महंत नरेंद्र गिरि को आज दी जाएगी समाधि LIVE: पोस्टमार्टम के बाद पार्थिव देह को मठ लाया गया, अब संगम स्नान के बाद दी जाएगी समाधि; आनंद गिरी से 12 घंटे लंबी पूछताछ हुई

प्रयागराज30 मिनट पहले

महंत नरेंद्र गिरि को आज मठ में ही समाधि दी जाएगी। इससे पहले उनके पार्थिव शरीर का स्वरूप रानी नेहरू हॉस्पिटल में 5 डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट सीएम को बंद लिफाफे में भेजी जाएगी। बाघंमरी मठ के भीतर समाधि स्थल को फूलों से सजाया गया है। महंत के पार्थिव देह को अब मठ ले जाया जाएगा। उसके बाद संगम में गंगा में स्नान कराने के बाद दोपहर तक बाघंबरी मठ में ही महंत को भू-समाधि दी जाएगी।

महंत के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज में शहरी क्षेत्र के 12वीं तक के सभी स्कूल-कॉलेज में छुट्‌टी कर दी गई है। उधर, आनंद गिरि से एडीजी से लेकर डीआईजी और अन्य अफसरों ने 12 घंटे लंबी पूछताछ की है। आनंद को सुसाइड नोट भी दिखाया गया।

अपडेट्स…

  • निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कैलाशानंदजी महाराज, आचार्य बालकानंद जी महाराज, निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र जी महाराज आदि साधु-संत मठ पहुंच चुके हैं।
  • राम मंदिर आंदोलन से जुड़े पूर्व सांसद राम विलास दास वेदांती बाघंबरी मठ पहुंचे हैं।
  • समाधि स्थल पर खोदाई का काम जारी है। अंतिम यात्रा के लिए 100 क्विंटल फूल मंगाए गए हैं।
  • गिरफ्तार आनंद गिरि, आद्या तिवारी की आज कोर्ट में पेशी होगी। पुलिस रिमांड के लिए अर्जी भी दाखिल करेगी।
पोस्टमार्टम हाउस के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं।

पोस्टमार्टम हाउस के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं।

ऐसी है भू-समाधि की परंपरा
साधु परंपरा के अनुसार पहले उन्हें संगम में स्नान कराया जाएगा। इसके बाद में नए वस्त्र पहनाए जाएंगे। जैसे एक संत का श्रृंगार होता है, उसी तरह से उनका श्रृंगार किया जाएगा। फूल मालाएं पहनाई जाएंगी। उनके शिष्यों और अनुयायियों द्वारा उन्हें दक्षिणा दी जाएगी।

उसके बाद ही विधिवत संत परंपरा के अनुसार उन्हें समाधि दी जाएगी। समाधि देने के अगले दिन से ही बाकायदा धूप दीप और दोनों समय उन्हें भोग लगाया जाएगा। एक वर्ष पूरा होने के बाद समाधि के ऊपर शिवलिंग स्थापित किया जाएगा। जिस पर सुबह और शाम जलाभिषेक होगा और धूप, दीप व अगरबत्ती और पूजन अर्चन किया जाएगा।

प्रयागराज स्थित बाघंबरी गद्दी मठ में महंत नरेंद्र गिरि फंदे से लटके मिले थे। मठ में ही उनको समाधि दी जाएगी।

प्रयागराज स्थित बाघंबरी गद्दी मठ में महंत नरेंद्र गिरि फंदे से लटके मिले थे। मठ में ही उनको समाधि दी जाएगी।

नीबू के पेड़ के नीचे समाधि बनाने की जाहिर की थी इच्छा
महंत नरेंद्र गिरि की अंतिम इच्छा थी कि उनकी समाधि बाघंबरी मठ में नीबू के पेड़ के पास दी जाए। यह बात उन्होंने अपने सुसाइड नोट में भी लिखी है। महंत नरेंद्र का 20 सितंबर को मठ के कमरे में फंदे से शव लटका मिला था। शव के पास ही कई पेज का वसीयतनुमा सुसाइड नोट मिला था।

महंत नरेंद्र गिरि 13 सितंबर को भी आत्महत्या करने जा रहे थे, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाए थे। इसका जिक्र उन्होंने अपने सुसाइड नोट में भी किया है।

महंत नरेंद्र गिरि 13 सितंबर को भी आत्महत्या करने जा रहे थे, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाए थे। इसका जिक्र उन्होंने अपने सुसाइड नोट में भी किया है।

अभी भी उलझी हुई है मौत की गुत्थी
महंत नरेन्द्र गिरि की मौत की गुत्थी अब भी उलझी हुई है। लेटे हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक अमर गिरि पवन महाराज की ओर से स्वामी आनंद गिरि के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस मामले में स्वामी आनंद गिरि समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है और जांच 18 सदस्यीय SIT को सौंपी गई है।

पुलिस स्वामी आनंद गिरी से प्रयागराज पुलिस लाइंस में पूछताछ कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से महंत की मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा।

मंगलवार को महंत का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए बाघंबरी मठ में रखा गया था।

मंगलवार को महंत का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए बाघंबरी मठ में रखा गया था।

2012 से महंत पर हावी था शिष्य आनंद
महंत की मौत का प्रकरण हाई प्रोफाइल होने के कारण सोमवार शाम से देर रात तक प्रयागराज पुलिस का कोई अफसर खुलकर कुछ कहने को तैयार नहीं हुआ, लेकिन दबी जुबान में पुलिस अफसरों का कहना है कि अब तक की जांच में यही सामने आया है कि महंत नरेंद्र गिरि का शिष्य आनंद गिरि उन पर 2012 से ही हावी हो गया था। इसके पीछे चाल-चरित्र और संपत्तियों से जुड़ा विवाद अहम वजह थी। महंत और आनंद एक-दूसरे के राजदार थे।

धमकी देता था आनंद
महंत ने हाल के वर्षों में ख्याति कुछ ज्यादा ही अर्जित कर ली थी तो उन्हें आनंद की नाराजगी से खुद की प्रतिष्ठा को लेकर डर लगने लगा था। चर्चा यह भी है कि आनंद उन्हें डराता था कि यदि वह उनका उत्तराधिकारी नहीं बन सका तो उनके चाल-चरित्र संबंधी वीडियो उजागर कर देगा। नरेंद्र गिरी ने सुसाइड नोट में भी कंप्यूटर से तैयार की गई एक फोटो का जिक्र किया है।

महंत के बहनोई बोले- दूसरों को ज्ञान देते थे वह आत्महत्या नहीं कर सकते
प्रतापगढ़ के मांधाता स्थित पनियारी गांव से महंत नरेन्द्र गिरि की बहन उर्मिला सिंह और बहनोई भागीरथी सिंह समेत अन्य रिश्तेदार बाघंबरी मठ पहुंचे। बहन उर्मिला सिंह ने बताया कि उनके भाई नरेंद्र गिरि के संन्यास लेने के बाद उनकी कभी उनसे मुलाकात नहीं हुई। वहीं, महंत के बहनोई भागीरथी सिंह ने कहा कि महंत दूसरों को ज्ञान देते थे, वह कभी आत्महत्या नहीं कर सकते हैं।

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