मणिपुर में IED ब्लास्ट में 4 पुलिसकर्मी घायल: 4 दिसंबर को इसी जगह 13 लोग मारे गए थे; इम्फाल वेस्ट में भी एक की मौत

  • Hindi News
  • National
  • Manipur Violence Update; Moreh RPG Attack On Police | Imphal Moreh Highway

इंफाल1 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

राज्य में 3 मई के बाद से हिंसा जारी है। जिसके चलते 200 लोगों की मौत हुई है, जबकि 50 हजार लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है।

मणिपुर में अज्ञात बंदूकधारियों ने सुरक्षा बलों के वाहन पर IED से हमला कर दिया। इसमें 4 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। फिलहाल उनका इलाज 5 असम राइफल्स कैंप में चल रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना टेंग्नौपाल के मोरेह में शनिवार दोपहर 3:30 बजे हुई। उपद्रवियों ने पुलिस को उस समय निशाना बनाया, जब वे मोरेह से की लोकेशन पॉइंट (KLP) की ओर बढ़ रहे थे। 4 दिसंबर को इसी जगह में दो गुटों के बीच हुई फायरिंग में 13 लोगों की मौत हो गई थी।

वहीं, इम्फाल वेस्ट जिले के कदंगबंद में बंदूकधारियों ने एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान जेम्सबॉन्ड निंगोमबाम के रूप में हुई है। पुलिस ने कहा कि जेम्सबॉन्ड गांव की सुरक्षा में तैनात था।

मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह ने युवक की हत्या की निंदा की है। सीएम ने कहा- कुछ लोग राज्य में शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। दोषियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान जारी है। हम उन्हें नहीं बख्शेंगे।

मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

दो बम विस्फोट हुए, फिर 400 राउंड गोलियां चलीं
पुलिस ने कहा कि मोरेह वार्ड नंबर 9 के चिकिम वेंग में अज्ञात बंदूकधारियों ने मोरेह की कमांडो टीम पर गोलियां चलाईं और बम फेंके। यह घटना तब हुई जब मणिपुर पुलिस कमांडो इलाके में नियमित पेट्रोलिंग कर रहे थे। ​​पुलिस ने कहा कि शुरुआत में दो बम विस्फोट हुए, इसके बाद 350 से 400 राउंड गोलियां चलीं।

24 अक्टूबर को मणिपुर के वांगू लाइफाम इलाके में काकचिंग पुलिस के सर्च आपरेशन में घरों और पहाड़ी से बड़ी संख्या में हाईटेक हथियार और चीनी ग्रेनेड बरामद किए गए थे।

24 अक्टूबर को मणिपुर के वांगू लाइफाम इलाके में काकचिंग पुलिस के सर्च आपरेशन में घरों और पहाड़ी से बड़ी संख्या में हाईटेक हथियार और चीनी ग्रेनेड बरामद किए गए थे।

18 कुकी उग्रवादी समूह, दो सबसे ज्यादा सक्रिय
मणिपुर में 18 कुकी उग्रवादी समूह हैं। इनमें से सबसे ज्यादा सक्रिय कुकी रिवोल्यूशनरी आर्मी (केआरए) और कुकी नेशनल आर्मी (केएनए) संगठन हैं। कुकी उग्रवादी समूहों ने 2008 में सरकार के साथ त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

आठ मैतेई संगठनों पर यूएपीए प्रतिबंध बढ़ाया
सशस्त्र संघर्ष के जरिए मणिपुर को भारत से अलग करने की वकालत करने वाले 8 मैतेई चरमपंथी संगठनों के खिलाफ गृह मंत्रालय ने 13 नवंबर 2023 को यूएपीए प्रतिबंध बढ़ा दिया था। सभी 8 संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से संबंधित हैं।

ये खबरें भी पढ़ें…

मणिपुर फायरिंग में मारे गए 13 लोग मैतेई थे:कुकी बहुल इलाके में दूसरे गुट ने गोलीबारी की थी, ज्यादातर की उम्र 20 से 25 साल

मणिपुर में 4 दिसंबर को दो गुटों के बीच गोलीबारी में मारे गए 13 लोगों पहचान हो गई है। ये सभी मैतेई समुदाय के हैं। घटना म्यांमार बॉर्डर से लगे कुकी बहुल टेंग्नौपाल​​​​​​ जिले के लीथू गांव में हुई थी। मारे गए लोगों में से अधिकतर की उम्र 20 से 25 साल के बीच थी।

जानकारी के मुताबिक, मृतकों का पुलिस में कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। पुलिस ने कहा कि इन हत्याओं की जांच जारी है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, ऐसी आशंका है कि ये सभी लोग हथियारों की ट्रेनिंग लेने के लिए बॉर्डर पार जा रहे थे। पूरी खबर यहां पढ़ें…

सेना के अफसर ने बताई मणिपुर हिंसा की वजह:कहा- म्यांमार में अशांति का यहां तक असर, जनता के पास हथियार होना भी एक कारण

मणिपुर में 3 मई से हिंसा हो रही है। इंफाल में 26 सितंबर सुरक्षाबलों और स्टूडेंट्स के बीच झड़प हुई थी। तस्वीर उसी दिन की है।

मणिपुर में 3 मई से हिंसा हो रही है। इंफाल में 26 सितंबर सुरक्षाबलों और स्टूडेंट्स के बीच झड़प हुई थी। तस्वीर उसी दिन की है।

पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलीता ने 16 दिसंबर को कहा कि मणिपुर में हिंसा की सबसे बड़ी वजह कुकी-मैतेई के पास बड़ी संख्या में हथियारों की मौजूदगी और पड़ोसी म्यांमार में अस्थिरता है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना और असम राइफल्स ने राज्य पुलिस और CAPF के साथ मिलकर मणिपुर हिंसा को काफी हद तक कंट्रोल कर लिया है। पूरी खबर यहां पढ़ें…

मणिपुर में 30 उग्रवादी समूह फिर सक्रिय, 2019 से अंडरग्राउंड थे

4 दिसंबर को मणिपुर के टेंगनाउपोल जिले के लीथू गांव के पास जंगल में 13 लोगों के शव मिले थे। जांच में पता चला कि ये सभी मैतेई उग्रवादी समूह द रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) की पॉलिटिकल विंग पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के थे और म्यांमार हथियारों की ट्रेनिंग लेने जा रहे थे। पूरी खबर पढ़ें …

खबरें और भी हैं…