मणिपुर में महिला समेत 2 लोगों की हत्या: शव की आंखों पर पट्टी बंधी, हाथ पीछे से बंधे; सिर पर गोली लगने के निशान

इंफाल3 मिनट पहले

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मणिपुर के इंफाल में पुलिस ने बुधवार को दो शव बरामद किए। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक शव महिला का है, जो ताइरेनपोकपी इलाके के आसपास मिला।

वहीं मंगलवार को इंफाल पूर्वी जिले के ताखोक मापल माखा इलाके में एक पुरुष की डेड बॉडी मिली, जिसकी उम्र लगभग 40 साल बताई जा रही है।

पुलिस के मुताबिक, मरने वालों की आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी और हाथ पीठ के पीछे बंधे हुए थे और सिर पर गोली के निशान थे। पुलिस ने कहा- महिला उन चार लापता लोगों में से एक है, जिन्हें 7 नवंबर को इंफाल पश्चिम जिले के कांगचुप तलहटी से किडनैप कर लिया गया था।

मैतेई भीड़ ने कुकी लोगों को अगवा किया, 3 सैनिक परिवार के
मणिपुर के कांगपोकपी जिले में कांग्चुप चिंगखोंग गांव के पास 7 नवंबर को एक चेकपॉइंट पर मैतेई लोगों की भीड़ ने एक वाहन रोककर उसमें सवार चार कुकी लोगों को अगवा कर लिया था। इनमें से तीन लोग एक सैनिक के परिवार के हैं। इनमें सैनिक की मां भी शामिल है।

जैसे ही लोगों के अगवा होने की खबर फैली, कुछ कुकी लोग हाथों में हथियार लिए घटनास्थल पर पहुंचे और कांग्चुप की तरफ फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में दो पुलिसकर्मियों और एक महिला समेत नौ लोग घायल हो गए। घायलों को इंफाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सूत्रों के मुताबिक, वाहन में एक 65 साल के बुजुर्ग भी सवार थे, जिन्हें मौके पर मौजूद सुरक्षाबलों ने अगवा होने से बचा लिया। उनकी पहचान मंगलून हाओकिप के नाम से हुई है। उन्हें कई गंभीर चोटें आईं थीं, जिसके चलते उन्हें नगालैंड के दीमापुर में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बाकी चार लोगों की पहचान नेंगकिम (60), नीलम (55), जॉन थंगजिम हाओकिप (25) और जमखोतंग (40) के तौर पर हुई है। इनमें से एक महिला का शव मिल गया है।

मैतेई बहुल इंफाल वेस्ट और कुकी-जो बहुल कांगपोकपी के बीच कांग्चुप में हुई वारदात के बाद यहां सुरक्षाबल तैनात किया गया है।

मैतेई बहुल इंफाल वेस्ट और कुकी-जो बहुल कांगपोकपी के बीच कांग्चुप में हुई वारदात के बाद यहां सुरक्षाबल तैनात किया गया है।

चुराचांदपुर से कांगपोकपी जा रहे थे पांचों लोग
पुलिस ने बताया कि पांच कुकी लोग चुराचांदपुर से कांगपोकपी की तरफ जा रहे थे, जब कांगपोकपी बॉर्डर पर इंफाल वेस्ट में दाखिल होते ही मैतेई समुदाय के कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया।

जानकारी के मुताबिक, सैनिक मणिपुर के बाहर पोस्टेड है। जहां ये वारदात हुई, वो जगह कुकी-जो बहुल कांगपोकपी और मैतेई बहुत इंफाल वेस्ट जिले से लगी हुई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो दिन पहले कांगपोकपी जिले के पास सेकमाई इलाके से दो मैतेई छात्र गायब हो गए थे, जिसके बाद मैतेई समुदाय के लोगों ने कुकी लोगों पर हमला किया है।

पुलिस को दोनों छात्रों के फोन सेनापति जिले के पास एक पेट्रोल पंप से काली पॉलीथीन में लिपटे हुए मिले हैं।

ITLF ने मैतेई संगठन को दोषी ठहराया
इस घटना को लेकर कुकी समुदाय के इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने केंद्रीय सुरक्षा बलों से अपील की है कि अगवा हुए चारों लोगों की तलाश करें। एक बयान जारी करके ITLF ने मैतेई संगठन अरमबाई तेंगोल को घटना का दोषी ठहराया है। ITLF ने कहा कि हमें डर है कि कहीं उन लोगों की हत्या न कर दी गई हो।

म्यांमार ने भारत से लगी सीमा सील की
वहीं, मणिपुर पुलिस के DIG जोगेशचंद्र हाओबिजाम के नेतृत्व में 11 IRB कर्मियों और 7 कमांडो की टीम ने बॉर्डर एरिया से 40 म्यांमारी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है।

इधर, मोरेह स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) पर अज्ञात लोगों की अंधाधुंध फायरिंग के बाद म्यांमार ने इंडो-म्यांमार बॉर्डर को सील कर दिया है।

गेट नंबर-1 और गेट नंबर-2 को बंद किया गया है, जो मोरेह को म्यांमार के सैगंग राज्य के नामफालोंग जिले से जोड़ते हैं। दरअसल, 5 नवंबर को ICP पर हमला हुआ था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।

म्यांमार ने इंडो-म्यांमार बॉर्डर के गेट नंबर-1 और गेट नंबर-2 को बंद कर दिया है।

म्यांमार ने इंडो-म्यांमार बॉर्डर के गेट नंबर-1 और गेट नंबर-2 को बंद कर दिया है।

मणिपुर में नवंबर में हुए घटनाक्रम

  • 1 नवंबर: इंफाल में देर रात 31 अक्टूबर को हुई SDOP की हत्या से नाराज भीड़ ने मणिपुर राइफल्स के शिविर पर हमला किया था। इनका मकसद हथियार लूटना था। हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने कई राउंड हवाई फायरिंग कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया।
  • 5 नवंबर: इंफाल पश्चिमी जिले से दो युवक सेकमाई इलाके में जाने के लिए निकले थे। उसके बाद से दोनों की कोई खबर नहीं है। पुलिस ने लापता मैबम अविनाश (16) और निंगथोउजाम एंथनी (19) के मोबाइल सेनापति जिले में पेट्रोल पंप के पास से बरामद किए। राज्य में मोबाइल इंटरनेट पर बैन 8 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है।
  • 6 नवंबर: मणिपुर पुलिस ने 3 लोगों को हिरासत में लिया। इन पर दो युवकों के अपहरण का आरोप है। लापता युवकों के परिजन ने राज्यपाल अनुसुइया उइके और पुलिस से शिकायत की। साथ ही इंफाल में रैली निकाली। रास्ते जाम कर प्रदर्शन किया।
  • 7 नवंबर: मणिपुर के कांगचुप इलाके में 7 नवंबर को गोलीबारी हुई, जिसमें 2 पुलिसकर्मियों, एक महिला समेत 9 लोग घायल हो गए। सात लोगों को रिम्स तो 3 लोगों को राज मेडिसिटी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया।
  • 9 नवंबर: इंफाल में महिला समेत दो लोगों का शव बरामद। पुलिस ने बताया, शव की आंखों पर पट्टी बंधी थी जबकि हाथ पीछे से बंधे थे। वहीं सिर पर गोली लगने के निशान मिले।
हिंसा के चलते मणिपुर देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां जिलों से लेकर सरकारी दफ्तर तक सब कुछ दो समुदायों में बंट चुके हैं।

हिंसा के चलते मणिपुर देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां जिलों से लेकर सरकारी दफ्तर तक सब कुछ दो समुदायों में बंट चुके हैं।

मणिपुर के मौजूदा हालात…

  • मणिपुर में जिलों से लेकर सरकारी दफ्तर तक सब कुछ दो समुदायों में बंट चुके हैं। पहले 16 जिलों में 34 लाख की आबादी में मैतेई-कुकी साथ रहते थे, लेकिन अब कुकी बहुल चुराचांदपुर, टेंगनाउपोल, कांगपोकपी, थाइजॉल, चांदेल में कोई भी मैतेई नहीं बचा है। वहीं मैतेई बहुल इंफाल वेस्ट, ईस्ट, विष्णुपुर, थोउबल, काकचिंग, कप्सिन से कुकी चले गए हैं।
  • कुकी इलाकों के अस्पतालों को मैतई डॉक्टर छोड़कर चले गए हैं। इससे यहां इलाज बंद हो गया। अब कुकी डॉक्टर कमान संभाल रहे हैं। सप्लाई नहीं होने से यहां मरहम-पट्‌टी, दवाओं की भारी कमी है।
  • सबसे ज्यादा असर स्कूलों पर हुआ है। 12 हजार 104 स्कूली बच्चों का भविष्य अटक गया है। ये बच्चे 349 राहत कैंपों में रह रहे हैं। सुरक्षाबलों की निगरानी में स्कूल 8 घंटे की जगह 3-5 घंटे ही लग रहे हैं। राज्य में 40 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।
  • हिंसा के बाद से अब तक 6523 FIR दर्ज हुई हैं। इनमें ज्यादातर शून्य FIR हैं। इनमें 5107 मामले आगजनी, 71 हत्याओं के हैं। सीबीआई की 53 अधिकारियों की एक टीम 20 मामले देख रही है।
  • इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, झिरिबम, विष्णुपुर, थोउबल, चुराचांदपुर और टेंगनाउपोल, कांगपोकपी, काकचिंग, फेरजॉल में कर्फ्यू लगा है। जबकि सेनापति, उर्खुल, कामजोंग, टेमेंगलोंग, नॉने और कप्सिन में शाम 6 से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लगा है। पूरी खबर पढ़ें…

4 पॉइंट्स में जानिए- क्या है मणिपुर हिंसा की वजह…
मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।

मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया।

नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा।

सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।

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