राहुल ने ट्रैकमैन से मुलाकात की: बोले- रेलवे को सुरक्षित रखने वालों के लिए सिस्टम में न प्रमोशन है, न इमोशन, ट्रैकमैन सबसे ज्यादा उपेक्षित

नई दिल्ली5 मिनट पहले

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राहुल ने दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैकमैन से मुलाकात का वीडियो X पर शेयर किया।

राहुल गांधी ने मंगलवार को X पर रेलवे ट्रैकमैन यानी ट्रैक की मरम्मत करने वाले कर्मचारियों से मुलाकात का वीडियो शेयर किया। उन्होंने लिखा कि भारतीय रेल कर्मचारियों में ट्रैकमैन सबसे ज्यादा उपेक्षित हैं। रेलवे को गतिशील और सुरक्षित बनाए रखने वाले ट्रैकमैन भाइयों के लिए सिस्टम में न कोई प्रमोशन है, न ही इमोशन।

राहुल ने कहा कि ट्रैकमैन की नौकरी ट्रैक से शुरू होकर ट्रैक पर ही खत्म हो जाती है। हर साल करीब 550 ट्रैकमैन काम के दौरान हादसों के शिकार हो जाते हैं, क्योंकि उनकी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होते हैं। राहुल ने कर्मियों की दो मांगों को पूरा करने की भी मांग की।

राहुल दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन पर ट्रैकमैन से मिले थे। 10 मिनट के इस वीडियो में राहुल उनके काम को लेकर सवाल पूछते नजर आते हैं। इस बीच राहुल उनसे कहते हैं कि आपके इस काम के बिना हिंदुस्तान हिल नहीं सकता, जाम हो जाएगा। इस पर एक ट्रैकमैन कहता है कि ट्रेन हमारी छाती पर चलती है।

रेलवे ट्रैकमैन का काम समझते राहुल गांधी।

रेलवे ट्रैकमैन का काम समझते राहुल गांधी।

राहुल का पूरा पोस्ट पढ़ें…
रेलवे को गतिशील और सुरक्षित बनाए रखने वाले ट्रैकमैन भाइयों के लिए सिस्टम में ‘न कोई प्रमोशन है, न ही इमोशन’। भारतीय रेल कर्मचारियों में ट्रैकमैन सबसे ज्यादा उपेक्षित हैं, उनसे मिल कर उनकी समस्याओं और चुनौतियों को समझने का मौका मिला।

ट्रैकमैन 35 किलो औजार उठाकर रोज 8-10 कि.मी. पैदल चलते हैं। उनकी नौकरी ट्रैक पर ही शुरू होती है और वो ट्रैक से ही रिटायर हो जाते हैं । जिस विभागीय परीक्षा को पास कर दूसरे कर्मचारी बेहतर पदों पर जाते हैं, उस परीक्षा में ट्रैकमैन को बैठने भी नहीं दिया जाता।

ट्रैकमैन भाइयों ने बताया कि हर साल करीब 550 ट्रैकमैन काम के दौरान दुर्घटना का शिकार होकर जान गंवा देते हैं, क्योंकि उनकी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। विपरीत परिस्थितियों में बिना बुनियादी सुविधाओं के दिन-रात कड़ी मेहनत करने वाले ट्रैकमैन भाइयों की इन प्रमुख मांगों को हर हाल में सुना जाना चाहिए।

  • काम के दौरान हर ट्रैकमैन को ‘रक्षक यंत्र’ मिले, जिससे ट्रैक पर ट्रेन आने की सूचना उन्हें समय से मिल सके।
  • ट्रैकमैन को विभागीय परीक्षा (LDCE)के जरिए तरक्की का अवसर मिले।

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