मुंबई में लालू यादव के दिल का ऑपरेशन:ब्लॉकेज के बाद की गई एंजियोप्लास्टी, पहले एक वॉल्व बदला जा चुका है


आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के हार्ट का ऑपरेशन किया गया है। बुधवार को मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में उनकी एंजियोप्लास्टी की गई है। लालू के दिल में ब्लॉकेज के बाद ये ऑपरेशन किया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि अभी उनकी स्थिति ठीक है। 10 सितंबर को एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में उन्हें भर्ती कराया गया था। बुधवार को लालू यादव की एंजियोप्लास्टी की गई। इससे पहले 27 अगस्त 2014 को एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में लालू यादव की ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी। फेमस कार्डियक सर्जन रामाकांत पांड्या की देखरेख में 20 डॉक्टरों की टीम ने सर्जरी की थी। यह सर्जरी 6 घंटे से ज्यादा देर तक चली थी। इस दौरान लालू का एऑर्टिक (aortic) वॉल्व बदला गया था। इससे पहले जुलाई महीने में भी लालू यादव की तबीयत बिगड़ी थी। यूरिन करने में परेशानी के बाद दिल्ली के AIIMS में उन्हें भर्ती कराया था। सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था 2 साल पहले सिंगापुर में लालू यादव का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने उनको अपनी एक किडनी डोनेट की थी। दोनों की सर्जरी की गई थी। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद लालू की सेहत में काफी सुधार दिखा।
रोहिणी आचार्य जब सारण से लोकसभा का चुनाव लड़ रही थीं, तब लालू उनके चुनाव प्रचार में भी गए थे। कई कार्यक्रमों में भी वे भाग लेते दिखते हैं। हालांकि, किडनी ट्रांसप्लांट के बाद उनको कई तरह का परहेज करना पड़ता है। लालू किडनी की बीमारी के अलावा अन्य कई बीमारियों से भी ग्रस्त रहे हैं। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद सिंगापुर में डॉक्टरों ने उन्हें भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने की सलाह दी थी, लेकिन लालू प्रसाद मानने को तैयार नहीं हैं। उन्हें सीमित मात्रा में पानी पीने और धूल से बचने की भी हिदायत दी गई है। डॉक्टरों की सलाह को नजर अंदाज कर जगदेव प्रसाद के शहादत दिवस पर 5 सितंबर को आरजेडी कार्यालय पहुंचे थे। यहां तक की भाषण भी दिया। 7 सितंबर को दानापुर के पेठिया बाजार में गणपति उत्सव में भी पहुंचे थे। फीता काटकर उन्होंने गणेशोत्सव का उद्घाटन भी किया। यहां बहुत अधिक भीड़ थी। लालू प्रसाद को मुश्किल से कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाया गया। डॉक्टर की सलाह के बाद भी यहां बिना मास्क के दिखे। हर साल 4.5 लाख हार्ट के मरीज एंजियोप्लास्टी कराते हैं एक आंकड़े के अनुसार, भारत में हर साल तकरीबन 4.5 लाख हार्ट के मरीज एंजियोप्लास्टी कराते हैं। वहीं, देश में 4 से 5 करोड़ लोग इस्चेमिक हार्ट डिजीज (IHD) से पीड़ित हैं। यह देश में होने वाली 15 से 20% मौतों की वजह बनती है। इस मामले में हार्ट की आर्टरीज संकरी होने लगती है, जो आगे चलकर हार्ट अटैक की वजह बनती है। इसी तरह एंजियोप्लास्टी तब कराई जाती है, जब आर्टरीज में बैड कोलेस्ट्रॉल या खून के थक्के जमा होने से ब्लॉकेज बनने लगते हैं। इसी ब्लॉकेज की वजह से आर्टरीज से हार्ट को ब्लड की सप्लाई कम होने लगती है। जिससे हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है। यही वजह है कि सीढ़ियां चढ़ने पर या वजन उठाने पर सीने में दर्द जैसी परेशानी होने पर लोग पहले ही एंजियोप्लास्टी करा लेते हैं।