म्यांमार में सेना की एयरस्ट्राइक; 5000 लोग भारत पहुंचे: मिजोरम के शरण ली, 160 परिवार रिलीफ कैम्प में रह रहे

आइजोल6 मिनट पहले

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म्यांमार में हो रहे संघर्ष के चलते लोग अपना देश छोड़ मिजोरम पहुंच रहे हैं।

भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में सेना और विद्रोही ग्रुप पीपुल्स डिफेंस फोर्सेस (PDF) के बीच 12 नवंबर से लड़ाई हो रही है। 14 नवंबर को म्यांमार सेना ने भारत सीमा से सटे इलाकों खावमावी और रिहखावदार गांवों पर एयर स्ट्राइक की।

इस हमले में एक 51 साल के व्यक्ति की मौत हो गई थी और PDF के करीब 5 लोगों ने हमले में जान गंवाई। इसके चलते भारत की सीमा पारकर म्यांमार के 5 हजार से अधिक लोगों ने मिजोरम में शरण ली।

म्यांमार में तख्तापलट के बाद से वहां के लोग पलायन कर रहे हैं।

म्यांमार में तख्तापलट के बाद से वहां के लोग पलायन कर रहे हैं।

म्यांमार के लगभग 160 परिवार मिजोरम में
मिजोरम में शरण लेने वाले म्यांमार के लोग चम्फाई जिले के जोखावथार इलाके में रह रहे हैं। जोखावथार इलाके में 4-5 राहत और शरणार्थी कैम्प हैं, जिनमें म्यांमार के लगभग 160 परिवार रह रहे हैं।

जिला प्रशासन, NGO, यंग मिजो एसोसिएशन (YMA) और ग्राम परिषद की ओर से इन शरणार्थियों की मदद की जा रही है। साथ ही इन्हें इलाके में बने अस्थआयी टेंट में जगह दी गई है। शासन-प्रशासन और NGO की ओर से इन्हें खाना, कपड़ा और दवाएं दी जा रही हैं।

YMA के फाइनेंशियल सेक्रेटरी एफ बियाक्टिंसांगा ने बताया कि कुछ गैर-सरकारी संगठनों और प्रशासन की ओर से इनकी मदद की जा रही है। बियाक्टिंसांगा ने कहा कि यहां कई सारे बच्चे और महिलाएं हैं। उनके लिए दाल, सेरेलैक, दूध और दवाई के साथ-साथ डायपर, कपड़े और कंबल-गद्दे का इंतजाम YMA की ओर से किया जाता है।

म्यांमार-भारत सीमा में म्यांमार सेना की ओर से हवाई हमला किया गया। बुधवार रात से सीमा पर कोई हलचल नहीं हो रही है।

म्यांमार-भारत सीमा में म्यांमार सेना की ओर से हवाई हमला किया गया। बुधवार रात से सीमा पर कोई हलचल नहीं हो रही है।

म्यांमार सेना के 42 जवानों ने मिजोरम में सरेंडर किया
वहीं, म्यांमार की पीपुल्स डिफेंस फोर्स (PDF) ने रविवार शाम को म्यांमार सेना की दो चौकियों पर हमला कर उन पर कब्जा कर लिया। इसके चलते सेना के 39 जवानों ने मिजोरम में शरण ली और मिजोरम पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। अब तक म्यांमार सेना के 42 जवान सरेंडर कर चुके हैं।

मिजोरम के आईजी लालबियाकथंगा खियांग्ते ने मंगलवार को बताया कि म्यांमार के लगभग 5 हजार लोगों ने राज्य के दो सीमावर्ती गांवों में शरण ली है। रविवार शाम को PDF ने म्यांमार सेना की चौकियों पर हमला कर उन पर कब्जा कर लिया। इसके बाद सेना के 39 जवानों ने सरेंडर किया।

सीमापार हो रहे हमले से मिजोरम में 19 घायल, 1 की मौत
सीमा पर हो रहे हमले के चलते इलाके में रहने वाले 20 लोग घायल हैं। इनमें से 8 लोगों को इलाज के लिए आइजोल शिफ्ट किया गया है। साथ ही बुधवार शाम को एक नागरिक ने गोली लगने से दम तोड़ दिया। बुधवार रात से सीमा पर कोई हलचल नहीं हुई है। म्यांमार सेना की ओर से हवाई हमला होने के बारें में हमें कोई जानकारी नहीं है। फिलहाल हम हवाई हमले से इनकार नहीं कर सकते है।

रिलीफ कैम्प में रह रहे शरणार्थियों को ये भी नहीं पता कि वो कब वापस म्यांमार जाएंगे।

रिलीफ कैम्प में रह रहे शरणार्थियों को ये भी नहीं पता कि वो कब वापस म्यांमार जाएंगे।

चुनौतियों के बाद भी लोग शरणार्थियों की मदद कर रहे
म्यांमार के मल सॉम पार ने अपने देश से भागने के बाद हुई दिक्कतों के बारें में बताया कि वो 2 साल पहले अपना जलता हुआ गांव छोड़ कर जोखावथार आए थे। वो अपने साथ कुछ भी लेकर नहीं आए थे। वो यहां कब तक रहेंगे ये किसी को नहीं पता। वापस जाना भी बहुत मुश्किल है। चुनौतियों के बावजूद, इलाके के लोग उनकी मदद करते हैं। जब भी कोई बीमार पड़ता है तो यहां के लोग उन्हें डॉक्टर और दवाई उपलब्ध करवाते हैं।

म्यांमार में सेना के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन से जुड़ी तस्वीरें।

म्यांमार में सेना के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन से जुड़ी तस्वीरें।

2021 में तख्तापलट के बाद से म्यांमार में इमरजेंसी
म्यांमार में सेना ने 1 फरवरी 2021 को तख्तापलट कर दिया था। वहां की लोकप्रिय नेता और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद मिलिट्री लीडर जनरल मिन आंग हलिंग ने खुद को देश का प्रधानमंत्री घोषित कर दिया था। सेना ने देश में 2 साल के आपातकाल की घोषणा की थी।

दरअसल, म्यांमार में नवंबर 2020 में आम चुनाव हुए थे। इनमें आंग सान सू की पार्टी ने दोनों सदनों में 396 सीटें जीती थीं। वहीं विपक्ष की यूनियन सॉलिडैरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी ने दोनों सदनों में मात्र 33 सीटें ही जीतीं। इस पार्टी को सेना का समर्थन हासिल था।

नतीजे आने के बाद सेना ने इस पर सवाल खड़े कर दिए। सेना ने चुनाव में सू की की पार्टी पर धांधली करने का आरोप लगाया था। चुनाव नतीजों के बाद से ही सरकार और सेना के बीच मतभेद शुरू हो गया, जिसके बाद सेना ने तख्तापलट कर दिया था।

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