लखनऊएक घंटा पहले
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सीपीआई (माओवादी) नक्सली संगठन के 5 सदस्य गिरफ्तार किए गए।
यूपी एटीएस ने मंगलवार को बलिया से महिला समेत पांच नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी मुखौटा संगठनों के जरिए अपने नक्सली संगठन का विस्तार करने और पूर्वांचल में गतिविधियां बढ़ाने के लिए गोपनीय बैठक कर रहे थे। सभी को सहतवार थानाक्षेत्र के बसंतपुर गांव में संगठन की मीटिंग करते वक्त पकड़ा गया है।
इसकी सूचना मिलते ही एटीएस ने छापा मारकर बलिया की रहने वाली तारा देवी, लल्लू राम, सत्य प्रकाश, राममूरत और विनोद साहनी को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) से संबंधित साहित्य, दस्तावेज, पम्पलेट, सात मोबाइल, 9 एमएम पिस्टल और कारतूस बरामद किया गया है।
सशस्त्र विद्रोह खड़ा करने का था मकसद
एटीएस के मुताबिक, सीपीआई (माओवादी) नक्सली संगठन के गोपनीय रूप से यूपी, बिहार और झारखंड के बार्डर के जिलों में नक्सली गतिविधियों का विस्तार करने की सूचना मिल रही थी। यह लोग मुखौटा संगठनों के माध्यम से देश के अंदर ही सशस्त्र विद्रोह खड़ा करने की तैयारी कर रहे थे।
लल्लूराम और विनोद साहनी की फोटो।
महिला सदस्य कई नक्सली घटनाओं में थी शामिल
महिला दस्ते की सक्रिय सदस्य तारा देवी उर्फ मंजू उर्फ मनीषा वर्ष 2005 से ही संगठन से जुड़ी है। वह कई नक्सली घटनाओं में शामिल रह चुकी है। वह संगठन के लिए नए लोगों की भर्ती में जुटी थी। वह पार्टी के लिए चंदा से हथियार जमा करने का काम कर रही थी।
तारा देवी ने चर्चित मधुबन बैंक डकैती कांड नक्सलियों के साथ मिलकर की थी, जिसमें पहली बार नक्सलियों ने शहर में आकर अत्याधुनिक असलहों से अंधाधुंध फायरिंग करते हुए बैंक और बाजार लूटा था। जिसके बाद पुलिस की धरपकड़ में तारा देवी भी नक्सली सतीश उर्फ राम प्रवेश बैठा उर्फ रवि जी के साथ पकड़ी गई थी।
ममूरत और तारा देवी की फोटो।
रिमांड पर लेने की तैयारी में एटीएस
एटीएस सूत्रों ने बताया कि जांच में सामने आया कि ये सभी केंद्रीय कमेटी के सदस्यों से बातचीत करने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वे मैसेज कनवे के करने के लिए कोई न कोई संदेशवाहक, पर्ची, मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव या दूसरे जरिए मैसेज भेजते हैं। पकड़े गए आरोपियों को कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए एटीएस तैयारी में है।