मणिपुर में BJP कार्यालय में भीड़ ने आग लगाई: BJP प्रेसिडेंट के घर पर हमला किया, दो स्टूडेंट्स की हत्या को लेकर विरोध जारी

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इंफाल28 मिनट पहले

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मणिपुर के थाउबल जिले में BJP कार्यालय को भीड़ ने आग लगा दी।

मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच 3 मई से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। दो लापता स्टूडेंट्स की हत्या को लेकर प्रदर्शनकारी विरोध कर रहे हैं। उधर, 27 सितंबर को भीड़ ने थाउबल जिले में BJP ऑफिस में आग लगा दी। इसके अलावा इंफाल में BJP प्रेसिडेंट शारदा देवी के घर पर भी तोड़फोड़ की गई है।

वहीं, पुलिस ने बुधवार को प्रेस नोट जारी कर बताया कि राज्य में बीते 24 घंटे में माहौल तनावपूर्ण रहा। लेकिन हालात पर कंट्रोल किया गया। हिंसा से जुड़ी घटनाओं को लेकर 1697 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

स्टूडेंट मर्डर केस की जांच के लिए CBI के स्पेशल डायरेक्टर अजय भटनागर अपनी टीम के साथ स्पेशल फ्लाइट में इंफाल पहुंच गए हैं

मणिपुर में भीड़ ने पुलिस वाहन में तोड़फोड़ की। साथ ही वाहन को गिरा दिया।

मणिपुर में भीड़ ने पुलिस वाहन में तोड़फोड़ की। साथ ही वाहन को गिरा दिया।

सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर पैलेट गन चलाई, एक स्टूडेंट के सिर में घुसे छर्रे
राजधानी इंफाल सहित कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़प हुई। पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले, नकली बम फेंके। साथ ही पैलेट गन भी चलाई। इसमें कई स्टूडेंट घायल हो गए। वहीं, एक छात्र के सिर में छर्रे घुसने से उसकी हालत गंभीर है।

इंफाल घाटी में पिछले 2 दिन में हुए प्रदर्शन में 50 लोग घायल हो गए। इनमें ज्यादातर छात्र हैं।

इंफाल पश्चिम जिले के मोइरांगखोम में भीड़ को कंट्रोल करने के लिए सुरक्षाबलों ने पैलेट गन चलाई, जिसमें एक प्रदर्शनकारी छर्रे लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया।

इंफाल पश्चिम जिले के मोइरांगखोम में भीड़ को कंट्रोल करने के लिए सुरक्षाबलों ने पैलेट गन चलाई, जिसमें एक प्रदर्शनकारी छर्रे लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया।

पहाड़ी इलाकों में AFSPA छह महीने बढ़ाया गया
राज्य के पहाड़ी इलाकों में AFSPA अभी लागू रहेगा। सरकार ने इसे 1 अक्टूबर से छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। सिर्फ 19 थाना क्षेत्रों को इससे अलग रखा गया है। राज्य के बाकी हिस्से को डिस्टर्ब एरिया घोषित किया गया है।

जिन 19 थाना क्षेत्रों को AFSPA से अलग रखा गया है, उनमें इंफाल, लेंफेल, सिटी, सिंग्जमेई, सेकमई, लामसांग, पत्सोई, वांगोई, पोरोमपट, हेंगेंग, लामलाई, इरिलबुंग, लेमखोंग, थोबुल, बिष्णुपुर, नांबोल, मोइरोंग, काकचिंग और जिरिबम शामिल हैं।

मणिपुर में बीते दो दिनों से हो रही हिंसा और प्रदर्शन की 6 तस्वीरें…

ये 27 सितंबर की तस्वीर है। स्टूडेंट्स ने लगातार दूसरे दिन छात्रों की हत्या को लेकर प्रदर्शन किया।

ये 27 सितंबर की तस्वीर है। स्टूडेंट्स ने लगातार दूसरे दिन छात्रों की हत्या को लेकर प्रदर्शन किया।

पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

पुलिस ने भीड़ पर काबू करने के लिए रबर बुलेट और पैलेट गन चलाई।

पुलिस ने भीड़ पर काबू करने के लिए रबर बुलेट और पैलेट गन चलाई।

ये 26 सितंबर की तस्वीर है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प इंफाल के सिंग्जमेई इलाके में हुई थी।

ये 26 सितंबर की तस्वीर है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प इंफाल के सिंग्जमेई इलाके में हुई थी।

प्रदर्शनकारियों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी।

प्रदर्शनकारियों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी।

इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। सड़क पर गोलीबारी हो रही थी।

इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। सड़क पर गोलीबारी हो रही थी।

मणिपुर की ताजा घटनाएं…

23 सितंबर : राज्य में 23 सितंबर को मोबाइल इंटरनेट से बैन हटने के बाद दो स्टूडेंट्स के शवों की फोटो सामने आई थी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। फोटो में दोनों की बॉडी जमीन पर पड़ी हुई नजर आ रही है। साथ ही लड़के का सिर कटा हुआ है। हालांकि दोनों के शव अभी तक नहीं मिले हैं। जुलाई में दोनों स्टूडेंट्स एक दुकान में लगे CCTV कैमरे में दिखाई दिए थे, लेकिन उसके बाद से उनका पता नहीं चल सका है।

26 सितंबर : इंफाल शहर में 26 सितंबर को सुरक्षाबलों और स्टूडेंट्स के बीच झड़प हुई। इसमें 1 टीचर सहित 54 छात्र घायल हो गए। स्टूडेंट्स जुलाई से लापता दो स्टूडेंट्स की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। सभी घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने एक बार फिर मोबाइल इंटरनेट पर 1 अक्टूबर तक के लिए बैन लगा दिया है।

26 सितंबर : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें प्रदर्शन कर रहे लोगों से निपटने के दौरान एक RAF जवान को यह कहते सुना गया कि ये हमारी जाति के नहीं है, जो करना है करो। मणिपुर पुलिस ने इस वीडियो का खंडन किया। पुलिस के मुताबिक, क्लिप में आवाज RAF जवान की नहीं है। सिक्योरिटी फोर्स की इमेज खराब करने के इरादे से यह किया गया।

स्टूडेंट्स की हत्या के विरोध में प्रदर्शन के दौरान घायल हुए छात्रों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

स्टूडेंट्स की हत्या के विरोध में प्रदर्शन के दौरान घायल हुए छात्रों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इन दो तस्वीरों के सामने आने के बाद भड़की हिंसा…

पहली तस्वीर- इसमें दो स्टूडेंट्स 17 साल की हिजाम लिनथोइंगंबी और 20 साल का फिजाम हेमजीत बैठे हुए नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर में छात्रा एक सफेद टी-शर्ट में है, जबकि हेमजीत चेक शर्ट में है और बैकपैक पकड़े हुए है। उनके पीछे दो बंदूकधारी भी नजर आ रहे हैं।

17 साल की हिजाम लिनथोइंगंबी और 20 साल का फिजाम हेमजीत बैठे हुए नजर आ रहे हैं।

17 साल की हिजाम लिनथोइंगंबी और 20 साल का फिजाम हेमजीत बैठे हुए नजर आ रहे हैं।

दूसरी तस्वीर- इस तस्वीर में दोनों स्टूडेंट्स के शव झाड़ियों के बीच पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह तस्वीर मणिपुर के किस इलाके की है। पुलिस और जांच एजेंसी शव ढूंढने की कोशिश कर रही हैं।

इस तस्वीर में दोनों स्टूडेंट्स के शव झाड़ियों के बीच पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं।

इस तस्वीर में दोनों स्टूडेंट्स के शव झाड़ियों के बीच पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं।

मणिपुर सरकार ने कहा- मामले की जांच CBI कर रही
दैनिक भास्कर को मुख्यमंत्री ऑफिस के सूत्रों ने बताया- सरकार ने कहा है कि जो भी दोषी हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल मामले की जांच CBI कर रही है। सुरक्षाबलों ने अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान भी शुरू कर दिया है।

लोगों से अपील की गई है कि मामले में संयम बरतें और जांच एजेंसियों को अपना काम करने दें। वहीं, राज्य सरकार ने सभी सरकारी-गैर सरकारी स्कूलों को 27 सितंबर और 29 सितंबर को बंद रखने का आदेश जारी किया है।

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने हत्या के मामले को लेकर कहा- केंद्र और राज्य सरकार साथ मिलकर काम कर रही हैं। दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। जल्द ही सभी आरोपियों की गिरफ्तारी होगी।

इधर, गृह मंत्री अमित शाह को 24 विधायकों ने अपने साइन करके एक पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने दोनों स्टूडेंट्स की हत्या के आरोपियों को CBI द्वारा जल्द से जल्द पकड़ने की अपील की है।

खड़गे बोले – खूबसूरत राज्य मणिपुर युद्धक्षेत्र में बदला
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर हिंसा को लेकर PM मोदी की आलोचना की। उन्होंने मणिपुर मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की।

खड़गे ने X (पूर्व टि्वटर) पर पोस्ट किया कि 147 दिनों से मणिपुर के लोग पीड़ित हैं, लेकिन PM मोदी के पास राज्य का दौरा करने का समय नहीं है। अब यह स्पष्ट है कि हिंसा के खिलाफ इस संघर्ष में महिलाओं और बच्चों को हथियार बनाया गया। खूबसूरत राज्य मणिपुर को युद्ध के मैदान में बदल दिया गया है। यह सब बीजेपी की वजह से हो रहा है। अब समय आ गया है कि PM मोदी बीजेपी के अयोग्य मुख्यमंत्री को बर्खास्त करें।

प्रियंका बोलीं- केंद्र को अपनी निष्क्रियता पर शर्म आनी चाहिए
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा- मणिपुर में बच्चे जातीय हिंसा के सबसे कमजोर शिकार हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी रक्षा के लिए हर संभव कोशिश करें। मणिपुर में हो रहे अपराध शब्दों से परे हैं, फिर भी राज्य में अपराधों को बिना किसी रोक-टोक के जारी रहने दिया जा रहा है। केंद्र को अपनी निष्क्रियता पर शर्म आनी चाहिए।

19 जुलाई को महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो वायरल हुआ था
4 मई को ही दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना थोउबाल जिले में हुई थी। इसका वीडियो 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कुछ लोग दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके ले गए और उनसे अश्लील हरकतें कीं।

एक पीड़ित महिला के पति ने बताया- ‘हजार लोगों की भीड़ ने गांव पर हमला किया था। मैं भीड़ से अपनी पत्नी और गांव वालों को नहीं बचा पाया। पुलिसवालों ने भी हमें सुरक्षा नहीं दी। भीड़ तीन घंटे तक दरिंदगी करती रही। मेरी पत्नी ने किसी तरह एक गांव में पनाह ली।’

वहीं, वीडियो में दिख रही दूसरी महिला की मां ने कहा- ‘अब हम कभी अपने गांव नहीं लौटेंगे। वहां मेरे छोटे लड़के की गोली मारकर हत्या कर दी गई, मेरी बेटी को शर्मिंदा किया गया। अब मेरे लिए सब कुछ खत्म हो चुका है।’

यह फोटो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाए जाने के वीडियो से ही ली गई है। हमने महिलाओं वाले हिस्से को नहीं लगाया। यह हुजूम आरोपियों का है।

यह फोटो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाए जाने के वीडियो से ही ली गई है। हमने महिलाओं वाले हिस्से को नहीं लगाया। यह हुजूम आरोपियों का है।

मणिपुर में अब तक 175 की मौत, 1100 घायल
मणिपुर में पिछले 4 महीने से चल रही जातीय हिंसा में अब तक 175 लोग मारे गए हैं। 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इतना ही नहीं 5172 आगजनी के केस सामने आए, जिनमें 4786 घरों और 386 धार्मिक स्थलों को जलाने और तोड़फोड़ करने की घटनाएं शामिल हैं।

ये तस्वीरें मणिपुर में अलग-अलग घटनाओं से जुड़ी हैं। राज्य में पिछले चार महीनों से हिंसा जारी है।

ये तस्वीरें मणिपुर में अलग-अलग घटनाओं से जुड़ी हैं। राज्य में पिछले चार महीनों से हिंसा जारी है।

हिंसा के बाद 65 हजार से ज्यादा लोगों ने घर छोड़ा
मणिपुर में अब तक 65 हजार से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। राज्य में 36 हजार सुरक्षाकर्मी और 40 IPS तैनात किए गए हैं। पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में कुल 129 चौकियां स्थापित की गईं हैं।

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मणिपुर कोर्ट से 5 आरोपियों को जमानत

मणिपुर की स्पेशल NIA कोर्ट ने 22 सितंबर को अत्याधुनिक हथियार रखने और पुलिस की वर्दी पहनने के आरोप में गिरफ्तार पांच आरोपियों को जमानत दे दी। आरोपियों को जमानत शर्तों के साथ 50 हजार रुपए का पर्सनल बॉन्ड भरने के बाद मिली है। हालांकि कोर्ट ने सभी को हर 15 दिन में कोर्ट में मौजूद रहने कहा है। पढ़ें पूरी खबर…

NIA ने मणिपुर से संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार किया

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने मणिपुर से एक संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी के अधिकारी ने शनिवार 23 सितंबर को यह जानकारी दी। उनका दावा है कि आरोपी म्यांमार स्थित टेरर ग्रुप का सदस्य है। वो मणिपुर में हो रही जातिया हिंसा का इस्तेमाल देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए करने की साजिश कर रहा था। पढ़ें पूरी खबर…

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