वायरल फीवर ने स्वरूप बदला: यूपी में नया बुखार, 7 दिन में 50 मौतें; ठीक होने में अब 15 दिन का समय लग रहा

आगरा9 मिनट पहलेलेखक: एम. रियाज हाशमी

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आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद समेत छह जिलों में मरीजों की संख्या बढ़ रही

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच पश्चिमी यूपी के 6 जिलों में रहस्यमय वायरल फीवर ने पांव पसार लिया है। हफ्तेभर में इससे करीब 50 मौतें हुई हैं, जिनमें 26 बच्चे शामिल हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के आंकड़े बता रहे हैं कि ये मौतें 7 दिन में आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, एटा और कासगंज जिलों में दर्ज की गई हैं। सभी मामलों में तेज बुखार, डिहाइड्रेशन और प्लेटलेट काउंट में अचानक गिरावट के लक्षण उभरे हैं।

हालांकि, सैकड़ों लोग इस बीमारी से ठीक भी हो चुके हैं, लेकिन वायरल को मात देने में इन्हें 15 दिन से भी ज्यादा का समय लगा है। मरीजों की बढ़ती संख्या से सरकारी अस्पतालों में भी बिस्तरों की कमी होने लगी है। कुछ जगहों पर तो एक बेड पर दो से तीन मरीजों का इलाज किया जा रहा है। फिरोजाबाद के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. हंसराज सिंह बताते हैं कि इस वायरल बुखार से पीड़ित 100 से अधिक बच्चों का उनके यहां इलाज किया जा रहा है। आगरा के जिला अस्पताल का यही हाल है।

फिरोजाबाद में सबसे ज्यादा 25 मौतें हुईं
सबसे ज्यादा 25 मौतें फिरोजाबाद में दर्ज की गई हैं। सीएमओ डाक्टर नीता कुलश्रेष्ठ बताती हैं कि मरने वालों में कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं था। डॉक्टर इसे गंभीर चिंता का विषय मान रहे हैं। पहले वायरल फीवर खत्म होने में 4-5 दिन लगते थे। इस वायरल को खत्म होने में 12 से 15 दिन लग रहे हैं। यहां एक बेड पर दो से तीन मरीज रखे जा रहे हैं।

सरकारी अस्पताल में बेड नहीं मिला तो निजी अस्पताल गए, फिर भी बच्चे की जान नहीं बची
फिरोजाबाद के शेरसिंह जाटव ने 4 साल के बेटे को इसी बीमारी में खो दिया। उन्हें जिला अस्पताल में बेड नहीं मिला तो निजी अस्पताल में ले गए। बच्चे की प्लेटलेट काउंट कम हो गई और उसने दम तोड़ दिया। आगरा के तिवाहा गांव के विमल मोहन बताते हैं कि गांव में एक भी घर ऐसा नहीं है जहां कोई बीमार न हो। पिछले 24 घंटों में 20 लोगों को आगरा में भर्ती कराया गया है और एक सप्ताह में चार लोगों की मौत हो चुकी है।

कई बीमारियों जैसे लक्षण एक साथ मिल रहे…
पश्चिमी यूपी के निजी व सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में रोजाना वायरल फीवर के 40% से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। डॉक्टर इसे वायरल का आक्रामक रूप मान रहे हैं। नाक बहना, गले में खराश, आंखें लाल होना, जोड़ों में दर्द, जुकाम व तेज बुखार के लक्षणों के साथ प्लेटलेट्स में कमी भी सामने आ रही है। इसे फिलहाल वायरल फीवर के स्वरूप में बदलाव माना जा रहा है। बच्चे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।

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