सिल्क्यारा टनल के अंदर मजदूरों का पहला VIDEO: जमीन पर बिस्तर लगाकर सोते दिखे मजदूर; सरकार का भेजा खाना और सामान भी दिखाया

उत्तरकाशी33 मिनट पहले

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्क्यारा टनल के अंदर 17 दिन तक 41 मजदूर फंसे रहे। उन्हें 28 नवंबर की शाम को टनल से बाहर निकाला गया। इस रेस्क्यू के तीन दिन बाद दो वीडियो सामने आए हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि मजदूरों ने टनल में ये 17 दिन कैसे बिताए। सुरंग में फंसे एक मजदूर ने ही ये वीडियो बनाए हैं, जिन्हें दैनिक भास्कर ने हासिल किया है।

पहला वीडियो मजदूरों के टनल में फंसने के 8वें दिन का है, जबकि दूसरा वीडियो 13वें दिन का है। इन वीडियो में देखा जा सकता है कि मजदूर सुरंग के अंदर 2400 मीटर के स्ट्रेच में कैसे रहे, कैसे वाटरप्रूफिंग को बिछाए जाने वाले जियो टैक्सटाइल को ओढ़कर सोए और सरकार ने क्या-क्या राहत सामग्री भेजी।

पहला वीडियो: सुरंग में मजदूरों के फंसने का 8वां दिन यानी 19 नवंबर
वीडियो शुरू होता है तो तीन मजदूर दिखाई देते हैं। वीडियो रिकॉर्ड कर रहा मजदूर वह पाइप दिखाता है जिससे खाना आता है। फिर वह सबका बिस्तर दिखाता है, जिसके पास कुछ पैकेट्स में खाना और पीने का पानी रखा है। इसके बाद मजदूर उस तरफ ले जाता है, जहां सुरंग में मलबा गिरा और वे लोग वहां फंस गए।

वहां एक हाईड्रॉलिक मशीन नजर आती है। मजदूर बताता है कि वे लोग सुरंग के अंदर से इस मशीन पर बैठकर बाहर आ रहे थे, जब ऊपर से मलबा गिरा और वे लोग फंस गए। टनल के अंदर दो लेन की रोड है। बीच में ऊंची दीवार है। इसी दीवार के किनारे कई मजदूरों ने अपना बिस्तर लगा रखा है। वहां एक फोर-व्हीलर भी था, जिसे लेकर मजदूर ने बताया कि पीछे झरने का ताजा पानी है, जहां हम इस गाड़ी से पानी लाने जाते हैं।

दूसरा वीडियो: सुरंग में मजदूरों के फंसने का 13वां दिन यानी 24 नवंबर
वीडियो की शुरुआत होती है फलों के ढेर से, जो सरकार ने पाइप के जरिए मजदूरों तक भेजे थे। इसके बाद वीडियो रिकॉर्ड करने वाले मजदूर ने मंजन, ब्रश और तौलिए दिखाए जो पाइप के जरिए भेजे गए थे। इसके अलावा वो बोतलें भी दिखाईं जिनमें खाना भरकर भेजा गया था।