मायावती बोलीं-RSS राजनीतिक पार्टी: तल्खी दूर हो इसलिए भाजपा ने कर्मचारियों के शाखा जाने का प्रतिबंध हटाया, फैसला वापस ले – Lucknow News

सरकारी कर्मचारियों के RSS के कार्यक्रम में शामिल वाले फैसले पर बसपा प्रमुख मायावती ने हमला बोला है। उन्होंने कहा- RSS एक राजनीतिक पार्टी है। RSS और भाजपा के बीच तल्खी दूर हो, इसलिए सरकार ने कर्मचारियों के शाखा में जाने पर लगा बैन हटाया है। केंद्र सरक

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9 जुलाई को केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की गतिविधियों में शामिल होने पर लगे बैन को हटाया दिया था, तभी से विपक्ष भाजपा सरकार पर हमलावर है।

बसपा सुप्रीमो मायावती का ट्वीट

मायावती बोलीं-केंद्र का निर्णय देशहित से परे
सोमवार को बसपा प्रमुख ने X पर 2 ट्वीट किए। उन्होंने लिखा- सरकारी कर्मचारियों को RSS की शाखाओं में जाने पर 58 साल से जारी प्रतिबंध को हटाने का केंद्र का निर्णय देशहित से परे है। यह फैसला राजनीति और तुष्टीकरण से प्रेरित है। सरकारी नीतियों और इनके (भाजपा) अहंकारी रवैए से लोकसभा चुनाव के बाद दोनों के बीच (RSS और भाजपा) तल्खी हो गई थी। इसको दूर करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

RSS की गतिविधियां राजनीतिक ही नहीं, बल्कि चुनावी भी
मायावती ने कहा- सरकारी कर्मचारियों को संविधान और कानून के दायरे में रहना चाहिए और उन्हें निष्पक्षता के साथ जनकल्याण में काम करना चाहिए। कई बार प्रतिबंधित रहे RSS की गतिविधियां राजनीतिक ही नहीं, बल्कि पार्टी विशेष के लिए चुनावी भी रही हैं। ऐसे में यह निर्णय अनुचित है। इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।

9 जुलाई 2024 का केंद्र सरकार का आदेश।

9 जुलाई 2024 का केंद्र सरकार का आदेश।

जनता पार्टी ने फैसला पलटा था
सरकारी कर्मचारियों के RSS से जुड़ने पर रोक का पहला आदेश 1966 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने जारी किया था। इसके पीछे तर्क दिया गया था कि RSS राजनीतिक रूप से प्रभावित है।

केंद्र सरकार ने आगे कहा था कि RSS की वजह से कर्मचारियों की तटस्थता प्रभावित हो सकती है। इसे धर्मनिरपेक्ष समाज के लिए उचित नहीं माना गया। केंद्र सरकार ने आदेश में सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 का हवाला देते हुए बैन लगाया था।

देश में जब जनता पार्टी की सरकार 1977 में बनी तो इस कानून को निरस्त कर दिया गया था, लेकिन जब 1980 में इंदिरा गांधी फिर से सत्ता में लौटीं तो इस कानून को दोबारा प्रभाव में ला दिया गया था। तब से ये तमाम राज्यों में कर्मचारियों के सर्विस रूल पर प्रभावी है।

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