मिजोरम में घुसे म्यांमार के 151 सैनिक: विद्रोही गुट के हमले के बाद भागकर सीमा पार आए, असम राइफल्स ने कहा- बॉर्डर पर संघर्ष जारी

आइजोल5 घंटे पहले

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म्यांमार आर्मी के जवानों की फोटो। पड़ोसी देश म्यांमार में लंबे समय से सेना और विद्रोही गुटों के बीच संघर्ष जारी है।

म्यांमार में सेना और विद्रोही गुटों के संघर्ष के बीच 151 म्यांमार सैनिक मिजोरम में घुस आए हैं। शुक्रवार को असम राइफल्स के अधिकारी ने कहा- भारतीय सीमा से लगे म्यांमार सैन्य बेस पर विद्रोही गुट अराकान आर्मी (एए) ने कब्जा कर लिया। इसके बाद म्यांमार सेना के जवान अपने हथियारों के साथ लॉन्गटलाई जिले के तुईसेंटलांग में असम राइफल्स के पास पहुंच गए।

असम राइफल्स ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से भारतीय सीमा के करीब इलाकों में म्यांमार सेना और अराकान सेना के लड़ाकों के बीच भारी गोलीबारी हो रही थी। बीते एक दशक में अराकान आर्मी म्यांमार में सबसे शक्तिशाली जातीय सशस्त्र समूह बनी है। मिजोरम और म्यांमार के चिन प्रांत के बीच 510 किलोमीटर लंबी सीमा है।

मैप प्रतीकात्मक है।

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म्यांमार से हजारों लोग मिजोरम पहुंचे

मार्च तक के आंकड़ों के अनुसार, मिजोरम में म्यांमार से आए 31500 शरणार्थी रह रहे हैं। राज्य गृह विभाग के मुताबिक, मिजोरम के सभी 11 जिलों में म्यांमार से आए लोग हैं। नवंबर के दूसरे हफ्ते में म्यांमार सेना की ओर से बॉर्डर इलाकों में की गई बमबारी के बाद 5000 से अधिक लोग मिजोरम में घुसे थे।

म्यांमार शरणार्थी भारतीय बॉर्डर कैसे आसानी से पार कर लेते हैं
यंग मिजो एसोसिएशन के सचिव लालनुन्तलुआंगा कहते हैं कि भारत और म्यांमार की सीमा से इधर-उधर जाना आसान है। बॉर्डर के दोनों तरफ 25 किलोमीटर तक जाने की छूट तक है। ऐसे में म्यांमार से लोग आसानी से भारत पहुंच जाते हैं।

आइजॉल के गवर्नमेंट जॉनसन कॉलेज में प्रोफेसर डेविड लालरिनछाना का कहना है कि म्यांमार के चिन और मिजोरम के मिजो लोगों के बीच अच्छे रिश्ते हैं। ये अपने को एक-दूसरे के पूर्वज मानते हैं। यहीं वजह है कि चिन विस्थापितों लोगों को मिजोरम में सहयोग मिलता है।

म्यांमार में तख्तापलट के बाद सेना ने इमरजेंसी की घोषणा की
फरवरी 2021 में म्यांमार में सेना ने लोकतांत्रिक सरकार को हटाकर सस्ता पर कब्जा कर लिया। वहां की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।

इसके बाद मिलिट्री लीडर जनरल मिन आंग हलिंग ने खुद को देश का प्रधानमंत्री घोषित कर दिया था। सेना ने देश में 2 साल के आपातकाल की घोषणा की थी। इसके बाद से म्यांमार में गृह युद्ध चल रहा है, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं। मिजोरम पुलिस के मुताबिक, बीते कुछ महीनों से भारत-म्यांमार सीमा के आसपास गतिविधियां बढ़ी हैं। हजारों की संख्या में म्यांमारी लोग भारतीय सीमा में प्रवेश कर रहे हैं।

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