भारत में फंसे 51 परिवारों में से 46 पाकिस्तान रवाना: अनपढ़ लोगों को गलत जानकारी देकर बॉर्डर पार करवा देते हैं पाक एजेंट, लौटते समय सीमा पर रोक लेते हैं सैनिक; 7 और लोगों ने दुर्ग्याणा मंदिर में ली शरण

अमृतसर10 मिनट पहले

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रत्न, काजल, केवल, चिरनी और बच्चे आशा, कोमल व इंद्रपीत।

पाकिस्तान से भारत घूमने आए 51 परिवारों में से 46 बुधवार को पाकिस्तान रवाना हो गए। सेहत विभाग ने मंगलवार रात ही दुर्ग्याणा मंदिर में ही सभी परिवारों का कोरोन RT-PCR टेस्ट करवा दिया था। बुधवार सुबह ही उन्हें टेस्ट की रिपोर्ट देकर बॉर्डर के लिए रवाना कर दिया गया। लेकिन भारत में जन्मी बच्ची भारती अपने परिवार के साथ अमृतसर में फंस गई है। वहीं अब दुर्ग्याणा मंदिर में 4 व्यस्कों और तीन बच्चों का परिवार भी पहुंचा है, जो पिछले 3 ढाई सालों से भारत में फंसा हुआ है। इनके घर भी एक बच्ची आशा ने जन्म लिया है। लेकिन सोचने वाली बात है कि पाकिस्तान से आने वाले यह सभी परिवार भारत में फंस कैसे जाते हैं। दरअसल, पाकिस्तान से आने वाले अधिकतर लोग अनपढ़ होते हैं। जिस तरह विदेश भेजने का झांसा देने वाले एजेंटों का जाल भारत में फैला है, वैसे ही हालात पाकिस्तान में भी हैं। यह एजेंट पासपोर्ट पर वीजा कुछ और लगवाते हैं और पासपोर्ट धारकों को जानकारी कुछ और देते हैं। जिस कारण पाकिस्तानी भारत तो आ जाते हैं, लेकिन उन्हें देरी से जाने के कारण बॉर्डर पर रोक लिया जाता है। यह कारण है कि सात और लोग अब दुर्ग्याणा पहुंचे हैं।

तीन महीने का वीजा बताया था एजेंट ने
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रहने वाले रत्न ने जानकारी दी कि वह दिसंबर 2018 को भारत आया था। एजेंट ने उसे 3 महीने का वीजा होने की बात कही थी। लेकिन वह एक महीने बाद ही वापस जाने लगे तो बॉर्डर पर जानकारी मिली कि वीजा मात्र 25 दिन का था और उन्हें बॉर्डर क्रास नहीं करने दिया जा सकता।

जोधपुर में रुकते हैं भारत में फंसे हिंदू परिवार
पाकिस्तान से भारत आकर वीजा खत्म होने के बाद परिवार जोधपुर में रुकते हैं। यहां की स्थिति भी भारत-पाकिस्तान के पंजाब की तरह है। पाकिस्तान के कई परिवारों के रिश्तेदार जोधपुर में रहते हैं। इतना ही नहीं पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी परिवार भी यहीं रुके हुए हैं। रत्न के भाई केवल ने बताया कि जोधपुर में 3000 के करीब पाकिस्तान से आकर बसे शरणार्थी परिवार हैं।

भारती के पिता के पास नहीं पासपोर्ट बनवाने का पैसा
भारत की जमीन पर जन्मी पाकिस्तानी परिवार की भारती के पिता भोजा जी मात्र पासपोर्ट के कारण बॉर्डर पार नहीं जा पा रहे। भारती का पाकिस्तानी पासपोर्ट बनवाने के लिए उन्हें 3500 रुपए की आवश्यकता है। वहीं दिल्ली आने-जाने के पैसे भी उनके पास नहीं बचे हैं। भोजा ने कहा है कि वह डीसी अमृतसर से पैसों की मद्द के लिए गुहार लगाएंगे, ताकि कोई फंड उन्हें मिल सके और वे पासपोर्ट बनवाकर पाकिस्तान जा सके।

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