करनाल2 मिनट पहले
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पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपी।
हरियाणा में कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले को पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है। पुलिस के अनुसार, जम्मू की जिस प्रिंटिंग प्रेस में पेपर की छपाई हुई थी, उसी के मैनेजर राकेश कुमार और सेक्शन कर्मचारी जितेंद्र ने मिलकर 31 जुलाई को 6 लाख रुपए में दोनों दिन के पेपर के चारों सेट लीक किए थे। गिरोह के सदस्यों को पेपर पैन ड्राइव में दिए गए। गिरोह के सदस्य 5 अगस्त को आंसर-की व पेपर लेकर फ्लाइट से गुड़गांव पहुंचे। इसे 1-1 करोड़ में कई लोगों को बेचा। पुलिस ने दोनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पेपर लीक गिरोह से कुल 88 लोग जुड़े हैं। 60 अभी गिरफ्त से बाहर हैं।
पेपर लीक की कब क्या योजना बनी, जानिए…
- 31 जुलाई को प्रिंटिंग प्रेस के मैनेजर राकेश ने चारों सेट पेन ड्राइव में जितेंद्र को दिए।
- जितेंद्र ने पेपर पहले से तय 6 लाख रु. की उधार में प्रेस के पूर्व कर्मी मुजफ्फर अहमद खान को दिए।
- मुजफ्फर ने जम्मू में सांख्यिकी अधिकारी एजाज अमीन और अफजल से संपर्क किया।
- 5 अगस्त को अफजल आंसर- की लेकर दिल्ली पहुंचा। जहां खांडाखेड़ी के राजकुमार से मिला।
- अफजल ने 5 लाख रुपए में आंसर-की राजकुमार को दी। बाकी रुपए बाद में देने को कहा।
- राजकुमार, वेदप्रकाश व रेवाड़ी का राजकुमार इसे लेकर गुड़गांव पहुंचे। राजकुमार ने पेपर की फोटोस्टेट करा एक कॉपी एक करोड़ में वेदप्रकाश को सौंपी।
- राजकुमार ने अपने भाई कुलदीप को पानीपत में बहन के घर बुला आंसर-की दी।
- कुलदीप ने हिसार के खांडाखेड़ी के नरेंद्र को एक करोड़ में इसे बेचा। 20 लाख एडवांस लिए।
- नरेंद्र ने आंसर-की अपने दोस्त हिसार के नवीन, रोहतक के सोनू, साहिल और जींद के रमेश को दी।
- 6 अगस्त की रात को रमेश ने पहले से तैयार युवाओं को अपनी एकेडमी में बुला आंसर-की दी।
- 7 अगस्त को गौतम, संदीप, नवीन माता गेट पर स्विफ्ट में अपने साथियों को व्हाट्सऐप्प पर आंसर-की भेजते हुए सीआईए वन के हत्थे चढ़ गए।
किस कड़ी ने कितने पैसों में पेपर आगे भेजा
- पेपर जम्मू की प्रिंटिंस प्रैस से मुज्ज्फर अहमद खान ने 6 लाख रुपए देकर लीक करवाया। प्रति सेट डेढ़ लाख रुपए पेपर की कीमत लगी।
- मुजफ्फर अहमद ने अपने दोस्त ऐजाज अमीन के साथ मिलकर यह पेपर अफजल को 60 लाख रुपए में दिया। 60 लाख रुपए परीक्षा के बाद मिलने थे, जिसमें मुज्जफर व ऐजाज का बराबर का हिस्सा था।
- अफजल ने एक करोड़ रुपए में राजकुमार को पेपर दिया। एडवांस के तौर पर 5 लाख रुपए लिए। बकाया राशि 9 व 10 अगस्त को मिलनी थी।
- राजकुमार ने पेपर एक करोड़ में हिसार के नरेंद्र व एक करोड़ में रोहतक जिला के गांव रिटौली निवासी वेदप्रकाश को दिया। नरेंद्र से राजकुमार को 20 लाख रुपए एडवांस मिले।
- नरेंद्र ने पेपर बेचने की बजाय प्रति कैंडिडेट सौदा किया। उसने अपने दोस्त नवीन निवासी प्यो माजरा व निहाल सिंह निवासी ढाणी खुशहाल जिला हिसार, व रमेश निवासी थुआ जिला जींद को प्रति कैडिंडेट 10-10 लाख रुपए में पेपर दिया।
- रमेश ने आंसर की देने की एवज में प्रति कैंडिडेट 12 से 15 लाख रुपए में सौदा किया।
इसलिए पकड़े गए आरोपी
आंसर की परीक्षार्थियों तक पहुंचने से पहले आरोपियों की होटलों में कई बार मीटिंग हुई। तय हुआ कि आंसर की परीक्षार्थियों को मोबाइल पर भेजने या देने की बजाय पढ़ाकर याद करवाई जाएगी, लेकिन वे अपनी प्लानिंग में ही सफल नहीं हुए। आरोपियों के पास आंसर की आई तो वे रुपए कमाने के लालच में इतने हड़बड़ा गए कि पूरी रात परीक्षार्थियों के साथ सौदेबाजी में लगे रहे।
सुबह साढ़े चार बजे तक आंसर की मोबाइलों पर भेजी गई। कुछ परीक्षार्थी भी इसे गुप्त नहीं रख सके और रुपए पूरे करने के लिए आंसर की आगे फॉरवर्ड कर दी। परिणाम ये हुआ कि पहले सत्र की परीक्षा तक ही आंसर की सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
इन 28 की हो चुकी है गिरफ्तारी
- नवीन गांव प्यौदा जिला कैथल।
- संदीप गांव खापड़ जिला जींद।
- गौतम गांव खापड़ जिला जींद।
- रमेश गांव थुआ जिला जींद।
- राजेश गांव किछाना जिला कैथल।
- अनिल गांव थुआ जिला जींद।
- संदीप गांव थुआ जिला जींद।
- संदीप गांव तारखां कलां जिला जींद।
- राजबीर गांव दरौली खेड़ा जिला जींद।
- राजेश गांव उचाना खुर्द जिला जींद।
- अशोक गांव उचाना कला जिला जींद।
- सुरेंद्र उर्फ बिट्टू गांव से सेगा जिला कैथल।
- नरेंद्र, हिसार
- राजकुमार उर्फ राजू गांव खांडा खेड़ी जिला हिसार।
- अंकित गांव धमतान साहिब जिला जींद।
- विकास गांव धमतान साहिब जिला जींद।
- नसीर अहमद जिला पुलवामा जम्मू-कश्मीर।
- बलजीत सिंह गांव कुंबा खेड़ा जिला हिसार।
- अमन गांव का कापड़ो जिला हिसार।
- सुशील गांव कुचराना कलां जिला जींद।
- नरेश गांव सौंगरी जिला कैथल।
- नसीब गांव ब्राह्मणी वाला जिला कैथल।
- मुकेश थानेसर कुरुक्षेत्र।
- सोनू उकलाना जिला हिसार।
- धर्मबीर गांव मलिकपुर जिला भिवानी
- राकेश कुमार, नगर चिनचुरा हुगली पश्चिम बंगाल
- इजाज अमीन, दूद गंगा श्रीनगर
- जितेंद्र कुमार, सिंद्रा जम्मू-कश्मीर
मोबाइल ही बने मेन कड़ी तक पहुंचने का जरिया
इस केस को ट्रेस करने में साइबर सैल का काफी योगदान रहा। साइबर सैल टीम ने शिफ्टों में 24 घंटे काम करते हुए 800 मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली। इसमें 88 आरोपी ऐसे मिले जिनका पेपर लीक से संबंध रहा। इनमें पेपर लीक क रने व आंसर की खरीदने वाले आरोपी शामिल हैं। पेपर लीक करने में शामिल ज्यादातर आरोपियों को पुलिस ने काबू कर लिया। अब 60 आरोपियों की और गिरफ्तारी होगी। इनमें ज्यादातर वे आरोपी है जिन्होंने खुद परीक्षा देने या अपने जानक ार की परीक्षा के लिए आंसर की खरीदी थी।
17 दिन लगे रहे पुलिस के 50 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी
सिपाही भर्ती परीक्षा लीक मामले में कैथल पुलिस की एसआईटी ने अंतिम कड़ी तक पहुंचते हुए 28 आरोपियों को काबू कर लिया है, लेकिन गिरफ्तारियों का सिलसिला अभी रुका नहीं है। यह अभी कई सप्ताह तक चलेगा। अंतिम कड़ी तक पहुंचने के लिए जिला पुलिस के 50 से ज्यादा अधिकारियों व कर्मचारियों ने 17 दिन तक लगातार काम किया। कांस्टेबल से लेकर एसपी तक केस को ट्रैस करने में जुटे रहे। एसआईटी इंचार्ज विवेक चौधरी के नेतृत्व में सीआईए वन, सीआई ए-टू, एंटी नारकोटिक सैल, साइबल सैल की टीम लगी हुई थी। 8०० मोबाइलों की सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) ख ंगालकर पुलिस ने 88 आरोपियों की पहचान की। इनमें से पुलिस ने 28 को काबू कर लिया, लेकिन ६० आरोपियों की अब भी तलाश है। डीएसपी विवेक चौधरी व सीआईए वन की टीम मुज्जफर अहमद खान सहित अन्य आरोपियों की तलाश में अब भी जम्मू-कश्मीर में डेरा डाले हुए हैं।
800 सीडीआर पर विश्लेषण, अभी करने हैं 60 आरोपी गिरफ्तार
एसपी कैथलज लोकेंद्र सिंह ने बताया कि डीएसपी विवेक चौधरी के नेतृत्व में अभी भी टीम जम्मू-कश्मीर में है। इस पूरी कार्रवाई के दौरान मैनें खुद वहां के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क बनाकर रखा। वहां की स्थानीय पुलिस का काफी सहयोग मिला। जिससे हम आरोपियों को जल्द काबू कर पाए और संवेदनशील क्षेत्र होने के बावजूद कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। केस को ट्रेस करने में पुलिस ने 800 सीडीआर को विश्लेषण किया। 60 आरोपी अभी गिरफ्तार करने हैं।
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