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- भारत चीन लद्दाख सीमा अद्यतन; गोगरा हाइट्स एरिया में ध्वस्त किए गए सभी अस्थाई ढांचे
नई दिल्लीएक घंटा पहले
सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच सुलह की कोशिशें आगे बढ़ रही हैं। 12वें राउंड की मिलिट्री कमांडर लेवल की बातचीत के 6 दिन बाद दोनों देशों ने गोगरा हाइट्स से अपनी सेनाओं को हटा लिया है। वहां बने अस्थाई निर्माण और ढांचे भी ध्वस्त कर दिए गए हैं।
सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि रविवार, 31 जुलाई को ही दोनों पक्षों में कोर कमांडर लेवल की बातचीत हुई थी। 12वें दौर की यह बातचीत चीन के हिस्से वाले मोल्डो में करीब 9 घंटे चली थी।
मीटिंग में पेट्रोलिंग पॉइंट 17A से दोनों देशों की सेनाओं ने हटने का फैसला किया है। गोगरा हाइट्स का पेट्रोलिंग पॉइंट 17A पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के विवादित क्षेत्रों में से एक रहा है।
दोनों पक्षों के बीच डिसएंगेजमेंट को लेकर अंतिम बार बातचीत इस साल फरवरी में हुई थी। तब दोनों सेनाएं पैंगोंग झील के किनारे से हटने पर राजी हुई थीं। हॉट स्प्रिंग के पेट्रोलिंग पाॅइंट (PP-15) और देपसांग समेत बाकी मुद्दों पर भी दोनों देश मीटिंग जारी रखेंगे और बातचीत के जरिए इनका भी हल निकालेंगे।
4 और 5 अगस्त को हुई डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया
सेना ने बताया कि दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) से शेष स्थानों पर तनाव कम करने को लेकर चर्चा की। इस दौरान दोनों पक्ष गोगरा एरिया से पीछे हटने को लेकर सहमत हुए। इस क्षेत्र में पिछले साल मई में सैनिक आमने-सामने आ गए थे।
बनी सहमति के अनुसार, दोनों पक्षों ने चरणबद्ध और समन्वित तरीके से इस क्षेत्र में अग्रिम तैनाती बंद कर दी। डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया को चार और पांच अगस्त 2021 को किया गया। दोनों पक्षों के सैनिक अब अपने-अपने स्थाई ठिकानों में हैं।
बयान में कहा गया है कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के साथ भारतीय सेना देश की संप्रभुता सुनिश्चित करने और पश्चिमी क्षेत्र में LAC के आसपास शांति बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री ने की थी बातचीत
कमांडर लेवल की यह बातचीत भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) सम्मेलन के इतर 14 जुलाई को हुई मुलाकात के बाद हुई है। जयशंकर और वांग यी ने दुशांबे में SCO सम्मेलन के बीच एक घंटे की बातचीत की थी।
जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री से स्पष्ट तौर पर कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति में कोई भी एकतरफा बदलाव भारत स्वीकार नहीं करेगा। साथ ही दोनों देशों के बीच शांति और अच्छे संबंध तभी जारी रह सकेंगे जब पूर्वी लद्दाख में शांति की पूर्ण बहाली होगी।
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