नई दिल्ली: केंद्र ने 15 नवंबर को प्रतिष्ठित उपनिवेशवाद-विरोधी योद्धा बिरसा का जन्मदिन मनाने का फैसला किया है मुंडा, इस वर्ष से Janjatiya Gaurav Diwas स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों की भूमिका को उजागर करने के लिए बनाया गया एक कदम।
मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और ‘का आह्वान करते हुए एक आंदोलन का नेतृत्व किया’उलगुलान‘ (क्रांति), जिसने अंग्रेजों को आदिवासियों के सशस्त्र प्रतिरोध का सामना करते हुए देखा, जो अब बनता है झारखंड.
मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और ‘का आह्वान करते हुए एक आंदोलन का नेतृत्व किया’उलगुलान‘ (क्रांति), जिसने अंग्रेजों को आदिवासियों के सशस्त्र प्रतिरोध का सामना करते हुए देखा, जो अब बनता है झारखंड.
देश के लाखों-करोड़ों लोगों के दिलों में बसने वाले भगवान बिरसा मुंडा के जीवन से हमें आज भी साहस, शौर्य और सेवा की सी… https://t.co/W8g1h9f8zi
— Narendra Modi (@narendramodi) 1636552757000
पीएम मोदी उन्होंने ट्विटर पर कहा कि उन्हें खुशी है कि कैबिनेट ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है।
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