- Hindi News
- National
- Manipur Violence; PM Modi Government On UN Experts Remark | Manipur News
UN ने मणिपुर हिंसा के बारे में कॉमेंट किया। भारत सरकार ने UN के बयान को गलत और भड़काऊ कहकर खारिज किया।
यूनाइटेड नेशन्स (UN) के एक्सपर्ट्स ने मणिपुर हिंसा के बारे में लिखी एक रिपोर्ट पर कॉमेंट किया था। भारत सरकार ने एक्सपर्ट्स के कॉमेंट को गलत और भड़काऊ कहकर रिजेक्ट किया।
इस रिपोर्ट का नाम ‘सीरियस ह्यूमन राइट्स वॉयलेशन एंड एब्यूसेस’ था। इसमें मणिपुर में हुए सेक्सुअल वॉयलेंस, घरों का तोड़ना, टॉर्चर, मानव अधिकारों का उल्लंघन के बारे में लिखा था। भारत सरकार ने कॉमेंट को रिजेक्ट कर कहा कि मणिपुर में शांति है और नॉर्मल स्थिति है।
सरकार शांति के लिए काम कर रही है
स्पेशल प्रोसिजर ब्रांच के मानवाधिकार हाई कमिश्नर ने सोमवार 4 सितंबर को एक नोट वर्बेल जारी किया। उन्होंने कहा- मणिपुर में स्थिति शांतिपूर्ण है। सरकार मणिपुर में शांति बनाने के लिए जरूरी कदम उठा रही है। सरकार मानव अधिकारों की रक्षा के लिए सभी काम कर रही है।
परमानेंट मिशन ने बयान को गलत और भड़काऊ बताया
भारत के परमानेंट मिशन ने इस न्यूज रिलीज को रिजेक्ट किया और इसे गलत और भड़काऊ बताया है। मिशन ने जेनेवा में UN ऑफिस और दूसरे ऑर्गनाइजेशन्स को बताया कि एक्सपर्ट्स के बयान से पता चलता है कि उन्हें भारत सरकार की कोशिशों के बारे में जानकारी की कमी है।
सरकार को जवाब के लिए 60 दिन का समय भी नहीं
भारत सरकार के लिए 29 अगस्त 2023 को मणिपुर हिंसा पर एक ज्वाइंट कम्यूनिकेशन जारी किया था। परमानेंट मिशन ने कहा- हमें दुख और आश्चर्य है कि ज्वाइंट कम्यूनिकेशन के बाद SPMH ने भारत सरकार को जवाब देने के लिए 60 दिन का समय भी नहीं दिया। उन्होंने इससे पहले ही यह प्रेस रिलीज जारी कर दी।
मिशन ने SPMH को दी सलाह
यह न्यूज स्पेशल प्रोसिजर मैंडेट होल्डर्स (SPMH) ने रिलीज की थी। इसका नाम, ‘इंडिया: UN एक्सपर्ट्स अलार्म्ड बाय कन्टिन्यूइंग एब्यूजेज इन मणिपुर’ था।
मिशन ने SPMH को सलाह दी कि भविष्य में फेक्ट्स के आधार पर रिपोर्ट दें और ऐसी बातें नहीं लिखें जिनका काउंसिल से लेना देना नहीं है। मिशन ने रिपोर्ट जारी करने से पहले सरकार के इनपुट देने तक इंतजार करने की सलाह भी दी। मिशन ने कहा- भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हमारा कानून और सरकार लोगों की रक्षा के लिए है। भारत का कानून और सिक्योरिटी फोर्सेस किसी भी तरह का भेदभाव नहीं रखते।
हिंसा में औरतों और बच्चियां निशाना थी – UN एक्सपर्ट्स
UN के एक्सपर्ट्स ने ‘सीरियस ह्यूमन राइट्स वॉयलेशन एंड एब्यूसेस’ नाम की रिपोर्ट पर कॉमेंट दिया। उन्होंने मणिपुर में औरतों के खिलाफ हुई हिंसा पर चिंता जताई है।
न्यूज रिलिज में UN एक्सपर्ट्स ने कहा- मणिपुर हिंसा की फोटोस और रिपोर्ट्स बताती है कि हिंसा में औरतों और बच्चियों को निशाना बनाया गया। इनमें कुकी जाति की महिलाएं खास तौर पर निशाने पर रही हैं। मणिपुर हिंसा में गैंग रेप, महिलाओं को सड़कों पर नंगा मार्च, मारपीट, लोगों को जिंदा जलाने जैसे काम शामिल थे।
एक्सपर्ट्स ने कहा- मई 2023 के हिंदू मैतेई और ईसाई कुकी समुदायों की लड़ाई से पता चलता है कि मणिपुर में मानवता की कमी है।
खबरें और भी हैं…
मणिपुर हिंसा पर UN एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट: मानवाधिकार और वॉयलेंस पर लिखा; केंद्र सरकार ने भड़काऊ बताकर रिजेक्ट किया
असम18 मिनट पहले
UN ने मणिपुर हिंसा के बारे में कॉमेंट किया। भारत सरकार ने UN के बयान को गलत और भड़काऊ कहकर खारिज किया।
यूनाइटेड नेशन्स (UN) के एक्सपर्ट्स ने मणिपुर हिंसा के बारे में लिखी एक रिपोर्ट पर कॉमेंट किया था। भारत सरकार ने एक्सपर्ट्स के कॉमेंट को गलत और भड़काऊ कहकर रिजेक्ट किया।
इस रिपोर्ट का नाम ‘सीरियस ह्यूमन राइट्स वॉयलेशन एंड एब्यूसेस’ था। इसमें मणिपुर में हुए सेक्सुअल वॉयलेंस, घरों का तोड़ना, टॉर्चर, मानव अधिकारों का उल्लंघन के बारे में लिखा था। भारत सरकार ने कॉमेंट को रिजेक्ट कर कहा कि मणिपुर में शांति है और नॉर्मल स्थिति है।
सरकार शांति के लिए काम कर रही है
स्पेशल प्रोसिजर ब्रांच के मानवाधिकार हाई कमिश्नर ने सोमवार 4 सितंबर को एक नोट वर्बेल जारी किया। उन्होंने कहा- मणिपुर में स्थिति शांतिपूर्ण है। सरकार मणिपुर में शांति बनाने के लिए जरूरी कदम उठा रही है। सरकार मानव अधिकारों की रक्षा के लिए सभी काम कर रही है।
परमानेंट मिशन ने बयान को गलत और भड़काऊ बताया
भारत के परमानेंट मिशन ने इस न्यूज रिलीज को रिजेक्ट किया और इसे गलत और भड़काऊ बताया है। मिशन ने जेनेवा में UN ऑफिस और दूसरे ऑर्गनाइजेशन्स को बताया कि एक्सपर्ट्स के बयान से पता चलता है कि उन्हें भारत सरकार की कोशिशों के बारे में जानकारी की कमी है।
सरकार को जवाब के लिए 60 दिन का समय भी नहीं
भारत सरकार के लिए 29 अगस्त 2023 को मणिपुर हिंसा पर एक ज्वाइंट कम्यूनिकेशन जारी किया था। परमानेंट मिशन ने कहा- हमें दुख और आश्चर्य है कि ज्वाइंट कम्यूनिकेशन के बाद SPMH ने भारत सरकार को जवाब देने के लिए 60 दिन का समय भी नहीं दिया। उन्होंने इससे पहले ही यह प्रेस रिलीज जारी कर दी।
मिशन ने SPMH को दी सलाह
यह न्यूज स्पेशल प्रोसिजर मैंडेट होल्डर्स (SPMH) ने रिलीज की थी। इसका नाम, ‘इंडिया: UN एक्सपर्ट्स अलार्म्ड बाय कन्टिन्यूइंग एब्यूजेज इन मणिपुर’ था।
मिशन ने SPMH को सलाह दी कि भविष्य में फेक्ट्स के आधार पर रिपोर्ट दें और ऐसी बातें नहीं लिखें जिनका काउंसिल से लेना देना नहीं है। मिशन ने रिपोर्ट जारी करने से पहले सरकार के इनपुट देने तक इंतजार करने की सलाह भी दी। मिशन ने कहा- भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हमारा कानून और सरकार लोगों की रक्षा के लिए है। भारत का कानून और सिक्योरिटी फोर्सेस किसी भी तरह का भेदभाव नहीं रखते।
हिंसा में औरतों और बच्चियां निशाना थी – UN एक्सपर्ट्स
UN के एक्सपर्ट्स ने ‘सीरियस ह्यूमन राइट्स वॉयलेशन एंड एब्यूसेस’ नाम की रिपोर्ट पर कॉमेंट दिया। उन्होंने मणिपुर में औरतों के खिलाफ हुई हिंसा पर चिंता जताई है।
न्यूज रिलिज में UN एक्सपर्ट्स ने कहा- मणिपुर हिंसा की फोटोस और रिपोर्ट्स बताती है कि हिंसा में औरतों और बच्चियों को निशाना बनाया गया। इनमें कुकी जाति की महिलाएं खास तौर पर निशाने पर रही हैं। मणिपुर हिंसा में गैंग रेप, महिलाओं को सड़कों पर नंगा मार्च, मारपीट, लोगों को जिंदा जलाने जैसे काम शामिल थे।
एक्सपर्ट्स ने कहा- मई 2023 के हिंदू मैतेई और ईसाई कुकी समुदायों की लड़ाई से पता चलता है कि मणिपुर में मानवता की कमी है।