मालाबार नेवी ड्रिल की तैयारी पूरी: चीन को काउंटर करने क्वाड एकजुट, भारत-अमेरिका-जापान और ऑस्ट्रेलिया इस महीने के आखिर में सैन्य अभ्यास करेंगे

नई दिल्ली3 मिनट पहले

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चीन हमेशा से मालाबार युद्धाभ्यास का विरोध करता आया है। इस बार सभी क्वाड देश इसमें शामिल हो रहे हैं। -फाइल फोटो

मालाबार नेवी ड्रिल की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस महीने के आखिर में सभी क्वाड देश भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेना प्रशांत महासागर में यह नेवी एक्सरसाइज करेंगी। चीन को काउंटर करने के लिए इस वक्त यह एक्सरसाइज बेहद अहम है। इस बार यह अभ्यास पश्चिमी प्रशांत महासागर में हो रहा है। 2020 में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में युद्ध अभ्यास किया गया था। चीन हमेशा से इसे तिरछी निगाहों से देखता आया है।

ऑस्ट्रेलिया चाहता है, भारत उसके युद्धाभ्यास में शामिल हो
ऑस्ट्रेलिया 13 साल बाद 2020 में इस युद्दाभ्यास में शामिल हुआ। पिछले साल नवंबर में भारत ने अमेरिका और जापान के अलावा ऑस्ट्रेलिया को भी इस युद्ध अभ्यास में शामिल होने का निमंत्रण दिया था। अब ऑस्ट्रेलिया भी चाहता है कि भारत हर 2 साल में होने वाले उनके सबसे बड़े द्विवार्षिक युद्ध अभ्यास तालिसमेन सेबर में 2023 में हिस्सा ले। 2021 में हुई इस एक्सरसाइज में 17 हजार सैनिकों, 18 वॉरशिप, 70 एयरक्राफ्ट और 50 हेलीकॉप्टर ने हिस्सा लिया था। इसमें ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान, यूके, कनाडा, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड शामिल थे।

ऑस्ट्रेलिया के युद्धाभ्यास में शामिल होगा भारत?
मालाबार नौसेना अभ्यास की शुरुआत 1992 में हुई थी। उस समय अमेरिका और भारत की नौसेना इसमें शामिल होती थीं। इसके बाद 2015 और 2020 में जापान भी इसमें शामिल हुआ था। पिछले साल ऑस्ट्रेलिया ने भी इसमें हिस्सा लिया था। ऐसा दूसरी बार हो रहा है, जब इस युद्धाभ्यास में सभी क्वाड देश शामिल हो रहे हैं। इससे पहले 13 साल बाद पिछले साल नवंबर में हुई मालाबार एक्सरसाइज में सभी देश शामिल हुए थे।

चीन को रोकने फ्रांस और ब्रिटेन भी साथ आए
चीन को काउंटर करने के लिए क्वाड देशों ने अपनी एक्टिविटी बढ़ा दी है। ये सभी देश हिंद-प्रशांत महासागर में फ्री मूवमेंट के समर्थक हैं। क्वाड के अलावा फ्रांस भी इस बात का समर्थन करता है। इसके अलावा ब्रिटेन भी चीन के खिलाफ खड़ा हो गया है। UK ने पिछले सप्ताह ही पांचवी पीढ़ी के एयरक्राफ्ट के साथ अपने क्वीन एलिजाबेथ एयरक्राफ्ट कैरियर को दक्षिण चीन सागर में भेजा था। इस इलाके में अपने कब्जे का दावा करने वाले चीन ने इस पर खासी नाराजगी जाहिर की थी। चीन ने तब कहा था कि ब्रिटेन ने दोबारा ऐसा करने की कोशिश की तो हम उनके बेड़े पर हमला कर उसे खदेड़ देंगे।

भारत भेजगा नौसैनिक टास्कफोर्स
भारत भी अपनी एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत एक नौसैनिक टास्कफोर्स पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र, दक्षिण पूर्व एशिया और दक्षिण पूर्व सागर भेजने वाला है। इसमें गाइडेड मिसाइल को नष्ट करने वाला INS रणविजय, युद्धपोत INS शिवालिक, INS कदमात के साथ जंगी जहाज INS कोरा शामिल है।

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