सिंघु बॉर्डर पर हत्या के बाद SKM की वर्चुअल बैठक: तनावपूर्ण माहौल में रोजाना की तरह शुरू हुआ मंच, किसान नेता दे रहे भाषण; इसी स्टेज से होगा अगला फैसला

लुधियानाएक मिनट पहले

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सिंघु बार्डर पर चल रही किसान संघर्ष कमेटी की स्टेज

सिंघु बॉर्डर पर किसान धरना स्थल पर शुक्रवार तड़के हुए व्यक्ति की हत्या के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक बुलाई। इस बैठक में किसान नेता वर्चुअली जुडेंगे, जिसका समय दोपहर 12 बजे का था, मगर अभी तक यह शुरू नहीं पाई। बैठक के बाद किसान मोर्चा इस घटना पर अपना स्टैंड क्लियर करेगा।

उधर, मृतक का शव सोनीपत के मोर्चरी गृह में रखवा दिया गया और उसकी शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। फिलहाल पूरे मामले पर कोई भी किसान नेता या पुलिस अधिकारी बोलने को तैयार नहीं। सिंघु बॉर्डर पर हालात काफी तनावपूर्ण बने हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की स्टेज के पीछे पर निहंग सिंहों के तंबू लगे हुए हैं। इसके आसपास पुलिस तैनात है। पुलिस का खुफिया विंग घटना से जुड़ी सभी वीडियो को जुटाने में लगा है, ताकि कोई सबूत हाथ लग सके।

किसान मोर्चा की स्टेज पर रोजाना की तरह नेता दे रहे भाषण
रोजाना की तरह सिंघु बार्डर पर लगने वाली किसानों की स्टेज शुरू हो चुकी है। जिस पर किसान नेता अपने भाषण दे रहे हैं। कुछ किसान नेताओं ने इस पूरे घटनाक्रम की निंदा भी की है। इसी स्टेज से कुछ ही दूरी पर युवक का शव लटकाया गया था। यह स्टेज पिछले 10 माह से इसी तरह चलती रही है और आज भी चल रही है। बैठक के बाद इसी स्टेज से

किसान मोर्चा की स्टेज के समक्ष बैठे किसान।

किसान मोर्चा की स्टेज के समक्ष बैठे किसान।

4 घंटे लटकता रहा शव, नीचे तक नहीं उतारने दिया
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार युवक का शव सुबह पांच बजे के लगभग संयुक्त किसान मोर्चा की स्टेज के पास ही बैरीकेट से लटका दिया गया था। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची लेकिन सुबह 9 बजे तक शव को नीचे उतारने नहीं दिया गया। एक मीडिया कर्मी ने जब मोबाइल से फोटो भी खींचने का प्रयास किया तो उसका मोबाइल भी बंद करवा दिया गया। किसान संगठनों की अपील के बाद शव को नीचे उतारा जा सका।

पहले भी कई बार तकरार कर चुके हैं निहंग सिंह
निहंग सिंह सिंघु बॉर्डर पर करीब 10 माह से ही तंबू लगाकर डेरा डाले हुए हैं। इनकी तकरार अकसर ही आसपास रहने वालों और संघर्ष में आए किसानों से होती रहती है। यहां तक कि वह कई बार स्टेज पर नंगी तलवारें लेकर भी आ चुके हैं। यही कारण है कि संयुक्त किसान मोर्चा भी इनसे काफी परेशान था। मोर्चा के सीनियर नेता का कहना है कि वह खुद इससे परेशान हैं।

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