संसद के विशेष सत्र में जाएंगी I.N.D.I.A की 24 पार्टियां: सोनिया गांधी आज लिखेंगी PM मोदी को लेटर; स्पेशल सेशन बुलाने का एजेंडा पूछेंगी

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नई दिल्ली22 मिनट पहले

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मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर हुई फ्लोर लीडर्स की मीटिंग में मानसून सत्र में राज्य सभा से निलंबित सांसद संजय सिंह भी मौजूद रहे।

संसद के विशेष सत्र के लिए I.N.D.I.A में शामिल लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की मल्लिकार्जुन खड़गे के घर मीटिंग हुई। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि I.N.D.I.A में शामिल 28 पार्टियों में से 24 पार्टियां 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के स्पेशल सेशन में शामिल होंगी।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी इन 24 पार्टियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखेंगी।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पिछले हफ्ते 18 से 22 सितंबर तक संसद के पांच दिन के विशेष सत्र के बारे में जानकारी दी थी।

संसद के 5 दिन चलने वाले विशेष ‎सत्र में इन प्रस्तावों पर चर्चा संभव‎
संसद के विशेष सत्र में कोई भी‎ विधेयक पेश नहीं होगा। न ही जॉइंट सेशन बुलाया जाएगा। पांच दिन में 4-5 प्रस्ताव लाए जाएंगे, जिन ‎पर चर्चा होकर उसे ध्वनि मत से‎ पारित किया जाएगा। संसदीय कार्य‎ मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक‎ चूंकि विशेष सत्र दोनों ही सदनों‎ की चर्चा के लिए बुलाए गए हैं।‎ लिहाजा जॉइंट सेशन नहीं‎ होगा। यदि ऐसा होता तो लंबित पड़े किसी महत्वपूर्ण‎ विधेयक जैसे महिला आरक्षण‎ विधेयक या ‘एक देश एक चुनाव’‎ के पेश होने ‎की संभावना बनती।

सूत्रों का‎ कहना है कि G-20, चंद्रयान-3‎ की सफल लैंडिंग, तीसरी आर्थिक‎ शक्ति बनने और देश के लिए‎ इंडिया की जगह भारत का इस्तेमाल ‎करने को लेकर सरकार प्रस्ताव ‎पेश कर चर्चा के बाद उसे पारित‎ करा सकती है।‎

महिला आरक्षण विधेयक ‎पर प्रस्ताव संभव‎
विधायिका में महिलाओं को 33%‎आरक्षण के विधेयक को पास‎ करने को विशेष सत्र का औचित्य‎ नहीं है। यह विधेयक 2010 में‎ राज्यसभा से पारित है। आम राय ‎नहीं बनने से लोकसभा में नहीं‎ लाया गया। लोकसभा में सरकार‎ का बहुमत है, इसके लिए विशेष‎ सत्र की जरूरत नहीं है।

हालांकि,‎ इसको लेकर विशेष सत्र में ‎प्रस्ताव लाया जा सकता है,‎ जिसमें सरकार कह सकती है कि ‎यह सदन महिला आरक्षण देने का‎ प्रस्ताव पारित करती है। इससे विंटर सेशन या उसके आगे बजट ‎सत्र में इसे पास कराने के लिए‎ आम सहमति की जरूरत नहीं‎ होगी, क्योंकि सदन इसके लिए ‎विशेष सत्र में प्रस्ताव पारित कर ‎चुका है।

समान नागरिक संहिता‎ को लेकर भी सरकार की तरफ से ‎प्रस्ताव लाया जा सकता है। हालांकि, विशेष सत्र का एजेंडा अभी तक सामने नहीं आया है।

एक देश एक चुनाव को लेकर केंद्र ने बनाई कमेटी
केंद्र सरकार ने पिछले दिनों देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावना तलाशने और सिफारिशों के लिए 2 सितंबर को आठ सदस्यों वाली समिति बनाई है। जिसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे हैं। लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कमेटी में शामिल होने से इंकार कर दिया है।

इनके अलावा गृहमंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, पूर्व वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष सी कश्यप, सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और पूर्व चीफ विजिलेंस कमिश्नर संजय कोठारी शामिल हैं।

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जयराम रमेश ने कहा- संसद में हम सिर्फ मोदी चालीसा के लिए नहीं बैठेंगे

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने कहा- पहले जब भी विशेष सत्र बुलाया गया, तब पार्टियों को मुद्दा बताया जाता था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। हम चाहते है सामाजिक मुद्दों, आर्थिक मुद्दों, विदेश नीति जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो। हम सिर्फ मोदी चालीसा के लिए नहीं बैठेंगे। हम हर सदन में मुद्दे उठाते है, लेकिन हमें मौका नहीं दिया जाते है। इस विशेष सत्र में हम अपना मुद्दा रखना चाहेंगे।​​​​​​​ पढ़्रें पूरी खबर…

विपक्षी गठबंधन की कैंपेन कमेटी की बैठक हुई

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में मंगलवार (5 सितंबर) को दिल्ली में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के कैंपेन कमेटी की पहली बैठक हुई। इसमें मध्य प्रदेश समेत 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव से पहले कैंपेन की तैयारी पर चर्चा हुई। पढ़ें पूरी खबर…

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