लोकल सर्किल का सर्वे: देश में कोविड प्रोटोकॉल ध्वस्त; दिवाली शॉपिंग, इवेंट्स पीक पर, सोशल डिस्टेंसिंग 50% घटी

नई दिल्ली13 घंटे पहले

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सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के बिना सैकड़ों लोग अब निजी आयोजनों में मिल रहे हैं, एक साथ भोजन कर रहे हैं।

दिवाली से पहले देश में जमकर शॉपिंग और भीड़ जुटाने वाले आयोजन चरम पर है। भारत के कई हिस्सों के लोग रिपोर्ट कर रहे हैं कि दिवाली के उत्सव में लोग सामाजिक दूरी, मास्क जैसे कोरोना प्रोटोकॉल भूल गए हैं। लोकल सर्किल ने यह पता लगाने के लिए व्यापक अध्ययन किया है कि त्योहारों के मौसम में लोग शहरों और जिलों में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल का पालन कैसे कर रहे हैं।

सर्वे के नतीजे बताते हैं कि देश में दिवाली शॉपिंग और इवेंट्स पीक पर पहुंच गए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की पालना न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है> सर्वेक्षण को भारत के 366 जिलों में स्थित 39,000 से अधिक लोगों की प्रतिक्रिया मिली। सर्वे में शामिल 65% लोग पुरुष और 35% महिलाएं थीं। लोकल सर्किल के सर्वे के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के बिना सैकड़ों लोग अब निजी आयोजनों में मिल रहे हैं, एक साथ भोजन कर रहे हैं।

‘टीका लगवा लिया तो कोई खतरा नहीं’
जब इन लोगों से कोविड मानदंडों के बारे में पूछा गया, तो कई लोग ने कहा कि उन्होंने टीका लगवा लिया है। इसलिए उन्हें कोई खतरा नहीं है। यह सब ऐसे वक्त में हो रहा है जब डेल्टा कोरोनावायरस स्ट्रेन-एवाई 4.2 का एक नया सबवेरिएंट आ गया है। यह वायरस सात दिनों में छह राज्यों में पाया जा चुका है। 20 लोगों में इस वायरस की पुष्टि हुई है।

यह वेरिएंट यूके में एक महीने पहले पाया गया था और वहां के करीब 10% नए मामलों के लिए जिम्मेदार है। कुछ विशेषज्ञों का मानना ​​​​है कि भारत में कोविड की तीसरी लहर की संभावना नहीं है, कुछ अन्य लोगों के लिए यह फरवरी-मार्च 2021 की याद दिलाता है जब भारत में दैनिक कोविड केस लोड 12,000 से कम हो गया था और लोग खूब यात्रा कर रहे थे।

मास्किंग और सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों के बारे में भूल गए थे। इसके बाद क्रूर तीसरी लहर थी जिससे रोज 4 लाख से अधिक मामले आ रहे थे। हालात इतने खराब हुए थे के हॉस्पिटलों में जगह नहीं बची थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि दो व्यक्तियों के मास्क न पहनने और पर्याप्त सामाजिक दूरी बनाए रखने से संक्रमण का 90% जोखिम है। यदि असंक्रमित व्यक्ति मास्क पहनता है तो जोखिम 30% तक कम हो जाता है।

सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का इस्तेमाल न के बराबर

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

  • 3% लोगों ने कहा कि उनके इलाके में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं
  • 96% लोगों ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग एयरपोर्ट, स्टेशन और बसस्टैंड पर बिल्कुल प्रभावी नहीं है।

मास्क का पालन

  • 2% ने कहा कि उनके इलाके में लोग मास्क लगा रहे हैं।
  • 16% ने कहा कि एयरपोर्ट, स्टेशन और बस स्टैंड पर मास्क का नियम प्रभावी है।

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