सांसदों के निलंबन पर विपक्ष का मार्च: राहुल ने काले कपड़े पहन कर विरोध जताया, कहा- संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा

नई दिल्ली7 घंटे पहले

राज्यसभा के 12 सांसदों के निलंबन के मसले पर विपक्षी नेताओं ने आज संसद में गांधी प्रतिमा से विजय चौक तक मार्च निकाला। इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी विरोध के तौर पर काले कपड़े पहनकर शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष को सवाल उठाने नहीं दे रही है। सांसद करीब 2 हफ्ते से निलंबित हैं। वो लगातार धरने पर बैठे हैं। उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है।

राहुल ने कहा, “विपक्षी सांसदों के निलंबन को 14 दिन हो गए हैं। जिन मुद्दों पर सदन में विपक्ष बहस करना चाहती है, उन पर हमें बहस नहीं करने दी जाती। जहां विपक्ष आवाज उठाने की कोशिश की जाती है, उन्हें निलंबित कर दिया जाता है। तीन-चार ऐसे मुद्दें हैं, जिनका सरकार नाम तक नहीं लेना चाहती है।”

राज्यसभा के 12 सांसदों का निलंबन वापस लेने की मांग को लेकर संसद से विजय चौक तक मार्च निकालते विपक्षी सांसद।

राहुल ने कहा- पीएम को सदन में आए 13 दिन हो गए हैं
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं। PM को सदन में आए 13 दिन हो गए हैं। हंगामे के बीच संसद में एक के बाद एक बिल पास हो रहे हैं। इन बिलों पर किसी तरह की बहस नहीं हो रही है। यह संसद चलाने का तरीका नहीं है। यह लोकतंत्र की हत्या है।

विरोध मार्च में राहुल गांधी, संजय राउत समेत तमाम विपक्षी नेता शामिल हुए।

विरोध मार्च में राहुल गांधी, संजय राउत समेत तमाम विपक्षी नेता शामिल हुए।

कांग्रेस के 6; TMC, शिवसेना और लेफ्ट के 6 MP
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने निलंबित सांसदों के नाम की घोषणा की। इनमें कांग्रेस के 6 सांसद: फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह शामिल हैं। ममता बनर्जी की पार्टी TMC से डोला सेन और शांता छेत्री को सस्पेंड किया गया है।

इसके अलावा शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई शामिल हैं। वहीं CPM के एलाराम करीम और CPI के बिनॉय विश्वम भी निलंबित होने वाले सांसदों की लिस्ट में शामिल हैं।

क्या हुआ था 11 अगस्त को?

संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन (11 अगस्त को) सुरक्षा बलों से बदसलूकी के आरोप में राज्यसभा के 12 विपक्षी सांसद पूरे शीत सत्र के लिए सस्पेंड हैं। 11 अगस्त को इंश्योरेंस बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ था। संसद के अंदर विपक्ष के महिला-पुरुष सांसदों और मार्शलों के बीच जमकर खींचातानी हुई थी।

हंगामे पर राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा था कि जो कुछ सदन में हुआ है, उसने लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र किया है।’ उधर, विपक्ष का कहना था कि कोई भी बिल पास कराने की कोशिश की गई तो अंजाम भुगतना होगा। साथ ही विपक्ष ने महिला सांसदों के साथ बदसलूकी का भी आरोप लगाया था। इसे लेकर विपक्ष ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को ज्ञापन भी सौंपा था।

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