मंत्री पद न मिलने के बाद सामने आए कुलजीत नागरा: दावा- मैं MLA पद से इस्तीफा दे चुका हूं, हाईकमान को बता दिया था; हकीकत- सोनिया के हस्तक्षेप के बाद कटा पत्ता

जालंधर14 मिनट पहले

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कुलजीत नागरा।

पंजाब में नई सरकार में मंत्री पद से कुलजीत नागरा का अंतिम वक्त में नाम कट गया। उनकी जगह काका रणदीप नाभा को मंत्री बनाया जा रहा है। इसके बाद पंजाब कांग्रेस के वर्किंग प्रधान कुलजीत नागरा सामने आए हैं। नागरा ने सफाई दी कि वह तो मंत्री पद की दौड़ में ही नहीं थे। यह सिर्फ कयास लगाए जा रहे थे। हालांकि उन्होंने इसका बचाव करने की भी कोशिश की। नागरा ने कहा कि वह तो पहले ही MLA पद से इस्तीफा दे चुके हैं। उन्होंने इसके बारे में हाईकमान को भी बता दिया था।

सूत्रों से इसी बीच बड़ी खबर यह है कि नागरा के नाम की पैरवी राहुल गांधी ने की थी। नागरा शुरू से कैप्टन विरोधी रहे हैं। इसलिए मंत्री पद के लिए उनका नाम फाइनल लिस्ट में था। इसी वजह से नागरा ने चुप्पी साध रखी थी। उनके नाम को लेकर कल से ही कांग्रेस के भीतर चर्चा शुरू हो गई थी।

एक ही जिले से 2 मंत्री की वजह से फंसा पेंच
उसके बाद यह चर्चा होने लगी कि फतेहगढ़ साहिब जिले से नागरा के साथ गुरकीरत कोटली भी मंत्री बनाए जा रहे हैं। एक ही जिले से दो मंत्री की बात सोनिया गांधी को खटक गई। इसके बाद उन्होंने हस्तक्षेप किया। पहले कोटली का पत्ता काटा जा रहा था। हालांकि तब नागरा का नाम सामने आया। नागरा को फिलहाल संगठन में जिम्मेदारी को देखते हुए मंत्री पद से उनका नाम काट दिया गया।

काले कानून के विरोध में दो बार दे चुका इस्तीफा
कुलजीत नागरा ने कहा कि उनके मंत्री पद के बारे में कोई औपचारिक लिस्ट नहीं आई थी। वह काले कानून के विरोध में दो बार स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं। एक बार स्पीकर ने लौटाया तो दूसरी बार उन्होंने फिर दे दिया। मैंने कांग्रेस हाईकमान से भी बात की। रात व फिर आज सुबह फोन कर बताया कि वह तो MLA पद से इस्तीफा दे चुके हैं।

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