानंद एक पत्र लिखा, जिसमें उन्हें श्रद्धेय शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के रूप में संबोधित किया गया। कांग्रेस ने एक पत्र जारी किया और अविमुक्तेश्वरानंद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए… जब सुप्रीम कोर्ट ने स्टे जारी किया था, तो प्रियंका गांधी वाड्रा ने अविमुक्तेश्वरानंद को शंकराचार्य के रूप में संबोधित करते हुए एक पत्र कैसे लिखा?

उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस तय करेगी कि शंकराचार्य कौन है? वह नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़े हैं और कौन उनका समर्थन कर रहा है? प्रियंका गांधी वाड्रा। जब राहुल गांधी हिंदू विरोधी टिप्पणी करेंगे तो अविमुक्तेश्वरानंद उनके साथ खड़े होंगे। क्यों? इसका कारण यह पत्र है। कांग्रेस खेल खेल रही है और अविमुक्तेश्वरानंद खिलौना हैं। मैं प्रियंका गांधी वाड्रा से पूछना चाहता हूं कि या तो वह इस पत्र को लिखने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगें या फिर हम उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का मामला दर्ज करेंगे।

अनंत अंबानी की शादी में शामिल हुए थे अविमुक्तेश्वरानंद
इस महीने की शुरुआत में उत्तराखंड में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य के रूप में जाने जाने वाले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मुंबई में आनंद अंबानी की शादी में भाग लिया और फिर शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री का दौरा किया।

शिवसेना प्रमुख से मुलाकात के बाद अविमुक्तेश्वरानंद ने कुछ राजनीतिक टिप्पणियां कीं जिन्हें भाजपा पर हमला माना गया। उन्होंने कहा कि उद्धव पीड़ित हैं क्योंकि उनकी पार्टी टूट गई है। उन्होंने कहा उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है और इससे कई लोग दुखी हैं। जब तक वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन जाते, लोगों का दर्द कम नहीं होगा। विश्वासघात सबसे बड़ा पाप है। जो विश्वासघात करता है वह हिंदू नहीं हो सकता। जो विश्वासघात को सहन करता है वह हिंदू है।

13 जुलाई को अविमुक्तेश्वरानंद मुंबई में अनंत और राधिका की शादी मे शामिल होने पहुंचे थे।

13 जुलाई को अविमुक्तेश्वरानंद मुंबई में अनंत और राधिका की शादी मे शामिल होने पहुंचे थे।

जूना अखाड़े के महंत ने भी की अविमुक्तेश्वरानंद की आलोचना
जूना अखाड़े के महंत नारायण गिरि ने भी अविमुक्तेश्वरानंद की आलोचना करते हुए कहा कि कोई संत साधारण आदमी और उद्योगपतियों की शादियों में नहीं जाता। उन्होंने कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ठाकरे से मिलने गए थे, जिन्होंने देवेंद्र फडणवीस को धोखा दिया और विधर्मियों में शामिल हो गए।

गिरि ने कहा कि फडणवीस मुख्यमंत्री बनने वाले थे, लेकिन ठाकरे ने उन्हें धोखा दिया। वह भाजपा के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन में होने के बावजूद कांग्रेस और एनसीपी के साथ शिवसेना के गठबंधन का जिक्र कर रहे थे। ऐसे लोगों के घर पर जाकर, उनको आशीर्वाद दे रहे हैं और कह रहे हैं कि उनके साथ धोखा हुआ है। धोखा तो उन्हें धोखा दिया है। उद्धव ठाकरे ने धोखा दिया है… हिंदू समाज को धोखा दिया।

देश में चार मठ हैं
हिंदू विद्वानों के अनुसार, शंकराचार्य के बिना कोई पीठ नहीं रह सकती। शंकराचार्य हिंदू धर्म की अद्वैत वेदांत परंपरा में मठ कहे जाने वाले मठों के प्रमुखों की एक आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली उपाधि है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आदि शंकराचार्य ने चार मठों की स्थापना की थी- उत्तर में बद्रिकाश्रम ज्योतिष पीठ, दक्षिण में कर्नाटक के चिकमंगलूर में श्रृंगेरी शारदा पीठम, पश्चिम में द्वारका में शारदा पीठ और पूर्व में ओडिशा के पुरी में गोवर्धन पीठ।

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चार धाम के नाम पर दूसरे मंदिर-ट्रस्ट नहीं बनेंगे:उत्तराखंड सरकार का फैसला; दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाने का शंकराचार्य ने विरोध किया था

देश में चार धाम- बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के नाम से दूसरा मंदिर या ट्रस्ट नहीं बनेगा। मंदिरों से मिलता-जुलता नाम रखने पर भी सख्त एक्शन लिया जाएगा। उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में 18 जुलाई को हुई कैबिनेट मीटिंग में इस पर कानून बनाने का फैसला किया गया है।

दरअसल, 10 जुलाई को दिल्ली के बुराड़ी में ‘श्री केदारनाथ धाम’ नाम से मंदिर का शिलान्यास हुआ था। इसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए थे। 15 जुलाई को मुंबई में गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और प्रमुख संतों ने इसका विरोध किया था। पूरी खबर यहां पढ़ें…

प्राण प्रतिष्ठा पर मणिशंकर अय्यर का बयान:कहा- चारों शंकराचार्य नहीं आ रहे, यह PM मोदी को भारी पड़ेगा; दिखने लगा कौन असली हिंदू

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने जनवरी 2024 में कहा था कि पीएम मोदी अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को निजीतौर पर करा रहे हैं। इसमें चारों शंकराचार्य ने आने से मना कर दिया है, उनकी अनुपस्थिति पीएम मोदी को बहुत भारी पड़ेगी।

PTI के मुताबिक, उन्होंने कहा कि अब दिखाई देने लगा है कि कौन असली हिंदू है- वह जिसे हिंदूवाद और हिंदुत्व के बीच का फर्क पता है। अधिकतर हिंदुओं ने, तकरीबन 50% ने कभी हिंदुत्व के लिए वोट नहीं किया। ये तो हमारा चुनाव अयोजित कराने का ही तरीका है, जिसकी वजह से पिछले दस साल में हिंदुत्ववादी सरकार सत्ता में आई है। मणिशंकर अय्यर ने ये बातें केरल लिटरेचर फेस्टिवल में कहीं। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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