विशेष सत्र में संसद में सिर्फ काम, कोई स्थगन नहीं: लोकसभा तय समय से 8 घंटे तो राज्यसभा 6 घंटे ज्यादा चली

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नई दिल्ली2 घंटे पहले

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संसद के विशेष सत्र के दौरान सोनिया गांधी समेत अन्य सांसदों को अभिवादन करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

अमूमन संसद सत्र के दौरान स्थगन और हंगामेदार कार्रवाई देखने में आती है। लेकिन इस बार विशेष सत्र के दौरान ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। इस बार लोकसभा ने तय समय से 8 घंटे ज्यादा तो राज्यसभा 6 घंटे ज्यादा चली।

लोकसभा 31 घंटे तो राज्यसभा 27 घंटे चली
पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक, लोकसभा में 31 घंटे काम हुआ, जबकि काम के लिए 22 घंटे 45 मिनट तय किए गए थे। इस लिहाज से देखें तो लोकसभा में 8 घंटे से ज्यादा काम हुआ।

लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद बताया कि निम्न सदन में 132% ज्यादा काम हुआ। हालांकि, बाद में इस आंकड़े में सुधार करते हुए कहा कि सदन में 160% ज्यादा काम हुआ।

राज्यसभा में काम के लिए 21 घंटे 45 मिनट का वक्त निर्धारित किया गया था। काम 27 घंटे 44 मिनट हुआ यानी 128% ज्यादा।

विशेष सदन के दौरान लोकसभा में कोई हंगामा नहीं हुआ। लोकसभा में 31 घंटे काम हुआ, जबकि काम के लिए 22 घंटे 45 मिनट तय किए गए थे।

विशेष सदन के दौरान लोकसभा में कोई हंगामा नहीं हुआ। लोकसभा में 31 घंटे काम हुआ, जबकि काम के लिए 22 घंटे 45 मिनट तय किए गए थे।

लोकसभा में कोई स्थगन नहीं, राज्यसभा डेढ़ घंटे के लिए स्थगित हुई
पीआरएस के डेटा के मुताबिक, स्पेशल सेशन में लोकसभा की कार्यवाही जरा भी स्थगित नहीं हुई, जबकि राज्यसभा डेढ़ घंटे के लिए स्थगित हुई थी। डेटा के मुताबिक, प्रोडक्टिविटी के लिहाज से लोकसभा की कार्यवाही दूसरी सबसे हाईएस्ट रही। 2020 के मानसून सेशन में लोकसभा में 145% ज्यादा बिजनेस हुआ था।

संसद में चार दिन की कार्यवाही…

18 सितंबर (पहला दिन) – मोदी ने पुरानी संसद में नेहरू, इंदिरा, राजीव की तारीफ की

पीएम नरेंद्र मोदी ने पुराने भवन में 50 मिनट की आखिरी स्पीच दी। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद किया।

पीएम नरेंद्र मोदी ने पुराने भवन में 50 मिनट की आखिरी स्पीच दी। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद किया।

सत्र की शुरुआत 18 सितंबर को पुरानी संसद से हुई। पीएम नरेंद्र मोदी ने पुराने भवन में 50 मिनट की आखिरी स्पीच दी। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों की तारीफ की। उन्होंने कहा- ये वो सदन है जहां पंडित नेहरू का स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट की गूंज हम सबको प्रेरित करती है। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का आंदोलन भी इसी सदन ने देखा था।

उन्होंने कहा, ‘सदन ने कैश फॉर वोट और 370 को भी हटते देखा है। वन नेशन वन टैक्स, GST, वन रैंक वन पेंशन, गरीबों के लिए 10% आरक्षण भी इसी सदन ने दिया।’ पढ़ें पूरी खबर…

19 सितंबर (दूसरा दिन) – PM सभी सांसदों के साथ नई संसद पहुंचे, लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश

पीएम सहित सभी सांसद पुरानी संसद से निकलकर पैदल ही नए संसद भवन पहुंचे।

पीएम सहित सभी सांसद पुरानी संसद से निकलकर पैदल ही नए संसद भवन पहुंचे।

विशेष सत्र के दूसरे दिन PM मोदी सभी सांसदों के साथ पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल पहुंचे। यहां PM, उपराष्ट्रपति, लोकसभा स्पीकर, दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष ने स्पीच दी। प्रधानमंत्री ने पुराने संसद भवन को संविधान सदन के नाम से बुलाने का प्रस्ताव रखा। सांसदों ने इस पर सहमति दी। मोदी ने कहा- पुराने सदन की गरिमा कभी कम नहीं होनी चाहिए। संविधान सदन से हमारी प्रेरणा बनी रहेगी।

इसके बाद सभी सांसदों ने सेंट्रल हॉल के पास एक साथ फोटो सेशन भी कराया। PM मोदी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत सत्ता और विपक्ष के सभी सांसद मौजूद रहे। जिसके बाद PM समेत सभी सांसद पैदल पुरानी संसद से नई संसद पहुंचे।

नई संसद में पहले दिन की कार्यवाही में ही 128वां संविधान संशोधन बिल यानी नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश किया गया। इसके तहत लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर…

20 सितंबर (तीसरा दिन) – बिल पर 7 घंटे बहस हुई, दो तिहाई वोटों से बिल लोकसभा में पास

सोनिया गांधी ने जहां बिल से राजीव गांधी का सपना पूरा होने की बात कही। वहीं, NCP सांसद सुप्रिया सुले और सपा की डिंपल यादव ने OBC महिलाओं को भी फायदा देने की वकालत की।

सोनिया गांधी ने जहां बिल से राजीव गांधी का सपना पूरा होने की बात कही। वहीं, NCP सांसद सुप्रिया सुले और सपा की डिंपल यादव ने OBC महिलाओं को भी फायदा देने की वकालत की।

20 सितंबर को सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक नारी शक्ति वंदन विधेयक पर बहस हुई। बिल पर चर्चा में 60 सांसदों ने अपने विचार रखे। सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने बिल का समर्थन तो किया, साथ ही इसमें कुछ सुझाव भी दिए। उन्होंने बिल में OBC महिलाओं को रिजर्वेशन देने और इसे जल्दी लागू करने की मांग की।

शाम तक चली इस बहस के बाद पर्ची से वोटिंग हुई। बिल के समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े। विरोध करने वाले दोनों सांसद AIMIM के थे। पढ़ें पूरी खबर…

21 सितंबर (चौथा दिन) – राज्यसभा में बिल सर्वसम्मति से पास हुआ

राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल और जेपी नड्डा ने अपनी बात रखी।

राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल और जेपी नड्डा ने अपनी बात रखी।

संसद के स्पेशल सेशन के चौथे दिन राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पेश किया गया। PM मोदी ने सभी सांसदों से इस बिल को सर्वसम्मति से पास करने की अपील की। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जैसे आपने नोटबंदी का निर्णय तुरंत लिया था, वैसे ही आरक्षण लागू करने का फैसला भी तुरंत लीजिए।

बिल देर रात सर्वसम्मति से पास हो गया। बिल के खिलाफ किसी ने वोट नहीं दिया। हाउस में मौजूद सभी 214 सांसदों ने बिल का समर्थन किया। पढ़ें पूरी खबर…

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4 प्रधानमंत्री, 11 कोशिशें, 27 साल: महिला आरक्षण विधेयक की पूरी राजनीतिक कहानी

पहली बार प्रस्तावित होने के 14 साल बाद महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पारित हो गया। उसके बाद से 13 साल हो गए, ये बिल लोकसभा में पास नहीं हो सका। अब 2023 में मोदी सरकार ने भी इसे लोकसभा में पेश कर दिया है। पढ़ें पूरी खबर…

महिला आरक्षण विधेयक से जुड़े 11 सवालों के जवाब

मोदी सरकार ने नए संसद भवन की पहली कार्यवाही में मंगलवार को ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ पेश किया। महिला आरक्षण पारित कराने के लिए पिछले 27 साल में मौजूदा सरकार समेत 4 सरकारों की ये 11वीं कोशिश है। ये बिल कैसे पारित होगा, कब से लागू होगा, कितने दिनों के लिए है, किन सीटों पर होगा; जैसे जरूरी सवालों के जवाब जानने के लिए भास्कर एक्सप्लेनर में पढ़ें…

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