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- लखनऊ में जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक आज: लखनऊ में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई बैठक में ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप और पेट्रोल डीजल पर होंगे बड़े फैसले
लखनऊ10 मिनट पहले
GST काउंसिल की बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी।
- कोरोना की दवाओं पर टैक्स छूट 31 दिसंबर तक बढ़ाई जा सकती है
लखनऊ में GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) काउंसिल की 45वीं बैठक शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि बैठक में जैसे ही पेट्रोल-डीजल को GST में शामिल करने का प्रस्ताव रखा कई राज्य इसके विरोध में खड़े हो गए। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक समेत ज्यादातर राज्यों ने ईंधन को GST के दायरे से बाहर ही रखने को कहा है। ऐसे में ये प्रस्ताव खारिज हो सकता है।
अगर पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में आता है तो पेट्रोल 28 रुपए और डीजल 25 रुपए तक सस्ता हो जाएगा। अभी देश में कई जगहों पर पेट्रोल 110 और डीजल 100 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच चुका है। लेकिन ऐसा होने पर राज्यों के राजस्व में घाटा होगा है। यही कारण है कि कई राज्य इसका विरोध कर रहे हैं।
GST काउंसिल की बैठक में 48 से ज्यादा वस्तुओं पर टैक्स दरों की समीक्षा की जा जा रही है। इसमें 11 कोविड दवाओं पर टैक्स छूट को 31 दिसंबर तक बढ़ाने का भी फैसला हो सकता है।
एक देश-एक दाम पर हो सकता है मंथन
सरकार ने ‘एक देश -एक दाम’ के तहत पेट्रोल-डीजल, नेचुरल गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (विमान ईंधन) को GST के दायरे में लाने पर विचार शुरू किया है। आज होने वाली GST काउंसिल की बैठक में इस पर चर्चा हो सकती है। यह संभावना भी जताई जा रही है कि शुरुआत में एक या इससे ज्यादा पेट्रोलियम पदार्थों को GST के दायरे में लाने पर विचार किया जा सकता है।
फूड डिलीवरी ऐप्स पर 5% GST लगाने का प्रस्ताव
GST काउंसिल की बैठक में जोमैटो और स्विगी जैसे फूड डिलीवरी ऐप्स को रेस्टोरेंट की तरह मानने और उनके द्वारा की गई डिलीवरी पर 5% GST लगाने का फैसला भी लिया जा सकता है। ऐसा हुआ तो रेस्टोरेंट की बजाय फूड डिलीवरी ऐप्स को GST सरकार के पास जमा करवाना होगा, इससे ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
इन मुद्दों पर भी चर्चा के आसार
- कोरोना के इलाज से जुड़े उपकरणों और दवाइयों पर टैक्स में रियायत दी जा सकती है।
- राज्यों के राजस्व नुकसान पर बात हो सकती है।
- सिक्किम में फार्मा और बिजली पर स्पेशल सेस की मंजूरी देने के लिए मंत्रियों के समूह (GoM) की रिपोर्ट पर विचार किया जा सकता है।
2017 में लागू हुई थी GST व्यवस्था
देश में GST एक जुलाई, 2017 को लागू हुआ था। इसके तहत केंद्र और राज्यों के अलग-अलग टैक्स को खत्म कर एक टैक्स GST लागू किया किया गया था। हालांकि, पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन, नेचुरल गैस और कच्चे तेल को GST के दायरे से बाहर रखा गया था।
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