राहुल गांधी को नए बंगले का ऑफर: भाई का नया घर देखने पहुंची प्रियंका; लोकसभा सदस्यता जाने के बाद छोड़ा था पुराना घर

नई दिल्ली11 मिनट पहले

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इस बंगले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री ए नारायण स्वामी रह रहे थे।

कांग्रेस नेता और लोकसभा ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी को रहने के लिए नया बंगला ऑफर किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली के सुनहरी बाग रोड स्थित बंगला नंबर 5 राहुल गांधी का नया घर हो सकता है। विपक्षी नेता होने के कारण उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है। जो उन्हें टाइप 8 बंगले दिए जाने का हकदार बनाता है।

इससे पहले राहुल की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा सुनहरी बाग रोड स्थित बंगला नंबर 5 का दौरा करने पहुंची थीं। जिसके बाद से ही राहुल के नए आवास को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राहुल गांधी को 3-4 बंगलों के ऑप्शन दिए गए थे। इनमें से उन्होंने ने इस बंगले को चुनने का फैसला किया है।

मोदी सरनेम मामले में 2 साल की सजा मिलने के बाद 22 अप्रैल 2023 को उन्हें सरकारी बंगला खाली करना पड़ा था। उस समय वे 12, तुगलक लेन में रह रहे थे।

हालांकि अगस्त में सदस्यता बहाल होने के बाद उन्हें हाउसिंग बोर्ड द्वारा फिर बंगला अलॉट किया था। लेकिन उन्होंने वापस में लौटने से मना कर दिया था। तब से ही वे अपनी मां और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के साथ 10, जनपथ स्थित बंगले पर रह रहे हैं।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने बंगले का दौरा किया।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने बंगले का दौरा किया।

2005 में अलॉट हुआ था 12, तुगलक लेन बंगला
राहुल गांधी 2004 में पहली बार अमेठी से सांसद बने। तब तक वो अपनी मां के साथ 10 जनपथ स्थित बंगले में रहते थे। सांसद बनने पर 2005 में उन्हें पहली बार 12 तुगलक लेन वाला बंगला अलॉट किया गया था।

ये दिल्ली के लुटियंस जोन में स्थित टाइप-8 बंगला है, जो हाइएस्ट कैटेगरी है। इस आलीशान बंगले में 5 बेडरूम, 1 हॉल, 1 डायनिंग रूम, 1 स्टडी रूम और सर्वेंट क्वार्टर हैं। राहुल गांधी इस बंगले में एक प्राइवेट गृह प्रवेश के बाद शिफ्ट हुए थे। इस सेरेमनी में सोनिया, प्रियंका, रॉबर्ट समेत उनके करीबी लोग ही शामिल थे। इसकी कोई सार्वजनिक तस्वीर मौजूद नहीं है।

22 अप्रैल को 12 तुगलक लेन छोड़ने के बाद अधिकारी को घर की चाबी सौंपते राहुल गांधी।

22 अप्रैल को 12 तुगलक लेन छोड़ने के बाद अधिकारी को घर की चाबी सौंपते राहुल गांधी।

जानिए क्या है मानहानि केस का पूरा मामला…
राहुल गांधी ने 11 अप्रैल 2019 में बेंगलुरु के कोलार में एक चुनावी सभा को संबोधित करने के दौरान मोदी सरनेम को लेकर एक बयान दिया था। इसके खिलाफ भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी।

सेशन कोर्ट में चार साल तक केस चला और फैसला इस साल 23 मार्च को आया था। मानहानि केस में राहुल को अधिकतम दो साल की सजा मिली। जिसके चलते उनकी सांसदी चली गई थी। हालांकि अगस्त 2023 में सुप्रीम कोर्ट को राहुल की दोषसिद्धी पर रोक लगा दी थी। इसके बाद उनकी सदस्यता बहाल हो गई थी।

दिल्ली में बंगला अलॉट करने के नियम-कानून क्या हैं?
लोकसभा सदस्यों को दिल्ली में बंगले का आवंटन ‘डायरेक्टरेट ऑफ स्टेट्स’ करता है। यह मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स के तहत आता है। ‘डायरेक्टरेट ऑफ स्टेट्स’ के अंदर भी यह काम जनरल पूल रेसिडेंशियल एकॉमोडेशन यानी GPRA एक्ट के तहत किया जाता है। इसमें घरों के आवंटन के लिए केंद्र सरकार के जनरल पूल रेसिडेंशियल एकॉमोडेशन रूल्स 2017 का पालन किया जाता है।

GPRA में केंद्र सरकार का कोई भी कर्मचारी घर के लिए आवेदन कर सकता है, लेकिन अलॉटमेंट के लिए पे स्केल, ऑफिस और पोजिशन को देखा जाता है और उसी के अनुसार आवास दिए जाते हैं। इन आवासों के लिए सरकार की तरफ से एक मासिक किराया भी तय है। इसे सरकार मार्केट रेट के हिसाब से ही रखने की कोशिश करती है। इन घरों के रख-रखाव के लिए सरकार की तरफ से भत्ता भी दिया जाता है।

राहुल गांधी को मिलने वाला सुनहरी रोड बंगला टाइप 8 कैटेगरी का है। इस बंगले में 5 बेडरूम, 1 हॉल, 1 बड़ा डायनिंग रूम, स्टडी रूम, 1 सर्वेंट क्वार्टर होता है।

लीडर ऑफ अपोजिशिन होने के नाते राहुल को और क्या-क्या शक्तियां मिली हैं?

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राहुल गांधी गृहमंत्री अमित शाह मानहानि केस में शुक्रवार को सुल्तानपुर कोर्ट पहुंचे। लौटते वक्त राहुल ने अचानक अपना काफिला एक मोची की दुकान पर रुकवा लिया। गाड़ी से उतरकर राहुल मोची राम चैत की दुकान पर पहुंचे। चप्पल की सिलाई की। उनसे पूछा कि जूते कैसे बनाते हो।

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