यमुनोत्री धाम में 15 किमी तक जाम: 9 हजार लोगों के पहुंचने से हालात बिगड़े, 7 घंटे बंद रही यात्रा

जानकी चट्‌टी (यमुनोत्री)कुछ ही क्षण पहलेलेखक: मनमीत

  • कॉपी लिंक

यमुनोत्री धाम के कपाट 10 मई को अक्षय तृतीया के दिन खुले हैं।

उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री धाम में हालात रविवार सुबह भी बिगड़े रहे। एक साथ 9 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचने से समुद्र तल से 10,797 फीट ऊपर जानकी चट्‌टी से यमुनोत्री मंदिर तक का 5-6 फीट चौड़ा और 4 किमी लंबा रास्ता बेहिसाब भीड़ में जाम हो गया।

यात्रा एक दिन स्थगित करने की भी योजना बनी, लेकिन प्लान बदलना पड़ा। इसके बाद श्रद्धालुओं को 45 किमी दूर बरकोट से आगे नहीं बढ़ने दिया गया। फिर जानकी चट्‌टी आने से पहले डामटा धरासू में भी श्रद्धालु रोके गए। इससे 15 किमी लंबा जाम लग गया।

जाम में फंसी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों ने बिस्किट, नमकीन खाकर 7 घंटे गुजारे। बाद में तीर्थयात्रियों को बर्नीगाड़ से कुथनौर, पालीगाड़ होते हुए जानकी चट्‌टी भेजा गया। इससे जानकी चट्‌टी के लिए दो रास्ते खुले।

शाम करीब 5 बजे जब यमुनोत्री मंदिर से जानकी चट्‌टी तक रास्ता साफ हुआ, उसके बाद यात्रियों को आगे बढ़ाया गया। आखिर में पुलिस ने लोगों से अपील करनी पड़ी कि वे यमुनोत्री न आएं।

जाम में फंसे यात्रियों ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है।

जाम में फंसे यात्रियों ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है।

न होटल, न ढाबा…
शनिवार रात पालीगाड़ में 300 गाड़ियां रास्ते में फंस गईं। एसपी, कलेक्टर मौके पर थे, लेकिन वहां न होटल थे, न ढाबे, यात्रियों ने सड़क पर ही रात गुजारी।

बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले- मूर्ति पर लगा घी, कंबल नहीं सूखा यानी खुशहाली रहेगी

भगवान बद्री विशाल के कपाट 12 मई की सुबह खोले गए।

भगवान बद्री विशाल के कपाट 12 मई की सुबह खोले गए।

बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार सुबह 6 बजे 12 हजार लोगों की मौजूदगी में खुल गए। मुख्य रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी सबसे पहले गर्भगृह में गए। वहां उन्हें भगवान की मूर्ति पर पिछले साल लगाया गया घी और कंबल ठीक उसी अवस्था में मिला, जैसा कपाट बंद करते वक्त था। यह देखने के बाद परंपरानुसार भविष्यवाणी की गई कि इस साल देश में कहीं भी सूखा नहीं पड़ेगा और खुशहाली रहेगी। पढ़ें पूरी खबर…

400 डॉक्टर तैनात, इनमें 256 एक्सपर्ट
पहली बार चार धाम यात्रा मार्ग पर 400 से ज्यादा डॉक्टरों की तैनाती। इनमें 256 इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर और विशेषज्ञ डॉक्टर हैं। फिर भी श्रद्धालु यात्रा में कम से कम 7​ दिन का प्लान बनाकर आएं, ताकि घटते-बढ़ते तापमान में शरीर ढलता रहे।

उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी में कहा है कि चारों धाम 3 हजार मीटर से ऊपर हैं और पहाड़ों पर रुक-रुककर बर्फबारी हो रही है। इसलिए श्रद्धालु 7 दिन का प्लान बनाकर निकलें।

10 कई को शुरू हुई चारधाम यात्रा अक्षय तृतीया यानी 10 मई को गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुल चुके हैं। इसके बाद से ही चारधाम यात्रा शुरू हो गई। केदारना​थ में पहले दिन रिकॉर्ड 32 हजार श्रद्धालुओं ने केदारनाथ के दर्शन किए। केदारनाथ के कपाट सुबह 6:55 बजे और यमुनोत्री के कपाट सुबह 10:29 बजे खोले गए। दोपहर 12:25 बजे गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए। पूरी खबर यहां पढ़ें