बार-बार आने वाली बाढ़ के कारण ढांचागत बाधाओं के बावजूद, राज्य ने सभी घरों में शौचालय सुनिश्चित किया है
CM Himanta Biswa Sarma launches the ‘Swachhata Hi Seva’ mission, Oct. 2017
इसकी 40 प्रतिशत से अधिक भूमि बाढ़ से क्षतिग्रस्त होने की आशंका के साथ- 34 में से 17 जिले वार्षिक बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हैं- पीने का पानी और स्वच्छता हमेशा राज्य के लिए एक बड़ी चुनौती रही है। बार-बार आने वाली बाढ़ और कटाव से पानी और स्वच्छता के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान होता है। 2019 में बाढ़ से 384 पाइप जलापूर्ति स्रोत, 1,733 स्पॉट स्रोत (ज्यादातर हैंड ट्यूबवेल) और 92,179 व्यक्तिगत घरेलू शौचालय (IHHL) क्षतिग्रस्त हो गए।
इन असफलताओं के बावजूद, असम ने पीने के पानी की आपूर्ति और स्वच्छता बनाए रखने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। लगभग 86 प्रतिशत घरों में बेहतर पेयजल स्रोतों तक पहुंच है। सभी घरों में आईएचएचएल हैं और 85 प्रतिशत स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का उद्देश्य 2024 तक सभी घरों में नल का पानी उपलब्ध कराना है। जब 15 अगस्त, 2019 को राज्य में जल जीवन मिशन शुरू किया गया था, तब 25,335 गांवों में केवल 1.76 प्रतिशत घरों में नल का पानी था, जिसमें सुधार हुआ है। 13 प्रतिशत। राज्य सरकार ने 4.19 मिलियन नल जल कनेक्शन के लिए योजनाओं को मंजूरी दी है; वर्ष 2021-22 में 1.78 लाख नल जल कनेक्शन के कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं।
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