महम चौबीसी चबूतरे पर महापंचायत में उमड़ा OBC समाज: रिटायर्ड जज वी ईश्वरैया ने किया संवैधानिक हकों के लिए एकजुट होने का आह्वान, राजनीति में मांगा 27% आरक्षण

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  • महम चौबिसी मंच पर महापंचायत में जुटे ओबीसी समाज के सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी ईश्वरैया, संवैधानिक अधिकारों के लिए एकजुट होने का आह्वान

रोहतक5 मिनट पहले

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महम के ऐतिहासिक चौबीसी चबूतरे पर आयोजित ओबीसी महापंचायत में शामिल प्रतिनिधि।

ऑल इंडिया बैकवर्ड फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व जस्टिस वी ईश्वरैया ने ओबीसी समाज के लोगों का आह्वान किया कि वो अपने संवैधानिक हकों के लिए एकजुट होकर प्रयास करें। जब तक समाज एकजुट नहीं होगा, तब तक अनदेखी होती रहेगी। जस्टिस ईश्वरैया रविवार को समस्त पिछड़ा वर्ग समाज की ओर से महम के ऐतिहासिक चौबीसी चबूतरे पर आयोजित ओबीसी महापंचायत में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।

इस हापंचायत में पूर्व जस्टिस वीरेंद्र यादव ने भी ओबीसी समाज से जुड़े विभिन्न मुद्दों को प्रमुखता के साथ उठाते हुए सामूहिक रूप से प्रयास करने पर जोर दिया। वहीं हरियाणा के विभिन्न जिलों और देश के कई प्रदेशों से भी समाज के वरिष्ठजनों ने शिरकत की। महापंचायत में फैसला लिया गया कि जब तक ओबीसी समाज की मांगें पूरी नहीं होगी, तब तक समाज सड़क से संसद तक अपनी लड़ाई जारी रखेगा।

महापंचायत में उपस्थित महिला प्रतिनिधि।

महापंचायत में उपस्थित महिला प्रतिनिधि।

वक्ताओं ने इस बात पर संतुष्टि जाहिर की कि ओबीसी समाज के संघर्ष के चलते सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में हरियाणा सरकार के क्रीमिलेयर संबंधी 2016 के नोटिफिकेशन को रद्द करते हुए आगामी तीन माह में नया नोटिफिकेशन जारी करने के निर्देश दिए हैं। महापंचायत में प्रस्ताव पारित करते हुए प्रदेश सरकार से मांग की गई कि उक्त मामले में कोर्ट के निर्णय के तहत जल्द से जल्द नया नोटिफिकेशन जारी करें। महापंचायत में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि ओबीसी समाज अपने हकों के लिए देशव्यापी आंदोलन शुरू करेगा।

जातीय जनगणना पर दिया जोर
महापंचायत में वक्ताओं ने 2021 की जनगणना में ओबीसी की जातीय जनगणना कराने पर विशेष जोर दिया। वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार जातीय जनगणना कराने से इसलिए हाथ पीछे खींच रही है कि इस जनगणना के बाद ओबीसी समाज को जातीय संख्या के आधार पर उनका संवैधानिक हक देना पड़ेगा। महापंचायत में ओबीसी को पंचायत से संसद तक संख्यानुपातिक प्रतिनिधित्व देने, क्लास फर्स्ट व सेकंड के पदों में 27 प्रतिशत आरक्षण देने व शिक्षा एवं स्वास्थ्य सभी को समान रूप से निशुल्क उपलब्ध कराने सहित अन्य मुद्दों को प्रमुखता के साथ उठाया गया।

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