रेलवे कॉकरोच-चूहों को मारने पर करोड़ों कर रहा खर्च, उधर, खाने में मिला रहा कीड़ा

  • बेगमपुरा एक्सप्रेस के AC 2 कोच में IRCTC द्वारा परोसे गये खाने में यात्री को कीड़ा मिला 

NEW DELHI. ट्रेनों के एसी कोच, पेंट्रीकार में चूहे और कॉकरोच दौड़ रहे हैं. लगातार मिल रही शिकायतों से हो रही किरकिरी के बीच रेलवे बोर्ड ने जोनरल स्तर पर ट्रेनों की पेंट्रीकार से कॉकरोच-चूहों का सफाया करने का अभियान चला रखा है. इस अभियान में करोड़ों की राशि खर्च की जा रही है. रेलवे के अधिकारियों का ही कहना है कि कॉकरोच-चूहों को मारने के अभियान में हर साल रेलवे को करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं उस पर खाने में शिकायत आने पर रेलवे की छवि धूमिल हो रही है.

रेलवे के चूहे और कॉकरोच मारने के अभियान के बीच बेगमपुरा एक्सप्रेस में IRCTC द्वारा परोसे गये खाने में यात्री को कीड़ा मिलने की सूचना है. नाराज यात्री ने इसकी शिकायत की और कहा कि खराब गुणवत्ता वाले भोजन के कारण पूरे परिवार को भूखे पेट सोना पड़ा. घटना मंगलवार रात की 12238 बेगमपुरा एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी A2 में घटी. एसी 2 बोगी नंबर A2 में सफर कर रहे रवी कुमार जम्मू से वैष्णव देवी का दर्शन कर बेगमपुरा एक्सप्रेस में घर लखनऊ लौट रहे थे.

रात को उन्होंने आईआरसीटीसी के वेंडर प्रमोद कुमार को खाने का ऑर्डर दिया था. रवि ने खाने का पैकेट खोला तो उसमें कीड़ा रेंगता नजर आया. इसकी शिकायत वेंडर और मैनेजर से की तो उन्होंने गलती मानने तक से इंकार कर दिया. हालांकि यह बात पूरे कोच में फैल गयी और यात्रियों ने वेंडर व कैटरिंग मैनेजर को घेर लिया. रवि के अनुसार उन्होंने अंबाला स्टेशन के पास IRCTC को खाने का आर्डर दिया था. ट्रेन में पेंट्री नहीं है. खाने में कीड़ा मिलने पर वेंडर ने जानकारी से इंकार किया और कहा कि वह पैक किसी और स्टेशन पर हुआ है इसलिए वह अधिक कुछ नहीं बता सकता.

यही बात मैनेजर ने भी दोहरा दी. इससे यात्रियों का गुस्सा बेकाबू हो गया. अब शिकायत की गयी है और जांच के नाम पर मामले को आगे बढ़ा दिया गया है. दिलचस्प बात है कि  रेलवे खानपान की गुणवत्ता सुधार के नाम पर करोड़ों रुपये सफाई व दूसरे उपायों पर खर्च करती है. इसके बाद भी खाने में कीड़ा मिलने और जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं करने से इन घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है.

रेलवे का दावा है कि सभी यात्री ट्रेनों की पेंट्रीकार की सफाई करायी जा रही है. कॉकरोच, चूहों व अन्य कीटों के सफाये के लिए कैमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा. एसी-नॉन एसी आरक्षित कोच की भी सफाई करायी जा रही. यह अभियान महीने भर चलेगा. इसके बाद पेंट्रीकार और कोच की सफाई की निगरानी रेलवे और आईआरसीटीसी के अधिकारी मिलकर करेंगे. दोनों संयुक्त रिपोर्ट देंगे. उसे रेलवे बोर्ड को सौंपा जायेगा. ट्रेनों के नाम-नंबर, डिपो, पेंट्रीकार का नंबर, सफाई करने वाली कंपनी का नाम व तारीख आदि का उल्लेख भी इस रिपोर्ट में होगा. दावा है कि इसके बाद कोच में कॉकरोच-चूहा मिलने पर अधिकारी-कर्मचारी व एजेंसी पर कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी.

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