सिसोदिया बोले- केजरीवाल के साथ राम-लक्ष्मण का रिश्ता: 26 साल की दोस्ती में कभी अलग नहीं रहे; भाजपा ने 18 महीने दूर रखा

नई दिल्ली7 मिनट पहले

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जंतर-मंतर पर जनता की अदालत रैली में सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उन्हें केजरीवाल से अलग करने की कई कोशिशें कीं।

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के साथ उनका राम और लक्ष्मण जैसा रिश्ता है। किसी रावण में उनका रिश्ता तोड़ने की ताकत नहीं है। सिसोदिया ने रविवार को जंतर-मंतर पर केजरीवाल की पहली ‘जनता की अदालत’ रैली में ये बातें कहीं।

AAP नेता ने कहा, ‘केजरीवाल पिछले 26 साल से मेरे दोस्त हैं। इन 26 सालों में हम रोज मिलते थे। हर रोज देश के बारे में बात करते थे। हम 18 घंटे भी अलग नहीं रहे, लेकिन भाजपा ने हमें 18 महीने अलग रखा।’

सिसोदिया ने कहा, ‘भाजपा वालों ने मुझे तोड़ने की, पार्टी से अलग करने बहुत कोशिश की। जब मैंने अपनी पत्नी को इस बारे में बताया कि मैं केजरीवाल का साथ छोड़कर कार्यकर्ताओं और अपने आप को क्या मुंह दिखाऊंगा। तो पत्नी ने कहा कि कार्यकर्ताओं और अपने आप को छोड़ो, केजरीवाल के साथ गद्दारी की सोची तो मुझे क्या मुंह दिखाओगे।’

जनता की अदालत कार्यक्रम में दिल्ली CM आतिशी भी पहुंचीं। उनके साथ मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज भी मौजूद रहे।

जनता की अदालत कार्यक्रम में दिल्ली CM आतिशी भी पहुंचीं। उनके साथ मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज भी मौजूद रहे।

सिसोदिया बोले- भाजपा ने कहा था केजरीवाल का नाम ले लो, बच जाओगे सिसोदिया ने दावा किया कि दिल्ली शराब नीति मामले में जेल जाने के बाद उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया। सिसोदिया ने कहा, ‘भाजपा वालों ने कोर्ट में कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति मामले में सिसोदिया का नाम लिया है।

उसी दिन मुझे आकर कहा कि देखो केजरीवाल ने आपका नाम ले लिया है। अब आप भी केजरीवाल का नाम ले लो, तो बच जाओगे। मैंने कहा कि जब कुछ गलत किया ही नहीं तो केजरीवाल ने मेरा नाम क्यों लेंगे और मैं उनका नाम क्यों लूं।’

पूर्व डिप्टी सीएम बोले- बेटे की फीस के लिए हाथ फैलाने पड़े थे सिसोदिया ने कहा, ‘जब मैं पत्रकार था, मैंने 2002 में 5 लाख रुपए में एक छोटा सा घर खरीदा था। मेरे बैंक खाते में 10 लाख रुपए ​​​​थे। ED ने मेरा घर जब्त कर लिया। बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया। मेरा बेटा कॉलेज में पढ़ रहा है। मुझे उसकी फीस भरने के लिए लोगों के सामने हाथ फैलाने पड़े थे।

केजरीवाल बोले- लांछन के साथ नहीं जी सकता आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने 2011 में हुए अन्ना आंदोलन और पहली बार चुनाव जीतने की घटना का जिक्र किया। कहा- हम पहली बार में ही ईमानदारी के दम पर सत्ता में आ गए।

इस्तीफे पर केजरीवाल ने कहा- सत्ता और कुर्सी का लालची नहीं हूं। भाजपा ने भ्रष्टाचारी और चोर कहा तो दुख हुआ। लांछन के साथ कुर्सी तो क्या सांस भी नहीं ले सकता हूं, जी भी नहीं सकता। अगला दिल्ली चुनाव मेरी अग्नि परीक्षा है, अगर ईमानदार लगूं तो ही वोट देना।

AAP संयोजक ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से 5 सवाल पूछे। कहा- जब 75 साल में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कलराज मिश्र जैसे नेताओं को रिटायर कर दिया तो ये नियम मोदी पर लागू क्यों नहीं। अमित शाह कह रहे हैं कि मोदी पर लागू नहीं होगा। भागवत जी जवाब दीजिए।

दिल्ली शराब नीति केस में 13 सितंबर को जमानत पर बाहर आने के बाद केजरीवाल ने 17 सितंबर को CM पद से इस्तीफा दे दिया था। 21 सितंबर को आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बन गईं।

दिल्ली में 10 दिन में 3 बड़ी हलचल…

21 सितंबर: आतिशी दिल्ली की नई CM बनी, शपथ के बाद केजरीवाल के पैर छुए

आतिशी ने दिल्ली CM पद की शपथ लेने के बाद केजरीवाल के पैर छुए।

आतिशी ने दिल्ली CM पद की शपथ लेने के बाद केजरीवाल के पैर छुए।

आतिशी ने शनिवार को दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राजनिवास में उपराज्यपाल (LG) विनय सक्सेना ने उन्हें शपथ दिलाई। शपथ के बाद आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के पैर छुए।

वे ​​​​​दिल्ली की सबसे युवा (43 साल) CM हैं। इससे पहले केजरीवाल 45 साल की उम्र में CM बने थे। आतिशी बतौर महिला सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद दिल्ली की तीसरी महिला CM हैं।

आतिशी ने शिक्षा, PWD और वित्त समेत 13 विभाग अपने पास रखे। वहीं, सौरभ भारद्वाज को हेल्थ समेत 8 प्रमुख विभाग का जिम्मा दिया गया। आतिशी कालकाजी सीट से तीन बार की विधायक हैं।

17 सितंबर: केजरीवाल ने उप राज्यपाल वीके सक्सेना को इस्तीफा सौंपा

17 सितंबर को केजरीवाल ने उपराज्यपाल को इस्तीफा सौंपा और आतिशी ने नई सरकार बनाने का प्रस्ताव पेश किया।

17 सितंबर को केजरीवाल ने उपराज्यपाल को इस्तीफा सौंपा और आतिशी ने नई सरकार बनाने का प्रस्ताव पेश किया।

केजरीवाल ने 17 सितंबर की शाम उपराज्यपाल (LG) को सीएम पद से इस्तीफा सौंपा था। उनके साथ आतिशी और 4 मंत्री मौजूद रहे। इसके बाद आतिशी ने नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया था।

इसके बाद आतिशी ने कहा कि अगले चुनाव तक मेरे पास सिर्फ दो काम हैं। पहला- दिल्ली के लोगों की भाजपा के षड्यंत्र से रक्षा करना। दूसरा- केजरीवाल को फिर से सीएम बनाना।

केजरीवाल ने इस्तीफा क्यों दिया, 3 बातें…

  • मुख्यमंत्री तो हैं, लेकिन पावर नहीं: दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल 177 दिन बाद जमानत पर जेल से बाहर आए। सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी कि वे CM ऑफिस नहीं जाएंगे और न ही किसी फाइल पर साइन करेंगे। यानी जेल से बाहर आने और मुख्यमंत्री रहते हुए भी उनके पास पावर नहीं रही।
  • सिर्फ 5 महीने का कार्यकाल बचा: दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म हो रहा है। यानी सरकार के पास चुनाव में सिर्फ 5 महीने ही बचे हैं। इस दौरान सरकारें लोक-लुभावन चुनावी फैसले लेती हैं। केजरीवाल कोर्ट की शर्तों में बंधे हैं। जेल से छूटने के बाद केजरीवाल के साथ सहानुभूति है। दो-तीन महीने पहले दिल्ली में चुनाव की मांग कर केजरीवाल इसे भुनाना चाहेंगे।
  • ईमानदार नेता की छवि को मजबूत करेंगे: दिल्ली शराब नीति केस में नाम आने और गिरफ्तारी के बाद से ही भाजपा के नेता अरविंद केजरीवाल से मुख्यमंत्री पद छोड़ने की मांग कर रहे थे। इस्तीफा देने के बाद वे भाजपा नेताओं को सीधे कह सकेंगे कि सिर्फ आरोप रहते उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया। अब उनकी ईमानदारी का फैसला जनता करेगी।

13 सितंबर: शराब नीति केस में केजरीवाल 177 दिन बाद जेल से रिहा हुए

21 मार्च 2024 को शराब नीति केस में ED ने दो घंटे की पूछताछ के बाद केजरीवाल को उनके घर से गिरफ्तार किया था। 177 दिन बाद सुप्रीम काेर्ट ने 13 सितंबर 2024 को उन्हें जमानत दी थी।

21 मार्च 2024 को शराब नीति केस में ED ने दो घंटे की पूछताछ के बाद केजरीवाल को उनके घर से गिरफ्तार किया था। 177 दिन बाद सुप्रीम काेर्ट ने 13 सितंबर 2024 को उन्हें जमानत दी थी।

21 मार्च 2024 को शराब नीति केस में ED ने दो घंटे की पूछताछ के बाद केजरीवाल को उनके घर से गिरफ्तार किया था। 177 दिन बाद सुप्रीम काेर्ट ने 13 सितंबर 2024 को उन्हें जमानत दी थी।

अरविंद केजरीवाल का पॉलिटिकल करियर

मुख्यमंत्री रहते कई विवादों में जुड़ा केजरीवाल का नाम

  • खालिस्तानी संगठनों से 133 करोड़ रुपए लेने का आरोप : मार्च 2024 में वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने 2014 से 2022 के बीच खालिस्तानी आतंकी समूहों से 133 करोड़ रुपए लिए थे, ताकि देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई कराई जा सके। इसके बाद वीके सक्सेना ने दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल के खिलाफ NIA जांच की सिफारिश की। हालांकि आप ने आरोपों का खंडन किया था।
  • दिल्ली शराब नीति घोटाला : 2021 में केजरीवाल सरकार नई शराब नीति लाई। जुलाई 2022 में LG ने इसमें गड़बड़ी बताते हुए CBI जांच की सिफारिश की। अगस्त 2022 में ED-CBI ने केस दर्ज किए। केजरीवाल को ED और CBI ने गिरफ्तार किया, उन्हें घोटाले का मास्टरमाइंड बताया। जुलाई में ED और सितंबर में CBI केस में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। वे करीब 177 दिन तिहाड़ जेल में रहे।
  • अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग : 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग कंट्रोल का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया। साथ ही कहा कि दिल्ली LG राज्य सरकार की सलाह पर ही काम करेंगे। यह आदेश आने के कुछ देर बाद CM अरविंद केजरीवाल ने सर्विस सेक्रेटरी आशीष मोरे को हटा दिया था। LG ने आशीष मोरे के खिलाफ लिए गए इस फैसले पर रोक लगा दी है। फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
  • ठग सुकेश का दावा- प्रोजेक्ट के बदले तोहफे दिए: ठग सुकेश चंद्रशेखर ने दिल्ली LG सक्सेना को लिखी चिट्ठी में कहा है कि उसने करोलबाग में एक प्रोजेक्ट दिलाने के गिफ्ट के तौर पर घर के रिनोवेशन के लिए फर्नीचर भेजा था। इसमें राल्फ लॉरेन और विजनायर ब्रांड का फर्नीचर भी शामिल था। इसके अलावा 90 लाख रुपए की चांदी की क्रॉकरी भी उन्हें दी।

दिल्ली विधानसभा 2020 और लोकसभा 2024 में AAP की परफॉर्मेंस

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